बड़ी खबर : पन्ना जिले की रेत खदानों के ई-ऑक्शन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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फाइल फोटो।

*    देवेन्द्र शर्मा ने हाईकोर्ट जबलपुर में दाखिल की थी याचिका

*    चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने जारी किया स्टे आदेश

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की समूहवार रेत खदानों के ई-ऑक्शन (ऑनलाइन नीलामी) पर हाईकोर्ट जबलपुर ने आगामी आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। ग्वालियर निवासी देवेन्द्र शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने रेत खदानों के ई-ऑक्शन के विरुद्ध बुधवार 8 दिसम्बर को स्टे आदेश जारी करते हुए की समस्त कार्यवाही पर आगामी आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।
उल्लेखनीय है कि, राज्य शासन द्वारा प्रदेश में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 अंतर्गत समूहवार रेत खदानों के निविदाओं के माध्यम से संचालन के लिए निविदाएं आमंत्रित करने हेतु जिला कलेक्टर को अधिकृत किया है। जिसके परिपालन में कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला पन्ना के द्वारा जिले के दो समूहों की कुल 27 रेत खदानों की ई-नीलामी सूचना दिनांक 16 नवंबर 2021 को जारी की गई थी। समूहवार रेत खदानों का आगामी 30 जून 2023 तक संचालन करने के ई-निविदा सूचना जारी करके इच्छुक निविदाकारों से एन आईसी. के ऑनलाईन पोर्टल https://mptenders.gov.in के माध्यम से तकनीकि प्रस्ताव एवं वित्तीय निविदाएं आमंत्रित की गईं। प्रत्येक समूह की 25 प्रतिशत सुरक्षा निधि के साथ तकनीकी प्रस्ताव एवं वित्तीय निविदा जमा करने की अवधि 20 नवम्बर 2021 से 11 दिसम्बर 2021 अपरान्ह में 5:00 बजे तक निर्धारित की गई थी।
इसके विरुद्ध ग्वालियर निवासी देवेन्द्र शर्मा के द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की। याचिका में प्रमुख सचिव खनिज साधन विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल, संचालक संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म मध्य प्रदेश भोपाल, कलेक्टर जिला पन्ना, खनिज अधिकारी जिला पन्ना को प्रतिवादी बनाया गया था।
पन्ना के पूर्व रेत ठेकेदार देवेन्द्र शर्मा की याचिका पर चीफ जस्टिस रवि मालिमथ की अध्यक्षता वाली युगल पीठ के द्वारा सुनवाई की गई। जिसमें जस्टिस विजय कुमार शुक्ला भी शामिल रहे। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता द्वय नमन नागरथ, रोहित जैन ने युगल पीठ के समक्ष अपनी दलीलें पेश की। सभी पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के पश्चात युगल पीठ ने दिनांक 8 दिसम्बर को आदेश जारी करते हुए पन्ना जिले की रेत खदानों के ई-ऑक्शन की समस्त कार्यवाही पर आगामी आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।