मध्य प्रदेश में सिलीकोसिस पीड़ित मजदूरों के लिए लागू होगी पुनर्वास नीति : बृजेन्द्र प्रताप

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सिलीकोसिस पीड़ित श्रमिकों के लिए पुनर्वास नीति लागू करने प्रदेश के खनिज एवं श्रम मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए पृथ्वी संस्था के युसूफ बेग।

* प्रदेश के खनिज एवं श्रम मंत्री ने सिलीकोसिस पीड़ितों के लिए संघर्षरत संस्था को दिया आश्वासन

पन्ना। (www.radarnews.in) खनन क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों में जानलेवा सिलीकोसिस बीमारी के प्रसार को देखते हुए पीड़ित श्रमिकों की जांच एवं उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं इनके कल्याण के लिए मध्य प्रदेश में सिलीकोसिस पुनर्वास नीति को जल्द ही लागू किया जायेगा। यह आश्वासन प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम विभाग के मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने सिलीकोसिस पीड़ितों के लिए संघर्षरत संस्था को दिया है। पृथ्वी ट्रस्ट पन्ना के द्वारा प्रेस में जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि मध्य प्रदेश सिलीकोसिस पीड़ित मंच की और से पृथ्वी ट्रस्ट के डायरेक्टर यूसुफ बेग नें पन्ना विधायक एवं मध्य प्रदेश के खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह से पत्र के माध्यम से मध्य प्रदेश में सिलीकोसिस पीड़ित मजदूरों के लिए पूर्व से प्रस्तावित सिलीकोसिस पुनर्वास नीति को लागू करने की मांग रखी।
श्री बेग ने मंत्री के समक्ष पन्ना में सिलीकोसिस की स्थिति एवं प्रदेश में सिलीकोसिस की स्थिति को रखा और आग्रह किया की प्रदेश में खनन क्षेत्रों में काम कर रहे मजदूरों में सिलिकोसिस भयावह रूप लेती जा रही है, इसकी जांच एवं उपचार के माकूल इंतजामात किये जाने चाहिए और राजस्थान की तरह मध्य प्रदेश में सिलीकोसिस पुनर्वात नीति लागू हो। जिससे इन पीड़ित खनन मजदूरों को न्याय मिल सके। पन्ना में पत्थर खदान मजदूर संघ द्वारा इन्विरोनिक्स ट्रस्ट दिल्ली के सहयोग से पन्ना जिले में 2010 एवं 2011 में हॉलैंड से आये डॉक्टर व्ही मुरली द्वारा दो कैम्प लगाए गए जिसमें 162 मजदूरों को सिलीकोसिस बीमारी से प्रभावित होने की रिपोर्ट दी थी। सरकार ने 39 मजदूरों को सिलीकोसिस होने का प्रमाण-पत्र दिया है | इन मजदूरों को दीनदयाल उपचार योजना कार्ड में सिलीकोसिस पीड़ित होने की सील लगाकर दिया है, तभी से पन्ना जिले में इस बीमारी की जांच और उपचार के साथ साथ इन मजदूरों को मुआवजा देने के लिए संघर्ष किया जाता रहा है।

चिन्हित 25 श्रमिकों की हो चुकी है मौत

उल्लेखनीय है कि अभी तक पन्ना में 25 मजदूरों की सिलीकोसिस बीमारी से मौत हो चुकी है। जिसके फलस्वरूप 2014 में सिलीकोसिस से हुई मौतों पर उनके परिवार को 3-3 लाख रूपये की सहायता राशि दिए जाने के निर्देश मध्य प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा दिए गए थे। उसी के तहत 2015 में 4 और 2019 में 7 सिलीकोसिस पीड़ित मजदूरों के परिवार को 3-3 लाख रूपये की सहायता राशि मध्य प्रदेश सरकार ने मजदूरों के सिलीकोसिस बीमारी से मरणोपरांत दी गई। लेकिन अभी भी इस बीमारी की जांच और उपचार की उपयुक्त व्यवस्था नहीं है और न ही पन्ना में सिलीकोसिस बीमारी की जांच के लिए कोई विशेषज्ञ डाक्टर ही है । पृथ्वी संस्था के युसूफ बेग द्वारा मांग रखी गई है कि प्रदेश में सिलीकोसिस पुनर्वास नीति लागू किया जाए। इस पर मध्य प्रदेश के खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने बहुत जल्द ही खनन क्षेत्रों में काम करने वासे मजदूरों के सिलीकोसिस पीड़ित मजदूरों के लिए सिलीकोसिस पुनर्वास नीति बनाए जाने और लागू किये जाने का आश्वासन दिया है |