बापू के आदर्श और मूल्य जीवन में उतारना ही सच्ची श्रद्धांजलि- राज्यपाल श्री पटेल

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राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य-तिथि पर हुई सर्वर्धम प्रार्थना में अपने विचार रखे।

गांधी भवन न्यास में सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित

भोपाल। (www.radarnews.in) राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि सच्चा वैष्णव तो वही है जो दूसरे की पीड़ा को समझे। उनको दूर करने के लिए सदैव तत्पर रहे। अपनी वाणी, कर्म, वचन और जीवन को शुद्ध रखें। विश्व शांति के यह सूत्र प्रसिद्ध साहित्यकार नरसी मेहता के भजन “वैष्णव जन तो तेने कहिए, जे पीर पराई जाणे रे” में समाहित है। बापू को यह भजन अत्यंत प्रिय था। इस भजन में बापू का पूरा जीवन दर्शन समाया हुआ है। इन आदर्श और मूल्यों को अपने जीवन में उतारना ही बापू को सच्ची श्रद्धांजलि है।
राज्यपाल श्री पटेल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं पुण्य-तिथि पर गांधी भवन न्यास में सर्वधर्म प्रार्थना सभा को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का मंत्र भी बापू के दर्शन और सिद्धांतों पर आधारित है। हम सभी को इन आदर्शों का पालन करते हुए विश्व में अमन, शांति और भाईचारे का संदेश देना चाहिए।
राज्यपाल श्री पटेल ने गांधी जी की प्रतिमा और गांधी स्मृति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। प्रार्थना सभा में जवाहर लाल नेहरू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भेल के विद्यार्थियों द्वारा वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाणे रे भजन और रामधुन “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम” गाकर गांधी जी को श्रद्धांजलि दी गई।
प्रार्थना सभा में जिला स्तरीय गांधी ज्ञान प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। प्रथम पुरस्कार खालसा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा आकृति गुप्ता, द्वितीय पुरस्कार टीएम कान्वेंट की छात्रा संजना पटेल, तृतीय पुरस्कार शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्टेशन क्षेत्र के मुनाफ अहमद और सांत्वना पुरस्कार विक्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भेल की छात्रा मेघा अहिरवार को दिया गया।
गांधी भवन न्यास के सचिव दयाराम नामदेव, फादर डॉ. आनंद मुटुगल, पंडित महेन्द्र शर्मा, भन्ते शाक्य सागर, प्रोफेसर डॉ. मनोज जैन, हाजी मो. हारून, शैक मुर्तजा अली, हाजी कलीम हारून, गुरूचरण सिंह अरोरा, हाजी इमरान हारून, गुरून्द्र सिंह, राजेन्द्र कोठारी, प्रजापति ब्रह्मकुमारी संगठन और ईश्वरीय विश्वविद्यालय सहित विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु, छात्र-छात्राएँ और आमजन उपस्थित थे।