चंदे का धंधा | धार्मिक अनुष्ठान के लिए आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं से चंदा वसूली, मामूली राशि खर्च कर मोटी रकम दबाई !

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2008
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय परिसर पन्ना में स्थित शिव मंदिर में आयोजित हुए धार्मिक अनुष्ठान में शामिल आशा-ऊषा कार्यकर्ता। (फाइल फोटो)

*     आशा सुपरवाइजर द्वारा की गई अवैध चंदा वसूली मामले की कलेक्टर से शिकायत

*     मानदेय वृद्धि होने पर आशा और संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने किया था कार्यक्रम

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के नाम पर होने वाली चंदा वसूली अब गोरखधंधा बन चुकी है। बीते कुछ सालों में इस तरह के अनेक मामले सामने आए है। राजनैतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों से लेकर कर्मचारी संघों के कतिपय पदाधिकारी चंदे के धंधे में आकण्ठ डूबे हैं। जिले के विभिन्न कर्मचारी संगठनों से संबद्ध कतिपय कामचोर नेतागण मुफ्त में अपनी राजनीति चमकाने और रसूख को बनाए रखने के लिए अपने संघ के सदस्यों अथवा साथी कर्मचारियों का आर्थिक शोषण करते हुए आए दिन किसी न किसी कार्यक्रम के नाम पर चंदा उगाही करते रहते हैं। कुर्सी तोड़ने वाले कर्मचारी नेता-नेत्रियां चंदे के धंधे से किस तरह चांदी काट रही हैं इसका ताजा उदाहरण आशा-ऊषा कार्यकर्ता संघ तथा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा संयुक्त रूप से कराया गया धार्मिक अनुष्ठान है। आरोप है कि, इस कार्यक्रम के लिए जिले भर की आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं, आशा सुपरवाइजर पर दबाव बनाकर बड़ी राशि वसूल की गई। बाद में मामूली सी राशि कार्यक्रम पर खर्च करके मोटी रकम का बंदरबांट कर लिया गया। पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार से अवैध चंदा वसूली मामले की लिखित शिकायत कर जांच कराने और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की है।

सैंकड़ों कर्मचारियों से की चंदा वसूली

आशा सुपरवाइजर रुकमणी प्रजापति।
लोकसभा चुनाव के पूर्व राज्य सरकार के द्वारा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों और आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि की गई थी। बहुप्रतीक्षित मांग के पूर्ण होने पर पन्ना जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ और आशा-ऊषा कार्यकर्ता संघ द्वारा संयुक्त रूप से जिला मुख्यालय में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थित शिव मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान (हवन-पूजन), भक्तिगीत-संगीत और भंडारे का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए दोनों ही कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के द्वारा जिले भर में अपने साथी कर्मचारियों और संघ के सदस्यों से बड़े पैमाने पर चंदा वसूली की गई थी। कलेक्टर को दी गई शिकायत में बताया है कि अजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र के कीरतपुर मे पदस्थ आशा सुपरवाईजर रुकमणी प्रजापति व अन्य के द्वारा जिले की 1300 से अधिक आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं और लगभग 100 से अधिक आशा सुपरवाइजर पर कथित तौर पर दबाव बनाकर कार्यक्रम के आयोजन हेतु चंदे के नाम पर 300 रुपए से लेकर 2,000 (दो हजार) तक की राशि प्रत्येक कार्यकर्ता से वसूल की गई। आशा संघ की पदाधिकारियों की ओर से कार्यक्रम के आयोजन तथा मंदिर के सौंदर्यीकरण हेतु सिर्फ राशि 25,000/-(पच्चीस हजार) रुपए का आर्थिक सहयोग दिया गया। जबकि चंदा की वसूली दो लाख रूपये से अधिक की हुई थी।

शिकायत से अंदरखाने मची खलबली

चंदा वसूली मामले की शिकायत करने वाली महिलाओं सावित्री लोध, शीला सिंह, रचना पटेल ने आवेदन पत्र में उल्लेख किया है, आशा सुपरवाइजर द्वारा फ़ोन लगाकर चंदा देने के लिए अनुचित दबाव बनाया गया। राशि नहीं देने पर संगठन की ओर से किसी तरह का सहयोग न मिलने तथा पद से हटाने की धमकी भी दी जाती रही। उनके द्वारा फोन-पे तथा अन्य माध्यमों से चंदा राशि जमा कराई गई। उक्त महिलाओं ने अवैध चंदा वसूली की शेष रकम का बंदरबांट होने की आशंका जाहिर करते हुए मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। धार्मिक अनुष्ठान के नाम पर जुटाए गए चंदे की राशि का बंदरबांट होने के आरोप हैरान करने वाले हैं। चंदे को लेकर आशा संघ में मचे घमासान की ख़बरें मीडिया में आने से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अंदरखाने भी चंदे के हिसाब-किताब की सुगबुगाहट तेज़ हो गई है। मामले को तूल पकड़ता देख धार्मिक कार्यक्रम के सह आयोजक रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के उन पदाधिकारियों की धड़कनें तेज हो गई हैं जोकि अपने संगठन की ओर से चंदा कलेक्शन में शामिल थे। दरअसल यहां भी सब गोलमाल होने जैसी चर्चाएं व्याप्त है। समाचार लिखे जाने तक आशा सुपरवाइजर रुकमणि प्रजापति की ओर से अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर कोई जवाब नहीं आया था।

बगैर अनुमति मंदिर में कराया कार्य

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ एवं आशा-ऊषा कार्यकर्ता संघ के तत्वाधान आयोजित हुए कार्यक्रम में सीएमएचओ डॉ. व्हीएस उपाध्याय को सम्मानित करते हुए कर्मचारी नेतागण।
मानदेय वृद्धि की मांग (मनोकामना) पूर्ण होने पर संविदा स्वास्थ्य संघ और आशा-ऊषा संघ की पदाधिकारियों के द्वारा धार्मिक अनुष्ठान करवाने के साथ सीएमएचओ कार्यालय परिसर में स्थित शिव मंदिर का सौंदर्यीकरण कार्य कराने का भी संकल्प लिया था। धार्मिक अनुष्ठान से पूर्व चंदा की राशि दोनों ही संगठनों की ओर से मंदिर परिसर के फर्श और टाइल्स का थोड़ा-बहुत कार्य करवाया गया। लेकिन इसके पूर्व किसी भी सक्षम अधिकारी से वैधानिक अनुमति नहीं ली गई। दोनों ही संगठनों के पदाधिकारी सीएमएचओ डॉ. व्हीएस उपाध्याय के बंगले के सामने बगैर किसी पूर्व अनुमति/एनओसी के मनमाने तरीके से मंदिर का सौंदर्यीकरण कराने के साथ 4 से 5 पांच दिन तक धार्मिक अनुष्ठान करते रहे। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने उन्हें रोकना-टोकना तो दूर नियमानुसार अनुमति लेकर कार्य करवाने का सुझाव देना भी उचित नहीं समझा। सिर्फ इतना ही नहीं, धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होकर धर्मलाभ प्राप्त करने के लिए जिले भर के मैदानी स्वास्थ्य कर्मचारी कई दिन तक पन्ना में डटे रहे। इस कार्यक्रम में स्वयं सीएमएचओ डॉ. उपाध्याय भी शामिल हुए थे। लेकिन उन्होंने किसी भी कर्मचारी से यह पूंछना या फिर अपने स्तर पर पता लगाना उचित नहीं समझा कि वह सभी अवकाश लेकर आए है या फिर नहीं?