* सुरक्षा श्रमिक से मानदेय वृद्धि के नाम पर 20 हजार की रिश्वत मांगने का है आरोप
* लेखापाल के समर्थन में वन कर्मचारियों ने जमकर किया हंगामा
* बोले- सुनियोजित साजिश के तहत रिश्वत के झूठे मामले में फंसाया गया
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना में लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप कार्रवाई की है। यहां लोकायुक्त की टीम ने पन्ना टाइगर रिजर्व के लेखापाल रमेश कुमार शुक्ला को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मानदेय वृद्धि के आदेश पर कार्रवाई करने के एवज में सुरक्षा श्रमिक बृजेश रैकवार से लेखापाल ने रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त पुलिस की ट्रैप कार्रवाई के विरोध स्वरूप एकजुट वन कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र संचालक कार्यालय पन्ना टाइगर रिजर्व में जमकर हंगामा किया गया। वन कर्मचारियों के अनुसार, लेखापाल रमेश शुक्ला को सुनियोजित साजिश के तहत रिश्वत के झूठे मामले में फंसाया गया है। आक्रोशित वन कर्मचारियों के हंगामे के चलते तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई। जिससे लोकायुक्त पुलिस टीम को एतिहायत के तौर पर कोतवाली थाना पन्ना पुलिस को मौके पर मदद के लिए बुलाना पड़ा।

लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी राजेश खेड़े ने जानकारी देते हुए बताया, मंगलवार 26 सितम्बर 2023 को पन्ना टाइगर रिजर्व के लेखापाल रमेश शुक्ला को उनके शासकीय आवास पर सुरक्षा श्रमिक बृजेश रैकवार से तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। सुरक्षा श्रमिक से मानदेय वृद्धि आदेश पर कार्रवाई करने के एवज में लेखापाल ने रिश्वत मांगी थी। जिसकी शिकायत सुरक्षा श्रमिक ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय सागर में की। शिकायत की तस्दीक करने के बाद ट्रैप कार्यवाही की गई है। शिकायतकर्ता बृजेश रैकवार ने बताया कि, सुरक्षा श्रमिकों के मानदेय वृद्धि का आदेश काफी समय से लंबित था। इस पर अमल कराने के संबंध में लेखापाल रमेश शुक्ला से आग्रह करने पर उनके द्वारा 20 हजार रुपए की मांग की गई थी। प्रथम किश्त के रूप में दो उन्हें हजार रुपए दिए थे। मंगलवार को दूसरी किश्त के रूप में लेखापाल रमेश शुक्ला को उनके आवास पर तीन हजार रुपये दिए, तभी लोकायुक्त पुलिस ने दबिश देकर शुक्ला को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए लेखापाल को उनके कार्यालय ले गई।
वन कर्मचारियों ने किया कड़ा विरोध

लोकायुक्त पुलिस की ट्रैप कार्यवाही की खबर आने के साथ ही इसके पीछे की कहानी जानकर तीनों वन मंडलों के कर्मचारियों में आक्रोश फ़ैल गया। सभी वन कर्मचारी एकत्र होकर क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व के कार्यालय पहुंचे। जहां वन कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष पन्ना महीप कुमार रावत, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष पन्ना बीपी परौहा एवं पूर्व कर्मचारी नेता अनिल जैन ने लोकायुक्त पुलिस टीम के समक्ष ट्रैप कार्रवाई को लेकर कड़ा विरोध जताया। कर्मचारी नेताओं ने, लेखापाल रमेश कुमार शुक्ला के 25 सितंबर से अवकाश पर होने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार कर कार्यालय लाने पर कड़ी आपत्ती जताई। साथ ही बताया गया कि, शिकायतकर्ता बृजेश रैकवार के पिता के बीमार होने पर कुछ माह पूर्व लेखापाल श्री शुक्ला ने उसे बीस हजार रुपए उधार दिए थे। श्री शुक्ला का रिटायर्मेंट चूंकि नजदीक है, इसलिए उनके द्वारा बृजेश से जब रुपए वापस मांगे गए तो उन्हें सुनियोजित साजिश के तहत रिश्वत मांगने के फर्जी मामले में फंसा दिया। आक्रोशित वन कर्मचारियों द्वारा लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई को साजिश करार देते हुए जमकर हंगामा किया गया। इस दौरान वन कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष महीप कुमार रावत और लोकायुक्त पुलिस टीम के बीच कई बार तीखी नोंकझोंक हुई।
मदद के लिए कोतवाली पुलिस को बुलाया

वन कर्मचारियों की एकजुटता एवं आक्रोश के मद्देनजर लोकायुक्त पुलिस की टीम असहज नजर आई। आनन-फानन में ट्रैप दल के द्वारा लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर को मोबाइल फोन पर तनावपूर्ण स्थिति निर्मित होने की सूचना दी गई साथ ही पन्ना कोतवाली थाना पुलिस को एहतियात के तौर पर मौके पर मदद के लिए बुलाया गया। इस दौरान कर्मचारी नेताओं की मांग पर लोकायुक्त पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी राजेश खेड़े पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक बृजेन्द्र झा से बात करने उनके कक्ष में पहुंचे। जहां क्षेत्र संचालक के समक्ष लोकायुक्त डीएसपी और कर्मचारी नेताओं के द्वारा अपना-अपना पक्ष रखा गया। आधा घण्टे तक चली चर्चा उपरांत इस बात पर सहमति बनीं, चूंकि लोकायुक्त पुलिस ट्रैप कार्रवाई कर चुकी इसलिए वन कर्मचारियों की जो भी आपत्ती हैं, उनको लिखित में दर्ज कराया जाए। वहीं लोकायुक्त पुलिस की ओर से आश्वस्त किया गया कि लिखित में दी जाने वाली आपत्तियों को दर्ज किए गए प्रकरण की विवेचना में शामिल किया जाएगा। बता दें कि, पन्ना जिले में सम्भवतः पहली बार लोकायुक्त पुलिस की किसी कार्रवाई का इतना कड़ा विरोध देखने को मिला है। खुद लोकायुक्त पुलिस टीम को भी इस अप्रत्याशित घटनाक्रम की उम्मीद नहीं थी।
साक्ष्य के आधार पर की गई कार्रवाई
