राहुल का दावा- “मध्यप्रदेश में जीतेंगे 150 सीट, कर्नाटक की सफलता को एमपी में दोहराएंगे”

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कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी।

*     दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में एमपी के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर लंबी चर्चा

    महत्वपूर्ण बैठक में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह समेत एमपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे

नई दिल्ली। (www.radarnews.in) कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद कांग्रेस पार्टी अब आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। आज दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ अहम बैठक की। बैठक में राहुल गांधी विशेष रूप से मौजूद थे। काफी लंबी चली इस बैठक में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेताओं से प्रदेश की मौजूदा स्थिति, मुद्दों एवं चुनावी तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक के बाद राहुल गांधी ने प्रेस से बात करते हुए कहा- हमने अभी विस्तार से चर्चा की है। हमारा आंतरिक आंकलन कहता है कि हमने जिस तरह कर्नाटक में 136 सीटों पर जीत हांसिल की थी, उसी तरह हम मध्यप्रदेश में 150 सीटों पर जीत हांसिल करेंगे। बता दें कि मध्यप्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडिया से कहा कि मध्यप्रदेश के चुनाव में करीब 4 महीने बचे हैं। बैठक में मध्यप्रदेश के भविष्य और राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। कांग्रेस पार्टी जनता के मुद्दों को ध्यान में रखकर चुनावी मैदान में उतरेगी।

बताते चलें कि मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि इन हिन्दीभाषी राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा। इसे देखते हुए सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य राजनैतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस पार्टी ने अपनी सरकार बनाई थी, लेकिन मध्यप्रदेश में मार्च 2020 में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 20 से अधिक विधायक पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। दल-बदल के चलते एमपी की 15 महीने की कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी। फलस्वरूप मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद राज्य शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा ने अपनी सरकार बनाई थी।