रेत खनन घोटाला | BJP के शीर्ष नेताओं के संरक्षण में पन्ना से निकाली गई 3 हजार करोड़ की रेत : दिग्विजय सिंह

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दिग्विजय सिंह, राज्य सभा सांसद।

राज्यसभा सांसद ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र

खनिज मंत्री बृजेन्द्र को बर्खास्त करने और वीडी शर्मा की जांच कराने उठाई मांग

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का दावा करने वाली मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के दामन पर पिछले डेढ़ दशक में घपलों-घोटालों के अनेक अमिट दाग़ लगे हैं। इसी क्रम में एक नया और बेहद हैरान करने वाला घोटाला सामने आया है। रेत खनन का यह घोटाला हजारों करोड़ रुपये का है। राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस घोटाले को तथ्यों के साथ प्रमुखता से उठाया है। जिसकी हर तरफ काफी चर्चा हो रही है।
सूबे की शिवराज सरकार के लिए रेत खनन घोटाला राजनैतिक तौर न सिर्फ शर्मिंदगी का सबब बन चुका है बल्कि इसे लेकर सत्ता और संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों में जबर्दस्त बैचेनी-घबराहट है। दिग्विजय का दावा है, पन्ना जिले में हुआ यह घोटाला मध्य प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा खनन घोटाला है। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में माफियाओं के द्वारा खुलेआम पूर्णतः अवैध तरीके से हजारों करोड़ की रेत निकालकर बेंची गई। उन्होंने रेत खनन घोटाले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने के संबंध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।
चार पेज के इस पत्र में दिग्विजय सिंह ने पन्ना जिले की अपनी हालिया यात्रा का जिक्र करते हुए वहां बड़े पैमाने पर किए गए अवैध रेत खनन की आंखों देखी हैरान करने वाली हक़ीक़त बताई है। साथ ही खनन माफिया के आतंक-अत्याचार और बेइंतहा शोषण का शिकार बने पन्ना के गरीब किसानों की दर्द भरी दास्तां बयां की है।
राज्यसभा सांसद ने पत्र में एक जगह लिखा है, ‘‘पन्ना जिला का करोड़ों रूपये का रेत खनन घोटाला’’ यह बताता है कि सत्ताधारी दल के शीर्ष नेताओं का राजनैतिक संरक्षण मिलने पर किस तरह सिस्टम को खोखला कर दिया जाता है।” वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पत्र के माध्यम से प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद वीडी शर्मा की भूमिका की जांच कराने की मांग की है। पन्ना जिले के इन दोनों ही जनप्रतिनिधियों पर रेत माफिया को संरक्षण देने की आम चर्चा है।
दिग्विजय ने लिखा है कि, पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील में पिछले डेढ़ साल से बड़े पैमाने पर किसानों के खेतों और चरनोई भूमि पर अवैध खनन हो रहा है। होशंगाबाद निवासी रसमीत सिंह मल्होत्रा को पन्ना की रेत खदानों के समूह का तीन साल के लिए 31 करोड़ रुपये में दिया गया है। यहाँ राजनैतिक संरक्षण प्राप्त कर ठेकेदार से रेत माफिया बने रसमीत ने करीब डेढ़ साल की अवधि में 3 हजार करोड़ रुपए की रेत निकालकर बेंच डाली। पन्ना जिले के भ्रमण के दौरान मुझे इस संबंध अनेक शिकायतें मिली हैं।
बहुचर्चित रेत खनन घोटाले के संबंध में अपने पाठकों को विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के पत्र को रडार न्यूज़ यहां ज्यों का त्यों (अक्षरश:) प्रकाशित कर रहा है–

प्रिय श्री शिवराज सिंह चौहान जी,

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान।
विगत माह मेरे द्वारा लोकायुक्त महोदय जी को इस संबंध में शिकायत कर अनेक पेपर्स भी सौंपे थे और लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज किया जाकर रेत माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की थी। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के अनेक गांवों में विगत डेढ़ साल से हजारों करोड़ रूपये की रेत अवैध रूप से निकालकर रेत माफियाओं द्वारा बेची जा रही है। कई गांव टापू जैसे बन गये हैं, रेत माफियाओं ने गांवों के चारों तरफ से रेत निकाल ली है।
इसी क्रम में मेरे द्वारा पिछले सप्ताह पन्ना जिले का दौरा किया गया। इस दौरान अवैध रेत खनन की हैरान कर देने वाली वस्तुस्थिति देखी। सैकड़ों किलोमीटर में रेत खोदने से गड्डे ही गड्डे है। जहॉ तक भी नजर जाती थी, रेत के टीले नजर आ रहे थे। कई स्थानों पर तो सैकड़ों फुट गहरी जमीन से रेत निकाली गई थी। यह मंजर करोड़ों रूपये की रेत खनन की सच्चाई बयां कर रहा था। ग्रामवासियों ने बताया कि जिला प्रशासन, खनिज विभाग और पुलिस बल के संरक्षण में हजारों डम्पर रेत प्रतिदिन निकाली जाकर पन्ना सहित उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे जिलों में बड़ी कीमत में बेची जा रही है।
रेत माफिया ने गरीब वर्ग के अनुसूचित जाति, जनजाति सहित कमजोर वर्ग के लघु और सीमांत किसानों को डरा धमकाकर उनके खेतों को रेत निकालकर खोखला कर दिया। विगत एक वर्ष में इन पीड़ित किसानों ने कई बार थानेदार, तहसीलदार, एस.डी.एम., एस.पी. और कलेक्टर से शिकायत की पर उनकी पूर्ण रूप से मिली भगत होने से कोई सुनवाई नही की गई। कई मामलों में पीड़ितों को ही थाने बुलाकर शिकायत करने पर डराया धमकाया जाता रहा है। पीड़ितों द्वारा की गई शिकायतें संलग्न है।
पन्ना जिले में नियम-कानूनों की धज्जियाँ उड़ाते हुए खेतों एवं चरनोई भूमि से की गई रेत की लूट का फाइल फोटो।
अजयगढ़ क्षेत्र के दौरे में स्थानीय किसानों ने बताया कि केन नदी के पास बसे गांवों में रोजाना सैकड़ों ट्रक और डम्फरों से रेत भरी जा रही है। यहां की 70 प्रतिशत रेत उत्तरप्रदेश के 8-10 जिलों में फर्जी टी.पी. के माध्यम से भेजी जा रही है। रेत माफियाओं द्वारा नकली टी.पी. के पोटर्ल से जारी एक रसीद निकटवर्ती जिले सतना में पकड़ी गई थी। बताया गया है कि सतना जिले में इस संबंध में एक मामला भी दर्ज है। ग्रामवासियों ने बताया कि भोपाल से भी अनेक डंफर पन्ना भेजे गये है जो रेत के कारोबार में दिन रात दौड़ रहे है। यहां के अधिकांश गांवों में जे.सी.बी. सहित पोकलेन मशीनें चौबीसों घंटे रेत खनन में लगी है।
होशंगाबाद निवासी रसमीत सिंह मल्होत्रा को 3 साल के लिये पन्ना जिले की रेत का ठेका 31 करोड़ रूपये में दिया गया। स्थानीय जानकारों ने बताया कि ठेकेदार ने रेत माफियाओं के साथ मिलकर विगत डेढ़ वर्ष में तीन हजार करोड़ रूपये से अधिक की रेत बेच डाली है। जिन गरीब किसानों के खेत हमेशा के लिये लूट लिये गये है, उन्हें करोड़ों रूपये वसूली के नोटिस भेजे गये है।
पन्ना जिले के बरौली ग्राम में बगैर लीज स्वीकृति के निजी भूमि पर धड़ल्ले से संचालित अवैध खदान से रेत खनन करते हुए प्रतिबंधित मशीनें। फाइल फोटो
पन्ना के गांवों में भ्रमण के दौरान कई लोगों ने मुझे रेत माफियाओं की प्रताड़ना से संबंधित पत्र दिये है। इनमें से कई पत्र वे है जो उन्होने जिले के कलेक्टर, एस.पी., एस.डी.एम., तहसीलदार और थानेदार को दिये थे पर किसी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उल्टे छोटे-छोटे किसानों को लाखों-करोड़ों रूपये की वसूली के नोटिस दिये गये है। यह जॉच का विषय है कि रेत माफियाओं ने गैर कानूनी रूप से पहले तो गरीबों के खेत खोदकर करोड़ों रूपयें की रेत बेच डाली इसके बाद खनिज विभाग के अधिकारी गरीब किसानों को करोड़ों रूपये की वसूली का नोटिस भेज रहे है। जब रेत माफिया रेत निकाल रहा था, तब खनिज विभाग के लोग हिस्सेदार थे। जब इस मामले को उठाया गया तो दोष गरीब किसानों पर मढा जा रहा है, जो आज भी कच्चे मकानों और झुग्गियों में रह रहे है उन पर अवैध रेत खनन का प्रकरण दर्ज किया जा रहा है।
पन्ना की अजयगढ़ तहसील के ग्राम रामनई में कुछ किसानों को भेजे नोटिस की राशि निम्नानुसार हैः- बददू मुसलमान 15 करोड़ रूपये, प्रहलाद फरेब 5 करोड़ 88 लाख रूपये, राम आंसरे 2 करोड़ 88 लाख रूपये, श्रीपाल सुखलाल 1 करोड़ 32 लाख रूपये। यह जांच का विषय है कि रेत माफिया द्वारा रेत निकालकर बेंच दी गई और गरीब किसानों को वसूली के नोटिस दिये जा रहे है। इस तरह मध्यप्रदेश शासन को हजारों करोड़ रूपये के राजस्व की क्षति पहुंचाई गई है। यह पूरा माफिया तंत्र स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में फल-फूल रहा है।
मध्यप्रदेश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री वी.डी. शर्मा पन्ना-खजुराहो संसदीय क्षेत्र से सांसद है। मध्यप्रदेश शासन के खनिज मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह यहॉ से विधायक है। यह ‘‘हजारों करोड़ रूपये का रेत घोटाला’’ इन्हीं जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में चल रहा है। जन चर्चा है कि रेत माफियाओं को दोनों नेताओं का खुला संरक्षण है। इसलिये शासन प्रशासन में किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं है कि वो रेत माफियाओं पर कार्यवाही कर सके।
खनिज मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह की अपनी विधानसभा में रेत माफियाओं ने हजारो करोड़ रूपये के राजस्व की क्षति पहुंचाई है। बताया गया है कि उनके परिवार के कई सदस्य, रिश्तेदार रेत के धंधे में भी शामिल है। उनके नाम से क्रेशर खदानें है। यह कृत्य मंत्रीपद के संवैधानिक दायित्वों के विरूद्ध है। मंत्री पद की शपथ में कहा गया कि ‘‘मैं बिना किसी भय या पक्षपात के दायित्वों का निर्वहन करूँगा।’’ पर खनिज मंत्री ने रेत माफिया को संरक्षण देकर शपथ का उल्लंघन किया है।
मेरी मांग है कि रेत घोटाले में मंत्री महोदय की संलिप्तता को देखते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाये और सम्पूर्ण रेत घोटाले की उच्च स्तर से जांच कराई जाये। भिंड निवासी और पन्ना से सांसद श्री वी.डी. शर्मा के रेत माफियाओं से संबंध उजागर होना चाहिये। क्षेत्र में जन-जन में चर्चा है कि ये दोनों नेता रेत माफियाओं से मिले हुए है।
‘‘पन्ना जिला का करोड़ों रूपये का रेत खनन घोटाला’’ यह बताता है कि सत्ताधारी दल के शीर्ष नेताओं का राजनैतिक संरक्षण मिलने पर किस तरह सिस्टम को खोखला कर दिया जाता है। पन्ना टाईगर रिजर्व क्षेत्र से लगे ईको सेंसटिव जोन में यह घोटाला किया गया है। केन नदी के किनारों को कई किलोमीटर तक खोदकर किनारे खत्म कर दिये गये है। भविष्य में यहां के पर्यावरण के साथ-साथ पारिस्थितिकीय संतुलन भी बिगड़ेगा। नदी के तट के खत्म होने से गांवों में बाढ़ का खतरा होगा। किसानों की फसले बाढ़ में खराब हो जायेगी। खनिज माफिया ने सैकड़ों एकड़ जमीन से चरोखर उजाड़ दी है। चरोखर सहित पड़ती जमीन पर चारों तरफ रेत के गड्डे नजर आ रहे है। भविष्य में पालतू पशुओं को चरोखर नहीं मिलेगी।
इस संबंध में कुछ सामाजिक कार्यकर्ता एन.जी.टी. भी गये। जिला प्रशासन ने एन.जी.टी. के आदेशों का भी पालन नहीं किया। रामनई नाम का गांव अब टापू में बदल गया है। इसको चारों तरफ से रेत निकालकर समतल कर दिया है। ‘‘यह एक संगठित अपराध है जिसमें राजनेता, अधिकारी और माफिया सब शामिल है। सिर्फ रामनई और बीरा गांव से ही हजारों करोड़ रूपये की रेत निकाली गई है। ये दोनो गांव भयावह रेत खनन का प्रत्यक्ष उदाहरण है। पूरा गांव दहशत में है। शिकायत करने पर पुलिस थाने में कई दिन तक बैठाकर रखती है वे पुलिस प्रताड़ना का शिकार बन रहे है।
मेरा मानना है कि पन्ना जिले के कलेक्टर, एस.पी. सहित विगत डेढ़ वर्ष से जिले में ‘‘रेत घोटाले’’ वाले क्षेत्र में पदस्थ माइनिंग इंस्पेक्टर सहित एस.डी.एम., तहसीलदार और थानेदार, पटवारियों सहित समस्त अमले का जिले के बाहर स्थानांतरण किया जाये। तभी इस हजारों करोड़ रूपये के रेत घोटाले की निष्पक्ष जांच हो सकेगी। इस अवधि में वहां पदस्थ अधिकारियों के फोन, मोबाईल रिकार्ड की भी जांच की जाये। जिससे राजनेता, अधिकारी, रेत माफिया और अपराधियों का गठजोड़ उजागर हो सकेगा। इस क्षेत्र की विगत माह की सेटलाइट से ली गई फोटो से भी यह रेत घोटाला पकड़ा जा सकता है।
पन्ना जिले के रामनई ग्राम में अवैध रेत खदानों का निरीक्षण करते हुए राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह। (फाइल फोटो)
मेरे द्वारा जिले के दौरे के समय प्राप्त सभी आवेदन क्रम से इस पत्र के साथ संलग्न है। इन सभी आवेदनों को जांच से संबंधित दस्तावेजों में शामिल किया जाये। जिन किसानों से नियम विरूद्ध रेत खनन, संग्रहण के इकरारनामे किये गये थे। ऐसे तत्वों पर एफ.आई.आर. दर्ज की जाये। भ्रमण के साथ तैयार रेत खनन से संबंधित वीडियो रिकार्डिंग दस्तावेज के तौर पर पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ। ये रिकार्डिंग भी सबूत का हिस्सा मानी जाये। इस मामले में मेरा आपसे अनुरोध है कि जांच की प्रक्रिया समयसीमा तय करते हुए पूरी की जाये। क्योंकि मेरे द्वारा शिकायत किये जाने के बाद से क्षेत्र में गरीब वर्ग के किसानों को डराया, धमकाया जा रहा है। सैकड़ों जे.सी.बी. मशीनों से रेत खदानों में बने बड़े-बड़े गड्डे भरकर उन्हें समतल करने का अभियान चल रहा है ताकि रेत खनन के सबूत मिटाये जा सके।
पन्ना जिले के ग्राम जिगनी ग्राम में निजी भूमि पर खुलेआम संचालित रही अवैध रेत खदान में मशीनों से रेत खनन कराया गया। (फाइल फोटो)
मेरा मानना है कि सेटलाईट तस्वीरों को निकालकर ‘‘हजारों करोड़ का रेत घोटाला’’ पकड़ा जाना चाहिये। ये माफिया समतल कर जमीनों पर फसल बोने की तैयारी में है। इससे पहले कि माफिया सबूतों से छेड़छाड़ करें पूरे क्षेत्र की वीडियोग्राफी करा ली जानी चाहिये। क्या बिना कलेक्टर की अनुमति के रेत माफिया किसानों से रेत खनन का अनुबंध कर सकते है ? पर यहॉ यह सब हुआ है। ग्राम बीरा में 43, रामनई में 29, बरौली में 13, चंदौरा में 10, भानपुर में 8 सहित बल्दूपुरवा, मझगांय, अहिरन, फरस्वाहा, खरौनी, भीना, उदयपुर, कगरेकाबारा, देहगांव में रहने वाले किसानों से अनुबंध कर खेत खोखले कर दिये है।
मेरा आपसे पुनः अनुरोध है कि मैं पत्र के साथ संलग्न पेपर्स एवं वीडियोग्राफी की सी.डी. दे रहा हूँ। आपकी जांच में इन दस्तावेजों को भी शामिल कर लिया जाये। इसके आधार पर प्रदेश के अब तक के सबसे बड़े रेत खनन घोटाले में प्रकरण दर्ज कर प्रभावी कार्यवाही की जाये और हजारों करोड़ रूपये की रेत बेचने वालों पर नियम संगत धाराओं में मुकदमें दर्ज किये जाये। सहयोग के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।
                      सादर,
                                              आपका
                                        (दिग्विजय सिंह)