पार्ट-1 | देश में अघोषित आपातकाल, खतरे में हैं संवैधानिक संस्थायें और लोकतांत्रिक मूल्य : पटैरिया

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पन्ना के सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजा पटैरिया और उनके अगल-बगल में बैठे स्थानीय कांग्रेसजन।

*     पूर्व मंत्री राजा पटैरिया ने केन्द्र की मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

*     वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सत्ताधारी भाजपा को बताया भारत जलाओ पार्टी

*     बोले- शिवराज में मध्यप्रदेश में अराजकता और लूट-खसोट चरम पर

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) हमारा देश अघोषित आपातकाल के बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है, तानाशाही मानसिकता से काम करने वाली केन्द्र की मोदी सरकार लोकतंत्र को कुचलने और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने में लगी है। इस अघोषित आपातकाल में विरोध या असहमति की हर आवाज को दबाने के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसियों का खुलेआम दुरूपयोग किया जा रहा है। संसद से लेकर न्यायपालिका तथा अन्य संवैधानिक संस्थाओं को कठपुतली बनाया जा रहा है। मोदीराज में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को जिस तरह कुचला-रौंदा जा रहा है यह उसी का परिणाम है कि वर्ष 2014 के बाद से वर्ल्ड डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत की रैंकिंग लगातार गिर रही है। यह आरोप मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजा पटैरिया ने लगाए है। शुक्रवार 14 अक्टूबर को पन्ना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने केन्द्र की मोदी और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की विफलताओं को गिनाते हुए जमकर निशाना साधा।

विकराल हुई महंगाई और बेरोजग़ारी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजा पटैरिया ने कहा, अच्छे दिन लाने का वादा करने वाली सरकार अब तक हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल साबित हुई है। केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण आम आदमी कमर तोड़ महंगाई के बोझ से कराह रहा है। खाद्य पदार्थों से लेकर तेल, रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल एवं अन्य दैनिक उपयोग की जरुरी वस्तुओं की कीमतें हर महीने तेजी से बढ़ रही है। इस सरकार ने देश के युवाओं को हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, उसका क्या हुआ, कितने युवाओं को नौकरी मिली ? उन्होंने दावा किया कि मोदीराज में महंगाई के साथ-साथ बेरोज़गारी भी रिकार्ड बना रही है। डॉलर की तुलना में भारत का रुपया लगातार गिर रहा। रुपये में ऐतिहासिक गिरावट से लेकर जनहित के अन्य मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मौन साध रखा है। यह सरकार गरीबों एवं निम्न मध्यम वर्गीय लोगों के लिए नहीं पूजीपतियों-उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखकर काम करती है। नतीजतन देश में न सिर्फ गरीबों की तादाद बढ़ी है बल्कि गरीबों की हालत लगातार दयनीय होती जा रही है। दूसरी तरफ अडानी, अंबानी और दूसरे उद्योगपतियों की दौलत में बेशुमार इजाफा हो रहा है।

विफलताओं से ध्यान हटाने फैला रहे नफरत

पूर्व मंत्री पटैरिया ने आरोप लगाया, मोदी सरकार अपनी तमाम विफलताओं-वादाखिलाफी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए देश में नफरत और सांप्रदायिक तनाव की आग को प्रत्यक्ष-परोक्ष तौर पर भड़काने का काम कर रही है। देश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा कर सामाजिक एकता के ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। भाजपा भारत जलाओ पार्टी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा देश की एकता-अखंडता और लोकतंत्र को बचाने की यात्रा है। कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर तक करीब 3,500 किलोमीटर की इस ऐतिहासिक पैदल यात्रा के माध्यम से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी देश के ज्वलंत मुद्दों के प्रति जन-जन को जगाने का काम बखूबी कर रहे है। भारत जोड़ो यात्रा को मिल रहा अपार जन समर्थन इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि देश की जनता के भाजपा और मोदी के कुशासन, अधिनायकवाद और विभाजनकारी एजेण्डे से हो रही क्षति को समझ रही है।

एमपी में चहुंओर लूट-खसोट मची

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजा पटैरिया ने एमपी की शिवराज सरकार पर भी कई मुद्दों को लेकर जमकर हमला बोला। आपने कहा, डबल इंजन की सरकार में मध्यप्रदेश का विकास दोगुनी रफ़्तार से होने के वादे और दावे पूरी तरह हवा-हवाई साबित हुए है। सिर्फ नारों, भाषण एवं विज्ञापनों के जरिए मध्यप्रदेश को स्वर्णिम प्रदेश, विकास के मामले में नंबर-1 बनाया जा रहा है। जबकि यथार्थ के धरातल पर प्रदेश के हालात बद से बद्तर हो चुके है। मध्यप्रदेश में महिलाओं-बालिकाओं के खिलाफ अत्याचार-अनाचार चिंताजनक तेजी से बढ़ा है। प्रदेश में हर तरफ भय-भूख-भ्रष्टाचार और अराजकता हावी है। सत्ता का संरक्षण प्राप्त खनन माफिया, भू-माफिया, शराब माफिया, राशन माफिया ने खुलेआम लूटपाट मचा रखी है। खुद को प्रदेश की महिलाओं का भाई और बच्चों का मामा बताने वाले शिवराज के राज में पोषण आहार का 110 करोड़ का घोटाला कैग की रिपोर्ट से उजागर हुआ है। इस सरकार में गरीब महिलाओं-बच्चों के निवाले पर डाका डाला गया। शिवराज की गलत नीतियों के कारण मध्यप्रदेश का कर्ज बढ़कर आज करीब साढ़े तीन लाख करोड़ तक पहुँच चुका है। जबकि दिग्विजय सिंह की सरकार के समय प्रदेश पर सिर्फ 20 हजार करोड़ का कर्ज था।