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नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ रैली निकालकर DGP के नाम सौंपा ज्ञापन

*    प्रभावी कार्यवाही न होने पर धरना-प्रदर्शन-आंदोलन करने की दी चेतावनी

*    भगवती मानव कल्याण संगठन द्वारा चलाया जा रहा है नशामुक्ति अभियान

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिले की रैपुरा तहसील क्षेत्र अंतर्गत गांव-गांव अवैध शराब, गांजा एवं अन्य नशीले पदार्थों की कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। तेजी से बढ़ते नशे के अवैध कारोबार लगाम न लगने चिंतित और नाराज भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा आज रैपुरा क़स्बा में रैली निकालकर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) के नाम स्थानीय थाना प्रभारी मनीष यादव को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से संगठन ने समस्त क्षेत्रवासियों की ओर से नशे के अवैध कारोबार को पूर्णतः बंद करवाने के लिए ठोस कदम उठाने की पुरजोर मांग की है। समाजहित से जुड़ी इस मांग पर प्रभावी कार्यवाही न होने की स्थिति में भगवती मानव कल्याण संगठन ने पखवाड़े भर बाद विशाल धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

लोकायुक्त की जांच से घिरे SDO को पुनः बनाया RES पन्ना का प्रभारी कार्यपालन यंत्री

*     कमिश्नर सागर संभाग के विवादित फैसले पर उठ रहे सवाल

*     एसडीओ बीडी कोरी पर पिछले कार्यकाल में भ्रष्टाचार करने के लगे थे गंभीर आरोप

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) सूबे में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पूरी तरह से मज़ाक बन चुकी है। स्थिति यह है कि, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे कई अफसर मोहन राज में मजे कर रहे हैं। पन्ना जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES) संभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री भगवान दास कोरी (बीडी कोरी) का मामला इसका एक उदाहरण मात्र है। जिले के शाहनगर विकासखंड में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी (SDO) आरईएस कोरी को कुछ समय पूर्व दूसरी बार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग पन्ना का प्रभारी कार्यपालन यंत्री तब बनाया गया, जबकि इन पर अपने पहले कार्यकाल में भ्रष्टाचार करने के कई गंभीर आरोप हैं। जिसकी जांच पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन सागर द्वारा की जा रही है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे एसडीओ को कमिश्नर सागर संभाग द्वारा पुनः कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंपने के निर्णय पर कई सवाल उठ रहे हैं। चर्चा तो यह भी है कि दागी अफसर को डिवीजन के प्रभार से उपकृत करने के चक्कर में वरिष्ठता संबंधी नियमों को भी जानबूझकर पूरी तरह नजर अंदाज किया गया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के एसडीओ भगवान दास कोरी (बीडी कोरी) विगत 10 वर्षों से पन्ना जिले में पदस्थ हैं। इन्हें पिछले साल 30 सितंबर 2024 को आयुक्त सागर संभाग के आदेश पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग जिला पन्ना के कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंपा गया। इसके पहले भी एसडीओ कोरी 11 जनवरी 2023 से 12 मार्च 2024 तक आरईएस के प्रभारी कार्यपालन यंत्री के रुप में कार्य कर चुके हैं। पहले कार्यकाल के दौरान कोरी साहब पर पद का दुरूपयोग करते व्यापक अनियमितताएं करने के कई गंभीर आरोप लगे थे। जिनमें मुख्य रूप से वाहनों के भुगतान में वित्तीय गड़बड़ी करते हुए शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को मनमाने तरीके से स्थाई कर्मी बनाने, लगभग 3 करोड़ की लागत के 4 निर्माण कार्यों का अनुबंध ठेकेदारों के दस्तावेजों की छानबीन किए बगैर निष्पादित करने एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों की मरम्मत में गड़बड़ी करना शामिल है।
विदित हो कि इन सभी मामलों पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग पन्ना के संभागीय लेखा अधिकारी (DA) आनंद दयाल द्वारा शासन के नियम-निर्देशों का हवाला देते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज की गई है। कई महीनों से सरकारी फाइलों में कैद कथित अनियमितताओं की भनक लगने पर एक व्हिसल ब्लोअर द्वारा एसडीओ कोरी साहब के कथित कारनामों (भ्रष्टाचार) का कच्चा चिठ्ठा (शिकायत) पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन सागर को सौंप दिया। जिसकी जांच वर्तमान में लोकायुक्त संगठन द्वार की जा रही है। इस बीच लगभग तीन माह पूर्व 30 सितंबर 2024 को आरईएस पन्ना के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री बीएस यादव के सेवानिवृत्त होने पर कमिश्नर (आयुक्त) सागर संभाग के आदेश पर भगवानदास कोरी अनुविभागीय अधिकारी आरईएस शाहनगर, जिला पन्ना को पुनः कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंपा गया।

कमिश्नर के निर्णय पर उठ रहे सवाल

बीडी कोरी, प्रभारी कार्यपालन यंत्री, आरईएस पन्ना।
अपने पहले कार्यकाल किये गए घपले-घोटालों के चलते लोकायुक्त जांच का सामना कर रहे भगवान दास कोरी एसडीओ आरईएस शाहनगर को दूसरी बार कार्यपालन यंत्री आरईएस पन्ना का प्रभार सौंपने के निर्णय पर जानकार कई सवाल खड़े कर रहे हैं। क्योंकि अभी तक कोरी साहब को अनियमितताओं के आरोपों पर जांच एजेंसी से किसी तरह की कोई क्लीनचिट भी नहीं मिली है। प्रशासनिक हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि एसडीओ कोरी पर कमिश्नर साहब ने जांच के दौरान कृपा करने का विवादित निर्णय आखिर क्यों लिया? क्या यह फैसला किसी जनप्रतिनिधि की सिफारिश पर या फिर किसी दबाव में लिया गया? यहां सबसे अहम सवाल तो यह है कि, दाग़ी एसडीओ को कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंपने के आदेश पर कमिश्नर साहब ने जब हस्ताक्षर किए थे तब उन्हें क्या इस सबकी जानकारी थी या फिर उनकी अनभिज्ञता का अनुचित लाभ मातहत अफसरों द्वारा उठाया गया है? प्रभार सौंपने संबंधी आदेश की नोटशीट प्रस्तुत करने वाले अधिकारी ने क्या जानबूझकर निहित स्वार्थपूर्ति के चक्कर कमिश्नर सागर से विवादित आदेश पर हस्ताक्षर करवा लिए या फिर एसडीओ कोरी का मामला उनके भी संज्ञान में नहीं था?
यहां गौर करने वाली बात यह है कि साल भर से अधिक समय से इस मामले में लगातार पत्रचार चल रहा है और सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री बीएस यादव के कार्यकाल के दौरान एसडीओ कोरी के कथित घपलों-घोटालों की जांच हेतु लोकायुक्त संगठन ने आवश्यक विभागीय रिकार्ड (दस्तावेज़) तलब किए थे साथ ही कुछ पन्ना के कुछ अधिकारी-कर्मचारियों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजकर बुलाया था। इन तथ्यों पर गौर करने के बाद एक बात तो स्पष्ट है कि आरईएस के अधीक्षण यंत्री कार्यालय सागर से लेकर मुख्य अभियंता जबलपुर और प्रमुख अभियंता कार्यालय भोपाल को बीडी कोरी के मामले की जानकारी न हो ऐसा संभव ही नहीं है। सवाल और भी लेकिन फिलहाल वे सभी अनुत्तरित हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कमिश्नर सागर संभाग क्या इन सवालों के जवाब देते हैं, क्या वे अपनी गलती में सुधार करते हैं और इस मामले में उनके द्वारा अपने मातहत अफसरों के विरुद्ध क्या एक्शन लिया जाता है।

वरिष्ठता को भी ताक पर रखा

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अनुविभागीय अधिकारी आरईएस शाहनगर बीडी कोरी को दूसरी बार कार्यपालन यंत्री आरईएस पन्ना का प्रभार सौंपने में न सिर्फ शासन के निर्देशों, प्रशासनिक नैतिकता, सुचिता के मानदंडों को पूरी तरह खारिज किया गया बल्कि वरिष्ठता के प्रावधान की भी जानबूझकर उपेक्षा की गई है। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो जनपद पंचायत गुनौर में पदस्थ सहायक यंत्री बीबी गुप्ता शाहनगर एसडीओ/सहायक यंत्री कोरी से वरिष्ठ हैं। इसलिए कार्यपालन यंत्री का प्रभार नियमानुसार वरिष्ठ सहायक यंत्री को सौंपा जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। बता दें कि आरईएस के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी गुप्ता के मामले पर अक्सर ही लोगों को गुमराह करते रहते हैं। शायद प्रभार के मामले भी यही सब किया गया है। दरअसल कुछ वर्ष पूर्व शासन ने बीबी गुप्ता का सहायक यंत्री पद से डिमोशन करके उपयंत्री बना दिया था। इसके विरुद्ध गुप्ता ने उच्च न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने गुप्ता को राहत देते हुए सहायक यंत्री के पद पर बरक़रार रखने का आदेश दिया था। न्यायलय के आदेश पर अमल हुए काफी समय गुजर चुका है। लेकिन जब भी आरईएस पन्ना के कार्यपालन यंत्री का प्रभार देने की बात आती है तो कतिपय वरिष्ठ अधिकारी गुप्ता जी का शासन के द्वारा डिमोशन करने की आधी-अधूरी जानकारी देकर गुमराह करने का काम करते हैं।

पुनः प्रभार सौंपने से क्या जांच पर पड़ेगा असर

अनुविभागीय अधिकारी (SDO) आरईएस शाहनगर बीडी कोरी को महज छह माह के अंतराल में दूसरी बार कार्यपालन यंत्री पन्ना का प्रभार सौंपने पर उठ रहे सवालों के बीच यह आशंका भी जताई जा रही है कि इस निर्णय का असर लोकायुक्त पुलिस की जांच पर भी पड़ सकता है। दरअसल कोरी पर प्रभारी कार्यपालन यंत्री के तौर पर पहले कार्यकाल में गंभीर अनियमितताएं करने के आरोप लगने और वर्तमान में उनकी जांच जारी होने के बीच पुनः उन्हीं को कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौपने का फैसला न सिर्फ पूरी तरह से अनुचित है बल्कि काफी हैरान करने वाला है। जानकारों का मानना है कि इस अवसर का लाभ उठाकर श्री कोरी अपने ऊपर लगे भष्टाचार के आरोपों से संबंधित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि लोकायुक्त पुलिस सागर ने अनियमितताओं से संबंधित कुछ दस्तावेज तो तलब कर लिए थे लेकिन अभी भी कई महत्वपूर्ण फाइलें पन्ना कार्यालय में ही उपलब्ध है।

इनका कहना है-

“लोकायुक्त पुलिस से मेरे खिलाफ की गई शिकायत पूर्णतः असत्य, आधारहीन और मिथ्या है। मैनें किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं की है, लोकायुक्त की जांच से भी यह बात साबित हो जाएगी। मैं पिछले दस साल से पन्ना जिले में पदस्थ हूं, मुझे वर्तमान में कार्यपालन यंत्री का प्रभार कमिश्नर सागर संभाग के आदेश पर मिला है।”

भगवान दास कोरी, प्रभारी कार्यपालन यंत्री, आरईएस जिला पन्ना।

“प्रभारी कार्यपालन यंत्री आरईएस पन्ना भगवान दास कोरी के विरुद्ध अनियमितताओं से संबंधित शिकायत की जांच जारी है। प्रत्येक जांच की समयसीमा रहती है जिसमें आवश्यकतानुसार समय वृद्धि भी की जाती है। पूर्व कार्यपालन पन्ना बीएस यादव के कार्यकाल के दौरान ही अनियमितताओं से संबंधित फाइलें आरईएस पन्ना से तलब कर ली गईं थी। उक्त मामले की जांच दो माह के अंदर पूर्ण कर ली जायेगी, जांच में अनियमितता संबंधी आरोप यदि सिद्ध पाए जाते हैं तो संबंधित पर सीधे एफआईआर दर्ज की जाएगी।”

अभिषेक वर्मा, निरीक्षक, लोकायुक्त संगठन, सागर।

“भगवान दास कोरी को दूसरी बार आरईएस पन्ना के कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंपने के दौरान मुझे यह जानकारी नहीं थी कि लोकायुक्त पुलिस के द्वारा उनके पहले कार्यकाल से संबंधित अनियमितताओं की जांच की जा रही है। सहायक यंत्री बीबी गुप्ता वरिष्ठ तो है लेकिन शासन ने उनका डिमोशन उपयंत्री के पद पर कर दिया था। गुप्ता जी का प्रकरण न्यायलय में चल रहा है इसलिए उन्हें प्रभार सौंपने की अनुशंसा नहीं की गई। भगवान दास के मामले से कमिश्नर सर के अवगत कराया जाएगा, क्योंकि निर्णय उन्हीं को लेना।”

महेन्द्र सिंह ठाकुर, अधीक्षण यंत्री, आरईएस, सागर।

“मैं अभी वीडियो कांफ्रेसिंग में हूं, इसके बाद पता करता हूं आरईएस पन्ना के प्रभार का क्या मामला है।”

वीरेन्द्र सिंह रावत, आयुक्त संभाग सागर (मध्य प्रदेश)

दोस्त की विधवा को शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने के आरोपी दस साल का कारावास

*    प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पन्ना ने सुनाया फैसला

*    न्यायालय ने एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से भी किया दण्डित

*    पीड़िता द्वारा बच्ची को जन्म देने के बाद आरोपी ने तोड़ लिए थे संबंध

पन्ना।(www.radarnews.in) दोस्त की विधवा को शादी का झांसा देकर तक उसकी इच्छा के विरुद्ध एवं सहमति के बगैर शारीरिक शोषण करने और जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी को न्यायालय ने कठोर सजा सुनाई है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पन्ना राजाराम भारतीय ने बलात्कार के आरोपी अनिल साहू पिता शिवदयाल साहू 40 वर्ष निवासी बेनीसागर मोहल्ला पन्ना जिला पन्ना (मध्य प्रदेश) को धारा-376 (2) (एन) भारतीय दंड संहिता के आरोप में दोषसिद्ध पाये जाने पर दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
जिला लोक अभियोजक किशोर श्रीवास्तव ने अभियोजन के मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अभियोक्त्री अपने पति की मृत्यु के बाद अकेली रहती थी। आरोपी अनिल साहू उसके पति का दोस्त था। वह अपने दोस्त की विधवा (अभियोक्त्री) की मदद करने के बहाने उसके कमरे में आता था। सन् 2021 में कोरोना के समय आरोपी एक दिन अभियोक्त्री के कमरे में आया और कहने लगा कि वह उससे शादी करना चाहता है। उसने अभियोक्त्री को पन्ना में किराए से एक कमरा दिला दिया और वह भी अभियोक्त्री के साथ उसी कमरे में रहने लगा। इस दौरान अभियुक्त अनिल साहू ने शादी का झांसा देकर अभियोक्त्री के साथ उसकी मर्जी के बिना जबरन शारीरिक संबंध बनाए। और बाद में भी आरोपी लगातार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। इस कारण अभियोक्त्री जुलाई 2022 में गर्भवती हो गई। आरोपी ने उससे बच्चे को गिराने के लिए कहा। लेकिन अभियोक्त्री ने उसकी बात नहीं मानी और सतना अस्पताल में अप्रैल 2023 में एक बच्ची को जन्म दिया। प्रसव उपरांत वह अपनी बच्ची को लेकर पन्ना आई और आरोपी के घर जाकर बच्ची के जन्म की जानकारी दी। तब आरोपी ने अभियोक्त्री को पहचानने से ही इंकार करते हुए कहा, उसे और उसकी बच्ची को जहां मरना हो, मरो मगर मेरे पास मत आया करो।
आरोपी अनिल के दुर्व्यवहार से दुखी पीड़िता ने सम्पूर्ण घटना की जानकारी अपने मकान मालिक व मायके पक्ष को दी। तदुपरांत अभियोक्त्री ने दिनांक 30 मई 2023 को घटना का लिखित शिकायती आवेदन पत्र कोतवाली थाना पन्ना में कार्यवाही हेतु प्रस्तुत किया। जिसके आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध क्रमांक-390/2023 धारा-376(2)(एन) भादंसं दर्ज कर लिया। मामले की विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन के द्वारा फरियादिया, उसके नवजात शिशु और आरोपी के रक्त के नमूने लेकर डीएनए टेस्ट कराया। डीएनए रिपोर्ट आने पर स्पष्ट हो गया कि आरोपी अनिल साहू ही नवजात शिशु का जैविक पिता है।
प्रतीकात्मक चित्र।
प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय के समक्ष अभियोजन साक्षियों के कथन कराये गये। साक्षियों के साक्ष्य, डाॅक्टर एवं विवेचक द्वारा की गई विवेचना एवं अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर अभियोजन के प्रकरण युक्ति-युक्त संदेह से परे माना। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजाराम भारतीय ने आरोपी अनिल साहू निवासी पन्ना को धारा-376(2)(एन) भारतीय दंड संहिता के अन्तर्गत आरोप में दोषसिद्ध पाए जाने पर दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि में से अभियोक्त्री एवं उसकी पुत्री को पचास-पचास हजार रूपये की राशि प्रतिकर के रूप में अदा करने का आदेश दिया गया। मामले में अभियोजन की ओर से किशोर श्रीवास्तव जिला लोक अभियोजक ने पैरवी की।

मासूम संग रेप की घटना को लेकर तनाव, सड़क पर उतरे लोग, आरोपी को फांसी देने की मांग

*    बहुजन समाज पार्टी की अगुवाई में सैंकड़ों लोगों ने पैदल मार्च निकालकर दिया धरना

*    पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

पन्ना।(www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में नववर्ष 2025 के पहले दिन बुधवार 1 जनवरी को 7 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ रेप की घटना से नाराज सैंकड़ों लोग आज सड़क पर उतर आए। जिले के सलेहा क़स्बा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अगुवाई में विशाल धरना-प्रदर्शन कर लोगों ने आरोपी युवक को फांसी की सजा व उसके घर को बुलडोजर चलवाकर जमींदोज करने की पुरजोर मांग की है। प्रर्दशनकारियों द्वारा महामहिम राज्यपाल के नाम पर नायब तहसीलदार सलेहा को छह सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें पीड़ित गरीब परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में करवाने सहित अन्य मांगें शामिल हैं। पन्ना जिले में बहुजन समाज पार्टी के तत्वाधान में किसी मामले को लेकर लंबे अर्से बाद आज हुए इस धरना-प्रदर्शन के दौरान सलेहा अंचल समेत समूचे गुनौर विधानसभा क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल निर्मित रहा। एहतियात के तौर पर धरना स्थल पर बड़ी संख्या पुलिस जवान मुस्तैदी के साथ तैनात रहे।
मासूम बच्ची संग रेप करने वाले आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
दरअसल एक जनवरी को सलेहा थाना क्षेत्र अंतर्गत दोपहर के समय 7 साल की मासूम बच्ची को एक कामांध युवक ने अपनी हवश का शिकार लिया। बच्ची के साथ ननिहाल में उसी गांव के युवक द्वारा दरिंदगी करने की जानकारी सामने आने के बाद से ही इलाके में जबरदस्त आक्रोश फ़ैल गया था। पीड़ित परिजन मासूम को गंभीर हालत में इलाज के लिए पन्ना जिला अस्पताल ले गए थे। सभ्य समाज को झकझोर देने वाली इस घटना पर महिला थाना पुलिस के द्वारा पीड़िता की नानी की तहरीर पर आपराधिक मामला पंजीबद्ध कर केस डायरी को असल नंबर पर कायमी एवं आगे की कार्यवाही के लिए प्रकरण को सलेहा थाना पुलिस को भेज दिया। इधर सलेहा थाना प्रभारी अनिल सिंह राजपूत ने घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपी युवक को तत्परता से गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा दिया।

फांसी मिलने तक जारी रहेगा आंदोलन

वहीं आज मंगलवार 7 जनवरी को शर्मसार करने वाली घटना से आक्रोशित अंचल के सैंकड़ों लोग बहुजन समाज पार्टी की अगुवाई में सड़कों पर उतर आए। बीएसपी के पूर्व घोषित धरना-प्रदर्शन के तहत सलेहा समेत गुनौर विधानसभा क्षेत्र के सैंकड़ों लोग पहले आंबेडकर पार्क विष्णु मानिकपुर में एकत्र हुए फिर पैदल मार्च निकालकर नारेबाज़ी करते हुए सलेहा बस स्टैण्ड पहुंचकर धरना पर बैठ गए। पैदल मार्च में बड़ी संख्या में शामिल हुई महिलाएं और बच्चियां हाथों में तख्तियां लेकर चल रहीं थीं। पन्ना जिले में बसपा ने अपने प्रभाव क्षेत्र में काफी समय बाद कोई धरना-प्रदर्शन कर अपनी मजबूत मौजूदगी का एहसास कराने के साथ ही अपने समर्थकों को भी यह संदेश दिया है कि हर सुख-दुख में पार्टी उनके साथ खड़ी है।
मासूम बच्ची संग दरिंदगी की घटना के विरोधस्वरूप सलेहा क़स्बा में आयोजित बसपा के धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते क्षेत्र के नेता।
धरना को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोधी क्रांति सेना संगठन के अध्यक्ष रामखिलावन लोधी ने कहा कि समूचा लोधी समाज पीड़ित बच्ची और उसके परिजनों के साथ खड़ा है। आरोपी युवक के फांसी के फंदे में लटकने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने उपस्थित लोगों से पूंछा मासूम बच्ची को इंसाफ दिलाने के संघर्ष में क्या आप हमारे साथ हैं। लोगों ने इसके जवाब में हाथ उठाकर कहा हम आपके साथ हैं। श्री लोधी ने कहा बड़ी हैरानी और चिंता की बात है कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित गुनौर विधानसभा क्षेत्र में शोषित-पीड़ित-वंचित वर्गों पर ही सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है। इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए हम लोगों को एकजुट होना पड़ेगा।

फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में हो मुकदमे की सुनवाई

सलेहा के बस स्टैण्ड प्रांगण में दोपहर 2 बजे से शाम लगभग 5 बजे तक चले धरना-प्रदर्शन के बाद बहुजन समाज पार्टी पन्ना जिला अध्यक्ष भागवत प्रसाद वर्मा के लैटर पैड पर महामहिम राज्यपाल के नाम छह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन नायब तहसीलदार सलेहा राजेश मेहरा को सौंपा गया। इस दौरान सलेहा थाना प्रभारी अनिल सिंह राजपूत भी मौके पर मौजूद रहे। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि, मासूम बच्ची के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को फांसी की सजा जाए। आरोपी के घर को बुलडोजर चलवाकर जमींदोज कराया जाए। प्रदर्शनकारियों ने पीड़ित के परिवारजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता व जीविकोपार्जन के लिए पांच एकड़ भूमि आवंटित करने की मांग की। साथ ही पीड़िता की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा व आवास की राज्य सरकार द्वारा व्यवस्था करने तथा प्रकरण की सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में कराए जाने की मांग उठाई है। धरना-प्रदर्शन में मुख्य रूप से गुनौर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व बसपा प्रत्याशी देवीदीन आशू, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष जयस रामपाल सिंह गौंडेला, चौधरी एसबी रमन, कमलेश भाई पटेल, गौरीशंकर सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग शामिल रहे।

कारगिल विजय का जश्न मनाने साईकिल से अकेले देश भ्रमण पर निकली एमपी की साहसी बेटी

*    सोलो साइकिलिस्ट ‘आशा’ महिला सश्क्तिकरण का भी दे रहीं संदेश

 साईकिल से अब तक कर चुकी हैं 16 हजार 300 किलोमीटर की यात्रा

 पन्ना कलेक्टर ने आशा को सम्मानित कर अदम्य साहस को सराहा

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) ऐतिहासिक कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती पर भारतीय सेना के जवानों की वीरता, शौर्य और अदम्य साहस का जश्न मनाने के लिए मध्य प्रदेश की साहसी बेटी सोलो साइकिलिस्ट एवं एथलीट आशा मालवीय साईकिल से अकेले देश भ्रमण पर निकली हैं। राजगढ़ जिले की निवासी आशा मालवीय अपनी यात्रा के दौरान आज (सोमवार 6 जनवरी को) कड़ाके की सर्दी के बीच पन्ना पहुंचीं। यहां उन्होंने पन्ना कलेक्टर से भेंट की। कलेक्टर सुरेश कुमार ने सोलो साइकलिस्ट आशा मालवीय को पन्ना आगमन पर प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
साईकिल से अकेले देश भ्रमण पर निकलीं सोलो साइकलिस्ट एवं एथलीट आशा मालवीय के पन्ना आगमन पर कलेक्टर सुरेश कुमार ने सम्मानित किया।
इस दौरान कलेक्टर सुरेश कुमार ने आशा का सम्मान करते हुए दृढ़ इच्छा शक्ति की सराहना की और उनके इस अभिनव प्रयास को देश के युवाओं और महिलाओं के लिए प्ररेणा स्त्रोत बताया। आशा मालवीय ने बताया कि गत 24 जून को वे तमिलनाडु के कन्याकुमारी से करगिल विजय दिवस की रजत जयंती पर भारतीय सेना के सैनिकों की वीरता, शौर्य और अदम्य साहस का जश्न मनाने के लिए अकेले साईकिल से यात्रा पर रवाना हुई हैं। महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता का प्रयास भी साईकिल यात्रा का उद्देश्य है। मेरे द्वारा अब तक 16 हजार 300 किलोमीटर की यात्रा की जा चुकी है। कन्याकुमारी से कारगिल और सियाचिन की यात्रा भी इस दौरान मैंने सफलतापूर्वक पूर्ण की।

मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन : जिले में मतदाताओं की संख्या बढ़कर हुई 7 लाख 76 हजार 92

*   जिले में 30 से 39 आयु वर्ग के सर्वाधिक मतदाता

पन्ना। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटो निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम अंतर्गत 6 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया गया। आयोग के निर्देशानुसार 1 जनवरी 2025 की अर्हता तिथि के आधार पर प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची (Final Voter List) के संबंध में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राजनैतिक दल के अध्यक्ष एवं प्रतिनिधियों की बैठक भी आयोजित की गई। इस मौके पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अब पन्ना जिले में मतदाताओं की कुल संख्या 7 लाख 76 हजार 92 है। सर्वाधिक 2 लाख 86 हजार 157 मतदाता पवई विधानसभा में एवं सबसे कम 2 लाख 35 हजार 893 मतदाता गुनौर विधानसभा में दर्ज हैं, जबकि पन्ना विधानसभा में मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 54 हजार 42 है। पन्ना जिले में कुल 931 मतदान केन्द्र है। इनमें पवई विधानसभा के 339, गुनौर के 285 एवं पन्ना विधानसभा के 307 मतदान केन्द्र शामिल हैं।

4 हजार 936 मतदाता बढ़े

इस दौरान अवगत कराया गया कि गत 29 अक्टूबर को मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) के प्रारंभिक प्रकाशन के दौरान जिले में मतदाताओं की कुल संख्या 7 लाख 71 हजार 156 थी। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की अवधि में 4 हजार 936 मतदाता बढ़े हैं। जिले में 18-19 आयु वर्ग के 11 हजार 702, 20 से 29 आयु वर्ग के 1 लाख 87 हजार 378, 30 से 39 आयु वर्ग के 2 लाख 8 हजार 76, 40 से 49 आयु वर्ग के 1 लाख 52 हजार 167, 50 से 59 आयु वर्ग के 1 लाख 9 हजार 230, 60 से 69 आयु वर्ग के 65 हजार 889, 70 से 79 आयु वर्ग के 31 हजार 667, 80 से 89 आयु वर्ग के 8 हजार 882, 90 से 99 आयु वर्ग के 1 हजार 50 तथा 100 से 109 आयु वर्ग के 51 मतदाता हैं। बैठक में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को जिले की तीनों विधानसभा की मतदाता सूची का सेट एवं फोटोरहित मतदाता सूची की सीडी प्रदान की गई। इस दौरान अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी नीलाम्बर मिश्र एवं निर्वाचन पर्यवेक्षक उमांशकर दुबे भी उपस्थित रहे।

अमृत वर्षा ने बढ़ाई यूरिया की डिमांड, विक्रय केन्द्र के बाहर किसानों की लग रही लम्बी कतार

*    किसानों की शिकायत मांग अनुरूप नहीं मिल रही यूरिया

*    डीडीए का दावा जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) गत दिनों जिले में हुई बारिश को रबी फसलों के लिए अमृत वर्षा माना जा रहा है। सही समय पर आवश्यकता अनुसार पर्याप्त बारिश होने से कल तक अन्नदाता किसानों के चेहरे ख़ुशी से खिल रहे थे लेकिन अब वह निराश और मायूस नजर आ रहे हैं। किसानों की ख़ुशी को यूरिया क़िल्लत की नजर लग गई है। बारिश होने के बाद जहां यूरिया की डिमांड अचानक से कई गुना बढ़ गई है वहीं मांग के अनुरूप यूरिया न मिलने किसान खासे परेशान है। यह स्थिति तब है जब जिले में यूरिया समेत अन्य रासायनिक उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि आंचलिक क्षेत्रों से जिस तरह की तस्वीरें निकल कर सामने आ रहीं है वह सरकारी दावों पर कई सवाल खड़े करती हैं।
अजयगढ़ विकासखंड मुख्यालय में स्थित प्राथमिक विपणन सहकारी समिति मर्यादित अजयगढ़ के बाहर अंचल के किसानों की लम्बी कतार लग रही है। यूरिया खरीदने के लिए सुबह-सुबह कड़ाके की सर्दी में ही किसान अजयगढ़ पहुँच जाते हैं। विपणन समिति के बाहर कई घंटे लाइन में लगने और नकद राशि देने के बाद भी किसानों को मांग के अनुसार यूरिया नहीं मिल पा रही है। ऐसे ही एक कृषक बाबूलाल गुप्ता निवासी सिमराकला ने बताया कि उनकी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में बड़े दाने की यूरिया उपलब्ध है जोकि खेत में डालने पर घुलने में काफी समय लेती है। इसलिए वह अजयगढ़ स्थिति विपणन समिति से नकद में छोटे दाने की जल्दी घुलने वाली यूरिया लेने गए थे, लेकिन अब वहां भी छोटे दाने की यूरिया (रासायनिक उर्वरक) समाप्त हो चुकी है। कृषक बाबूलाल ने बताया कि शुक्रवार एवं शनिवार लगातार दो दिन तक भटकने के बाद भी उसे छोटे दाने का यूरिया नहीं मिला। मजबूरी में उन्हें बड़े दाने वाली यूरिया लेनी पड़ी।
अजयगढ़ क्षेत्र के ग्राम थरकेपुरवा निवासी 4 एकड़ कृषि भूमि के कृषक शिवनाथ यादव, ग्राम माधौगंज निवासी 6 एकड़ भूमि के किसान अनिल गुप्ता ने यूरिया की किल्लत पर नाराजगी जाहिर की है। दोनों ने बताया, पिछले दिनों प्रकृति की मेहरबानी के चलते अच्छी बारिश होने से फसल सिंचाई पर होने वाला खर्च और श्रम बच गया। अमृत वर्षा से फसल उत्पादन में भी पर्याप्त वृद्धि होने की पूरी उम्मीद थी लेकिन समय पर मांग अनुसार अपेक्षित यूरिया न मिलने से उत्पादन में वृद्धि की उम्मीदें अब धूमिल पड़ती दिख रहीं है। नकद राशि देने के बाद भी छोटे दाने वाली यूरिया मांग के मुताबिक़ न मिल पाने से किसान परेशान है।

यूरिया का निर्धारित मात्रा में करें उपयोग : डीडीए श्री सुमन 

एपी सुमन।
उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग पन्ना, एपी सुमन के अनुसार शुक्रवार 3 दिसम्बर की स्थिति में जिले में कुल 8 स्थानों पर 1586 मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध थी। उनका दावा है जिले में अभी भी पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध है और इसकी सतत आपूर्ति भी जारी है। डीडीए श्री सुमन ने बताया कि यूरिया की जमाखोरी को रोकने के लिए किसानों को उनके आराजी रकबा अनुसार पर्याप्त मात्रा में यूरिया वितरित की जा रही है। उन्होंने बताया, एक हैक्टेयर भूमि में सिर्फ 25 किलोग्राम यूरिया डालना चाहिए। फसलों पर संतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जाना जरुरी है, क्योंकि यूरिया की मात्रा अधिक होने पर फसल लॉजिंग का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में फसल लूज होकर जमीन पर गिर जाती है।
डीडीए ने बताया कि हाल ही में जो बारिश हुई है उसमें यूरिया समेत अन्य पोषक तत्व मौजूद हैं इसलिए भी निर्धारित मात्रा में रसायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जाना चाहिए। फसल में अधिक मात्रा यूरिया या फिर अन्य उर्वरक डालने से फसल उत्पादन उस अनुपात नहीं बढ़ता है, उत्पादन में अधिकतम जितनी भी वृद्धि संभव हो सकती है वह निर्धारित मात्रा में उर्वरक के उपयोग से प्राप्त की जा सकती है। इसलिए किसानों को उनके आराजी रकबा के अनुपात 2, 3 या 4 बोरी यूरिया दिया जा रहा है। इससे जमाखोरी रोकने में भी मदद मिलती है।

जैविक खेती में एक भी कृषक का पंजीयन नहीं

जिले में कुछ समय पूर्व रबी फसलों की बोबनी के समय और अब अमृत वर्षा होने के बाद रासायनिक उर्वरक प्राप्त करने के लिए होने वाली मारमारी और किसानों की जद्दोजहद को देखते हुए मन में जैविक खेती अथवा आर्गेनिक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने किये जाने वाले प्रयास और उनके नतीजों को लेकर सहज ही सवाल उठने लगते हैं। विदित होकि पन्ना जिले में जैविक खेती अर्थात परम्परागत खेती का रकबा पन्ना विकासखण्ड में एकमात्र गांव पल्थरा और पवई एवं शाहनगर विकासखण्ड अंतर्गत कल्दा पठार के चंद किसानों की कुछेक एकड़ की जोत तक ही सीमित है। एक एनजीओ के प्रयास से पल्थरा गांव के किसानों ने जैविक खेती करना शुरू की है। बता दें कि, जैविक खेती में रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक, और आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। जैविक खेती मिट्टी, पर्यावरण और इंसानी सेहत के लिए लाभदायक मानी जाती है।
फाइल फोटो।
केन्द्र और मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग के माध्यम से योजनाएं संचालित करते हुए काफी प्रचार-प्रसार किया गया। साथ ही किसानों के प्रशिक्षण आदि पर भी बड़ी धनराशि खर्च की जा रही है। कृषि विभाग की फ्लैगशिप योजनाओं में भी जैविक खेती शामिल है। बाबजूद इसके आपको यह जानकार हैरानी होगी कि जैविक खेती पोर्टल पर पन्ना जिले का एक भी किसान पंजीकृत नहीं है। इसकी पुष्टि स्वयं उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग पन्ना, एपी सुमन ने की है। आपने बताया कि, लगातार तीन साल तक जैविक खेती करने के बाद संबंधित किसान पंजीयन के लिए पात्र माना जाता है। जिसकी विस्तृत जांच के बाद जैविक खेती का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

पन्ना में तेंदुए का संदिग्ध अवस्था में मिला शव, जांच में जुटा वन अमला

*     उत्तर वन मण्डल की पन्ना रेन्ज अंतर्गत बहेरा बीट की घटना

*    डीएफओ ने प्रथम दृष्टया आपसी संघर्ष में मौत होने की संभावना जताई

*    कथित आपसी संघर्ष में शामिल रहे दूसरे वन्यजीव का नहीं लग सका सुराग

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) टाइगर और लैपर्ड स्टेट मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से नए साल के दूसरे दिन वन्यजीव प्रेमियों को दुखी करने वाली खबर आई है। यहां के उत्तर वन मण्डल (सामान्य वन मण्डल) की पन्ना रेन्ज अंतर्गत बहेरा बीट के आबादी क्षेत्र के नजदीक नर तेंदुए का शव संदिग्ध अवस्था में मिला है। जिले में वन्य प्राणियों के शिकार की हालिया घटनाओं के बीच आज सुबह-सुबह तेंदुए का शव मिलने की खबर आने के बाद से उत्तर वन मण्डल में हड़कंप मचा है। मैदानी वन अमले समेत डीएफओ गर्वित गंगवार ने आनन-फानन मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का मुआयना किया। डॉग स्कवॉड से आसपास के इलाके की सघन सर्चिंग करवाई गई। समाचार लिखे जाने तक उत्तर वन मण्डल के अधिकारी-कर्मचारियों की मौजूदगी में वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता के द्वारा मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम किया जा रहा था।
उत्तर वन मण्डल पन्ना के वन मंडलाधिकारी गर्वित गंगवार ने रडार न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि, आज सुबह बहेरा की कुछ महिलायें शौंच के लिए गांव से सटे जंगल में गई थीं। इस दौरान वहां मृत अवस्था में पड़े तेंदुए को देखकर महिलाएं काफी डर गईं। वापस घर लौटकर महिलाओं ने परिजनों को तेंदुए के शव के संबंध बताया। जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा संबंधित बीट गार्ड और रेंजर को घटना की सूचना दी गई। डीएफओ गंगवार ने बताया, घटनास्थल की गहन जांच की गई और डॉग स्क्वॉड से भी सर्चिंग करवाने पर किसी तरह की कोई संदिग्ध गतिविधि के संकेत अथवा साक्ष्य नहीं मिले है।
पन्ना जिले के उत्तर वन मण्डल की पन्ना रेन्ज अंतर्गत बहेरा बीट के वन कक्ष क्रमांक 456 में संदिग्ध अवस्था में मृत मिले नर तेंदुए का शव।
तेंदुए के शव का अवलोकन करने पर उसके सभी अंग पूर्णतः सुरक्षित पाए गए। हालांकि उसके चेहरे और गर्दन पर गहरी खरोंच के निशान होने से प्रांरम्भिक जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया तेंदुए की मौत आपसी संघर्ष में होना प्रतीत होता है। उत्तर वन मण्डल डीएफओ के अनुसार संभवतः किसी बाघ अथवा दूसरे तेंदुए से संघर्ष में नर तेंदुए की मौत हुई है, फिर भी इस घटना के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कराई जा रही है। मृत तेंदुए के बिसरा आदि अवयव को जांच हेतु अलग-अलग प्रयोगशालों में भेजा जा रहा है। मृत मिले नर तेंदुए की उम्र लगभग 5 वर्ष होने का अनुमान है।

किस हाल में है दूसरा वन्यजीव ?

उत्तर वन मण्डल पन्ना के डीएफओ गर्वित गंगवार।
विदित हो कि, समाचार लिखे जाने तक तेंदुए के साथ कथित आपसी संघर्ष में शामिल रहे दूसरे वन्यजीव का कोई सुराग नहीं लगा सका। जाहिर है जिस संघर्ष में जंगल के युवराज (तेंदुए) की जान चली गई वह निश्चित ही अत्यंत भीषण रहा होगा, ऐसे में विजेता रहे अज्ञात वन्य जीव को भी निश्चित ही कुछ चोटें तो आई होंगी। इस संभावना के मद्देनजर वन अमले को उस अज्ञात वन्यजीव की खोज-खबर लेने की जरुरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह किस हालत में है, उसे उपचार आदि की जरुरत है या फिर नहीं है। डीएफओ गर्वित गंगवार ने भी आपसी संघर्ष में दूसरे वन्यप्राणी के घायल होने की संभावना जताई है। उन्होंने बताया कि दूसरे वन्यजीव की तलाश जारी है, उसके मिलने पर मिलने पर आवश्यकतानुसार उसका उपचार कराया जाएगा।

शिकारियों के फंदे में फंसा मिला था तेंदुआ

बता दें कि सप्ताह भर पूर्व पन्ना जिले के ही दक्षिण वन मण्डल की शाहनगर रेन्ज अंतर्गत अज्ञात शिकारियों के द्वारा शिकार के लिए लगाए गए फंदे में एक तेंदुआ फंसा हुआ मिला था। समय रहते इस घटना की जानकारी मिलने पर तेंदुए की जान बच गई थी। इसी अवधि में पन्ना के धाम मोहल्ला स्थित एक घर पर वन विभाग की टीम ने छापा मारकर अज्ञात वन्यजीव का मांस जब्त किया था। उक्त घर से वन अमले ने दो एयर गन भी बरामद की थी। जिनका उपयोग बेजुबान वन्यजीवों का शिकार करने के लिए किया जाता था।

अच्छी खबर | बेशकीमती कॉपर स्ट्रिप की बेहद ख़तरनाक़ चोरी के प्रयास को किया नाकाम

*    आउटसोर्स कर्मियों ने एम.पी. ट्रांसको को लगभग 4-5 करोड़ की क्षति से बचाया

*     चालू पावर ट्रांसफार्मर से कॉपर स्ट्रिप निकालने पर जा सकती थी चोरों की जान

*     रबी सीजन में क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था प्रवाहित होने की आशंका को टाला

भोपाल। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) के विदिशा जिले में स्थित 132 के.व्ही. सबस्टेशन शमशाबाद के चालू पावर ट्रांसफामर्स से तांबे की अर्थिंग पट्टी (कॉपर स्ट्रिप) को निकालने के प्रयास को सबस्टेशन के आउटसोर्स ऑपरेटर धीरेन्द्र राठौर, निरंजन विश्वकर्मा एवं सुरक्षा सैनिक दीपक पॉल ने अपनी हिम्मत, सूझबूझ और कर्तव्य निष्ठा का अनूठा उदाहरण पेश करते हुये असफल कर दिया। जिससे रबी के इस सीजन में शमशाबाद, बैरसिया, सिरोंद क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के लंबे समय तक प्रभावित होने की आंशका को टाला जा सका।

यह भूमिका है कॉपर स्ट्रिप की

लगभग 4-5 करोड़ रूपये कीमत के पावर ट्रांसफार्मर में तांबे के पट्टी (कॉपर स्ट्रिप) की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, यह सबस्टेशन में किसी फाल्ट के कारण उत्पन्न होने वाले हजारों एम्पीयर के करेंट को यह संवेदनशील कॉपर स्ट्रिप अपने में से प्रवाहित कर अर्थ कर देती है। इसके कारण उपकरण और सबस्टेशन में कार्यरत कर्मी सुरक्षित रहते है। यदि चालू ट्रांसफार्मर से कॉपर स्ट्रिप अलग करने का प्रयास किया जाता है तो वह न केवल निकालने वाले के लिये घातक रहती है बल्कि इससे ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने के पूरी आशंका पैदा हो जाती है।
यदि चोर अपने मकसद में सफल हो जाते तो जहां मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को 4-5 करोड़ रूपये का आर्थिक क्षति पहुंचती। वहीं क्षेत्र में ऐन वक्त रबी के सीजन में किसानों और विद्युत उपभोक्ताओं को हफ्तों बिजली आपूर्ति प्रभावित हो जाती।

कर्मियों को किया गया पुरस्कृत

सबस्टेशन के इन आउटसोर्स कर्मियों द्वारा दिखाये गयी सूझबूझ और बहादुरी के लिये अधीक्षण अभियंता एम.पी. पटेल ने उन्हें सम्मानित कर पुरूस्कृत किया।

केन-बेतवा जोड़ो परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खोलेगी : पीएम मोदी

*     प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास किया

*     प्रधानमंत्री ने ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का उद्घाटन किया

*      पीएम बोले- भारत के इतिहास में बीते दशक को जल सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा

पन्ना/खजुराहो। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के मौके पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के खजुराहो में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री मोदी ने भारत और विश्व के ईसाई समुदाय के लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं। यह याद करते हुए कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में सरकार ने अपने गठन के एक वर्ष पूरे कर लिए हैं, श्री मोदी ने इसके प्रदेश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक वर्ष में हजारों करोड़ रुपये से अधिक की नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन के साथ-साथ विकास कार्यों ने गति पकड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ऐतिहासिक केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना, दौधन बांध और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना (मध्य प्रदेश का पहला सौर ऊर्जा संयंत्र) का शिलान्यास किया गया है।
प्रधानमंत्री ने आज भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के मौके पर आज के दिन को एक उल्लेखनीय प्रेरणादायी दिन बताते हुए कहा कि आज सुशासन और अच्छी सेवा का पर्व हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि आज से 1100 से अधिक अटल ग्राम सुशासन सदनों पर काम शुरू हो जाएगा और इसके लिए पहली किस्त जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अटल ग्राम सेवा सदन गांवों के विकास को आगे बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने घोषणाएं तो कीं, लेकिन कार्यान्वयन में गंभीरता और इरादे की कमी के कारण लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पाया। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के लाभों पर जोर दिया, जिसके तहत मध्य प्रदेश में किसानों को 12,000 रुपये मिलते हैं और कहा कि यह जन धन बैंक खाते खोलने से संभव हुआ। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना पर प्रकाश डाला और कहा कि बैंक खातों को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़े बिना यह संभव नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि पहले सस्ते राशन की योजनाएं थीं, लेकिन गरीबों को राशन पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, जबकि आज गरीबों को पूरी पारदर्शिता के साथ मुफ्त राशन मिलता है, इसका श्रेय प्रोद्योगिकी को जाता है, जिसने धोखाधड़ी को खत्म कर दिया और वन नेशन, वन राशन कार्ड जैसी देशव्यापी सुविधाओं को बढ़ावा दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो अभियान के शिलान्यास समारोह में जनता का अभिवादन किया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि सुशासन का अर्थ है कि नागरिक अपने अधिकारों के लिए सरकार से भीख न मांगे और न उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पडें। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी नीति 100 प्रतिशत लाभार्थियों को 100 प्रतिशत लाभ से जोड़ने की है, जो उनकी सरकारों को दूसरी सरकारो से अलग बनाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश इसका गवाह है और यही वजह है कि देश के लोगो ने बार-बार उन्हें सेवा का मौका दिया। इस बात पर जोर देते हुए कि सुशासन वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को संबोधित करता है, प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से बुंदेलखंड के लोगों को पिछली सरकारों के कुशासन के कारण दशकों तक बहुत कष्ट सहना पड़ा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुंदेलखंड में किसानों और महिलाओं की कई पीढ़ियों को प्रभावी शासन की कमी के कारण पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ा और पूर्ववर्ती सरकारों ने जल संकट के स्थायी समाधान के बारे में नही सोचा।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर भारत के लिए नदी जल के महत्व को समझने वाले पहले लोगों में से एक थे, पर टिप्पणी करते हुए श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएँ डॉ. अंबेडकर के विज़न पर आधारित थीं और केंद्रीय जल आयोग की स्थापना भी उनके प्रयासों के कारण ही हुई थी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि पिछली सरकारों ने जल संरक्षण और बड़ी बांध परियोजनाओं में उनके योगदान के लिए डॉ. अंबेडकर को कभी उचित श्रेय नहीं दिया और वे इन प्रयासों के प्रति कभी गंभीर नहीं रहीं। इस बात पर जोर देते हुए कि सात दशक बाद भी भारत के कई राज्यों में अभी भी जल विवाद हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों मे मंशा की कमी और उनके कुशासन ने इस दिशा मे किसी भी ठोस प्रयास को रोक दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खजुराहो में केन-बेतवा नदी के नेशनल प्रोजेक्ट के मॉडल का अवलोकन किया।
श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि श्री वाजपेयी की सरकार ने जल-संबंधी चुनौतियों को संबोधित करने के लिए गंभीरता से काम करना शुरू किया था, लेकिन 2004 के बाद इसे दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार अब देश भर में नदियों को जोड़ने के अभियान को गति दे रही है। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा जोड़ो परियोजना एक वास्तविकता बनने वाली है, जो बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खोलेगी। केन-बेतवा जोड़ो परियोजना के लाभों पर जोर देते हुए, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, दमोह और सागर सहित 10 जिलों को सिंचाई सुविधाएं प्रदान करेगी, श्री मोदी ने कहा कि इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को भी लाभ होगा, जिसमें बांदा, महोबा, ललितपुर और झांसी जिले शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “नदियों को जोड़ने के विशाल अभियान के तहत दो परियोजनाओं की शुरुआत करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल ही में राजस्थान की अपनी यात्रा के दौरान, पार्वती-कालीसिंध-चंबल और केन-बेतवा जोड़ो परियोजनाओं के जरीये कई नदियों को जोड़ने की पुष्टि की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समझौते से मध्य प्रदेश को भी काफी लाभ होगा।
श्री मोदी ने कहा, “जल सुरक्षा 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल वे देश और क्षेत्र ही प्रगति करेंगे, जिनके पास पर्याप्त जल होगा तथा समृद्ध खेतों तथा संपन्न उद्योगों के लिए जल आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात से आने के कारण, जहां अधिकांश भाग वर्ष के अधिकांश समय सूखे की स्थिति में रहते हैं, वे जल के महत्व को समझते हैं और उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के आशीर्वाद ने गुजरात का भाग्य बदल दिया। उन्होंने बल देकर कहा कि मध्य प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को जल संकट से मुक्त करना उनकी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने बुंदेलखंड के लोगों, विशेषकर किसानों और महिलाओं से उनकी कठिनाइयों को कम करने के लिए ईमानदारी से काम करने का वादा किया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस विजन के तहत बुंदेलखंड के लिए 45,000 करोड़ रुपये की एक जल-संबंधी योजना बनाई गई थी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में उनकी सरकारों को लगातार प्रोत्साहित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप केन-बेतवा जोड़ो परियोजना के तहत दौधन बांध की आधारशिला रखी गई। उन्होंने कहा कि इस बांध से सैकड़ों किलोमीटर लम्बी एक नहर बनेगी, जो लगभग 11 लाख हेक्टेयर ज़मीन को पानी उपलब्ध कराएगी।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “बीता दशक भारत के इतिहास में जल सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जल से जुड़ी जिम्मेदारियों को अलग-अलग विभागों में बांट दिया था, लेकिन उनकी सरकार ने इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय बनाया। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पहली बार हर घर में नल का पानी पहुंचाने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया गया। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि आजादी के बाद के सात दशकों में केवल 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास नल कनेक्शन थे, श्री मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उन्होंने 12 करोड़ नए परिवारों को नल का पानी उपलब्ध कराया है और इस योजना पर 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
श्री मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश हमेशा से पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी रहा है और जोर देकर कहा कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो युवाओं को रोजगार प्रदान करता है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के लिए तैयार है, का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के बारे में वैश्विक जिज्ञासा बढ़ रही है और दुनिया भारत को जानना और समझना चाहती है और इसका मध्य प्रदेश को बहुत लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने एक अमेरिकी अखबार में हाल ही में छपी एक रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें मध्य प्रदेश को दुनिया के शीर्ष दस सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक बताया गया है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान बनाने के लिए लगातार सुविधाएं बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विदेशी पर्यटकों के लिए ई-वीजा योजना शुरू की है और साथ ही भारत में विरासत और वन्यजीव पर्यटन को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। मध्य प्रदेश में पर्यटन की असाधारण संभावनाओं पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि खजुराहो क्षेत्र ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत से समृद्ध है, जहां कंदरिया महादेव, लक्ष्मण मंदिर और चौसठ योगिनी मंदिर जैसे स्थल हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश भर में जी-20 बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें खजुराहो में एक बैठक भी शामिल है, जिसके लिए खजुराहो में एक अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र का निर्माण किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 100 वीं जयंती पर खजुराहो में उनकी स्मृति में स्मारक सिक्का जारी किया।
पर्यटन क्षेत्र पर आगे चर्चा करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत, मध्य प्रदेश को पर्यावरण अनुकूल पर्यटन सुविधाओं और पर्यटकों के लिए नई सुविधाओं को विकसित करने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये आवंटित किए गए। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सांची और अन्य बौद्ध स्थलों को बौद्ध सर्किट के जरीये जोड़ा जा रहा है, जबकि गांधी सागर, ओंकारेश्वर बांध, इंदिरा सागर बांध, भेड़ाघाट और बाणसागर बांध ईको सर्किट का हिस्सा हैं। उन्होंने आगे कहा कि खजुराहो, ग्वालियर, ओरछा, चंदेरी और मांडू जैसे स्थलों को हेरिटेज सर्किट के हिस्से के रूप में जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भी वन्यजीव सर्किट में शामिल है और पिछले वर्ष पन्ना टाइगर रिजर्व की लगभग 2.5 लाख पर्यटकों ने यात्रा की। उन्होंने खुशी जताई कि बनाई जा रही लिंक नहर पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों को ध्यान में रखेगी।
इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई सी. पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।