कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की पन्ना जिले में नहीं समुचित व्यवस्थाएं !

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जिला चिकित्सालय पन्ना के कोविड केयर सेंटर का प्रवेश द्वार।

 

*   बेकार पड़े हैं वेंटिलेटर क्योंकि नहीं है ऑपरेटर, कब आएगी सीटी स्कैन मशीन ?

*   महत्वपूर्ण उपकरणों को लेकर शासन-प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि हैं उदासीन

*   कोरोना संक्रमितों के बेहतर इलाज के लिए जानिए ये उपकरण क्यों हैं जरुरी ?

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के कहर में वो सब देखने को मिल रहा है, जो शायद ही कभी पहले देखने को मिला हो। देश-प्रदेश में प्रतिदिन रिकॉर्ड संख्या में नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं और संक्रमण की वजह से बड़ी संख्या में असमय काल कवलित भी हो रहे हैं।
हालात इतने बद्तर हैं कि अस्पतालों में बेड तक खाली नहीं हैं कि मरीजों को भर्ती किया जा सके और ना ही मरीजों को ऑक्सीजन ही पर्याप्त मात्रा में मिल पा रहा है। लोग अपनों की जान बचाने के लिए कभी अस्पताल में बिस्तर के लिए, कभी ऑक्सीजन सिलेंडर तो कभी रेमडेसिविर इंजेक्शन का इंतजाम करने के लिए दर-बदर भटक रहे हैं। कोरोना संकटकाल में बेकाबू हो चुके हालात के बीच आजकल वेंटिलेटर्स बेड एवं सीटी स्कैन मशीन की काफी चर्चा हो रही है।
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की बात करें तो सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर पूरी तरह से निर्भर इस जिले में कोरोना मरीजों के इलाज से जुड़ीं समुचित व्यवस्थाओं का आभाव है। पन्ना के जिला चिकित्सालय में वैसे तो आधा दर्जन वेंटिलेटर उपलब्ध हैं लेकिन वे सभी शो-पीस बने हुए हैं। कोविड केयर सेंटर में रखे इन वेंटिलेटर को इमरजेंसी की स्थिति में कोई चलाने वाला ही नहीं है। कोरोना संकट के साल भर बाद भी जिला चिकित्सालय प्रबंधन/स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी वेंटिलेटर्स को चलाने के लिए योग्य एवं अनुभवी ऑपरेटर की व्यवस्था नहीं कर सके।
सांकेतिक फोटो।
इसी तरह कोरोना संक्रमित मरीजों के फेंफड़ों की जांच के लिए आवश्यक सीटी स्कैन मशीन जिला चिकित्सालय में कब उपलब्ध होगी, कुछ भी बता पाना मुश्किल है। फ़िलहाल सीटी स्कैन मशीन के लिए आर्थिक सहयोग राशि जुटाने का कार्य प्रगति पर है। जबकि पूर्व में यह बताया गया था कि पन्ना को सीटी स्कैन मशीन जल्द से जल्द राज्य सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
इससे कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने संबंधी शासन-प्रशासन के दावों की आधी-अधूरी सच्चाई उजागर होती है। दिन-प्रतिदिन भयावह होते कोरोना संकट से लोगों की जान बचाने के लिए वेंटिलेटर के संचालन को लेकर उदासीनता का यह आलम तब है जबकि आए दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं कोरोना संक्रमण की समीक्षा कर रहे हैं। वहीं जिले के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी प्रतिदिन कोविड केयर सेंटर पहुंचकर मरीजों के इलाज एवं व्यवस्थों आदि का जायजा ले रहे हैं। इसके बाद भी कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज हेतु आवश्यक उपकरणों को लेकर हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है।

सीटी स्कैन के लिए सहयोग राशि जुटाने की पहल

बिरला सीमेंट कंपनी द्वारा विगत दिनों पन्ना जिले में सीटी स्कैन मशीन एवं मेडिकल सुविधाओं हेतु 50 लाख की सहायता राशि का चेक कलेक्टर संजय कुमार मिश्र सौंपा गया।
पिछले माह क्षेत्रीय सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने पन्ना में जब कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर समीक्षा की थी। इस बैठक में सीटी स्कैन मशीन की उपलब्धता की मांग को प्रमुखता से उठाया गया था। क्षेत्रीय सांसद ने तब आश्वासन दिया था कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में इस विषय को लाकर शासन स्तर से शीघ्र ही सीटी स्कैन मशीन पन्ना जिला चिकित्सालय को उपलब्ध कराई जाएगी। दावे यहां तक किये गए कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पन्ना की मांग को तत्परता से पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश भी दे दिए हैं।
लम्बे होते इंतजार के बीच विगत दिनों प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के द्वारा पड़ोसी जिलों की सीमेंट कंपनियों को पत्र लिखकर सीटी स्कैन मशीन के लिए उनसे आर्थिक सहयोग की अपील की गई। सीमेंट कंपनियों ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए अपनी ओर से आर्थिक सहयोग राशि के चैक जारी किए हैं। अब तक दो सीमेंट कंपनियों की ओर से दिए आर्थिक सहयोग के फलस्वरूप सीटी स्कैन मशीन के लिए 60 लाख रुपए एकत्र हो चुके हैं।
इससे अघोषित तौर पर एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि, राज्य सरकार के स्तर पर पन्ना को सीटी स्कैन मशीन उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, मंत्री की विशेष पहल से एकत्र होने वाली सहयोग राशि से ही उक्त मशीन को क्रय किया जाना है।

वेंटिलेटर आखिर क्यों है जरुरी ?

सांकेतिक फोटो।
वेंटिलेटर है क्या है और कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए यह कितना और क्यों जरूरी है ? एक सेवानिवृत्त चिकित्सक ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर इन सवालों का जबाव देते हुए सरल भाषा में बताया कि वेंटिलेटर एक मशीन है जो ऐसे मरीजों की जिंदगी बचाती है जिन्हें सांस लेने में तकलीफ है या फिर वे खुद सांस नहीं ले पा रहे हैं। यदि बीमारी की वजह से फेफड़े अपना काम नहीं कर पाते हैं तो वेंटिलेटर सांस लेने की प्रक्रिया को संभालते हैं। इस बीच डॉक्टर इलाज के जरिए फेफड़ों को दोबारा काम करने लायक बनाते हैं।
डॉक्टर के मुताबिक, कोविड-19 से संक्रमित अधिकांश मरीज अस्पताल गए बिना घर पर होम आइसोलेट रहते हुए आवश्यक दवाईयां लेकर ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है और उन्हें सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। ऐसे मरीजों में वायरस फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। जिससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। इसलिए वेंटिलेटर्स की आवश्यकता होती है। इसके जरिए मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को समान्य बनाया जाता है।

सीटी स्कैन से फेंफड़ों में इंफेक्शन का चलता है पता

कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर और कोरोना के नए वैरिएंट्स (नए रूप) बेहद खतरनाक हैं। अनेक मामलों में यह बात निकलकर सामने आई है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट कोरोना के कुछ वेरिएंट्स को नहीं पकड़ पा रहा है। अर्थात आरटी-पीसीआर टेस्ट(RT-PCR Test) निगेटिव रहने के बाद भी कुछेक व्यक्तियों के फेंफड़े कोरोना संक्रमित पाए गए। इसका पता उनके फेंफड़ों की सीटी स्कैन मशीन के द्वारा की गई जांच से चला।
सांकेतिक फोटो।
विभिन्न समाचार माध्यमों पर ख़बरें आईं है कि वायरस के नए वैरिएंट्स टेस्ट में पता ही नहीं चलते। जब तक CT स्कैन कराया गया, तब तक फेफड़े को काफी नुकसान पहुंच चुका था। ऐसी स्थिति निर्मित न हो, बीमार व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की वास्तविक स्थिति का समय रहते पता चल सके इसके लिए CT स्कैन मशीन से जांच कराना जरुरी है। ताकि बीमार व्यक्ति को सही इलाज देकर उसकी जान बचाई जा सके। इसी तरह कोविड केयर सेंटर के वेंटिलेटर चालू हालत में होना जरुरी है जिससे इमरजेंसी की हालत में गंभीर मरीज को सांस लेने में मदद मिल सके।

इनका कहना है –

“पन्ना जिला चिकित्सालय के कोविड केयर सेंटर में 5 वेंटिलेटर्स उपलब्ध हैं लेकिन टेक्नीशियन/ऑपरेटर के न होने के कारण वे सभी बंद पड़े हैं। इसके अलावा एक दो वेंटिलेटर्स दूसरे वार्डों में भी हैं। कोरोना के गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए हम गंभीर मरीजों को सागर रिफर कर देते हैं। पन्ना के कोविड केयर सेंटर में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों समेत शासन-प्रशासन स्तर पर सभी को है।”

–  डॉ. आर.एस. पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला पन्ना।