MP : भाजयुमो के दलित नेता के आत्महत्या करने पर पुलिस के खिलाफ क्यों उपजा जनाक्रोश !

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पन्ना जिले के नरदहा ग्राम में भाजयुमो नेता के आत्महत्या करने से आक्रोशित ग्रामीणों ने कालिंजर-चित्रकूट मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। (फ़ाइल फोटो)

*  दबंगों के द्वारा भाभी के साथ अभद्रता करने पर पुलिस ने नहीं लिखी थी रिपोर्ट

*  पुलिस के रवैये और दबंगों की प्रताड़ना से परेशान होकर युवा नेता ने लगाई फांसी

*  पन्ना जिले के नरदहा ग्राम में कालिंजर-चित्रकूट मार्ग पर कई घंटे तक रहा चक्का जाम

*  धरमपुर थाना व पुलिस चौकी नरदहा प्रभारी को हटाने की ग्रामीणों ने उठाई मांग

*  पन्ना जिले में पुलिस की कार्यप्रणली को लेकर जनमानस में व्याप्त है असंतोष

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) शिवराज सरकार के सुराज और जनकल्याण के नारे के उलट पन्ना जिले में प्रशासनिक अराजकता और पुलिस की मनमानी अपने चरम पर है। जिससे परेशान आम आदमी को इंसाफ पाने के लिए आए दिन सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ रहा है। धरमपुर थाना क्षेत्र के नरदहा ग्राम का घटनाक्रम इसका एक उदाहरण मात्र है। जहां दबंगों के द्वारा भारतीय जनता युवा मोर्चा धरमपुर मण्डल के दलित नेता की भाभी के साथ कथित तौर पर अभद्रता की गई। युवा नेता अपनी भाभी को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराने नरदहा चौकी व धरमपुर थाना गया लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। उलटा पुलिस ने महिला के ही खिलाफ मारपीट का मामला पंजीबद्ध कर लिया। कथित तौर पर पुलिस के इस रवैये से व्यथित और दबंगों की प्रताड़ना से परेशान युवा नेता दुर्गेश सोनकर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बुधवार की सुबह जब लोगों को इस घटना के बारे में पता चला तो जिले के सीमावर्ती इलाके में बेहद तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने नरदहा चौकी के सामने जमकर हंगामा करते हुए कालिंजर-चित्रकूट मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। सुबह 8 बजे से जारी चक्का जाम शाम लगभग 5 बजे तक चला। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ सैंकड़ों वाहन फंसे रहे। विरोध-प्रदर्शन को अपना समर्थन देने क्षेत्र के भाजपा व कांग्रेस के नेतागण भी मौके पर पहुंचे।
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों व पीड़ित परिजनों ने पूरे मामले को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। धरमपुर थाना व नरदहा चौकी प्रभारी को तत्काल हटाने एवं अभद्रता करने वाले दबंगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों के अड़ने से कई घण्टे तक गतिरोध बना रहा। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के द्वारा दोनों ही मांगों पर कार्यवाही करने का आश्वासन देने के बाद कई घण्टों से चल रहा चक्का जाम शाम करीब 5 बजे बमुश्किल समाप्त हुआ। तब कहीं जाकर उक्त मार्ग पर वाहनों का आवागमन बहाल हो सका।
पुलिस चौकी नरदहा का घेराव कर हंगामा करते हुए ग्रामीणजन।
पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के सीमावर्ती दूरस्थ ग्राम नरदहा में 19-20 अक्टूबर की दरम्यानी रात भाजयुमो धरमपुर मंडल के मंत्री दुर्गेश सोनकर ने अपने ही घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बुधवार की अलसुबह जब दुर्गेश के परिजनों ने उसे फांसी के फंदे पर लटका हुआ देखा तो कोहराम मच गया। कुछ ही देर में नरदहा समेत सीमावर्ती इलाके में जबर्दस्त आक्रोश का माहौल निर्मित हो गया। स्तब्ध करने वाली इस घटना का पता चलने पर क्षेत्र के भाजपा नेता मौके पर पहुँच गए। सुबह 8 बजे तक बड़ी तादाद में एकत्र आक्रोशित ग्रामीणों व शोक संतृप्त परिजनों ने दुर्गेश की मौत के लिए पुलिस और दबंगों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए नरदहा चौकी का घेराव कर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस चौकी के सामने लगातार बढ़ती भीड़ ने मौके पर कालिंजर-चित्रकूट मुख्य मार्ग पर वाहन खड़े करके और सड़क पर बैठकर चक्का जाम कर दिया। जिससे बेहद तनाव पूर्ण स्थिति निर्मित हो गई। हालात को संभालने के लिए पन्ना और अजयगढ़ से पहुंचे पुलिस अधिकारीयों ने प्रदर्शनकारियों काफी समझाया लेकिन वे अपनी मांगों पर अडिग रहे। परिणामस्वरूप गतिरोध के चलते चक्का जाम कई घण्टे तक चलता रहा।
नरदहा पहुंचकर शोक संतृप्त परिवार की महिलाओं के समक्ष संवेदना व्यक्त कर उनकी मांगों को अपना समर्थन देते हुए वरिष्ठ नेता भरत मिलन पाण्डेय।
दोपहर के समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं अजयगढ़ जनपद पंचायत के अध्यक्ष भरत मिलन पाण्डेय समेत कांग्रेस के अन्य नेताओं ने नरदहा पहुंचकर पीड़ित परिवार के साथ एकजुटता दिखाते हुए उनकी मांगों का समर्थन किया। लगातार बढ़ते रोष के के कारण स्थिति बिगड़ने की आशंका और पन्ना जिला मुख्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन के मद्देनजर बवाल को शांत कराने की गंभीर पहल पुलिस के द्वारा की गई। शाम करीब 5 बजे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों से बात करके उनकी दोनों मांगों, धरमपुर थाना व नरदहा चौकी प्रभारी को हटाने और अभद्रता करने वाले दबंगों के खिलाफ कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया। तब कहीं जाकर कई घण्टे से जारी चक्का जाम बमुश्किल समाप्त हो सका।
मृतक के भाई दिनेश सुनकर ने बताया कि उनके घर की महिला के साथ गांव के ही कुछ दबंगों ने दो दिन पूर्व बदसलूकी की थी। भाभी के साथ घटित घटना से आहत दुर्गेश सोनकर उन्हें लेकर रिपोर्ट लिखाने पुलिस चौकी नरदहा व धरमपुर थाना गया लेकिन पुलिस ने उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी। उलटा दुर्गेश की भाभी के ही खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस के द्वारा दबंग आरोपियों का बचाव करने और दो दिन तक रिपोर्ट न लिखने से परेशान होकर युवा नेता दुर्गेश सोनकर ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है।

देर शाम बाइक की रोशनी में कराया पोस्टमार्टम

अजयगढ़ में देर शाम बाइक की रोशनी में पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम करवाते हुए पुलिसकर्मी।
दुर्गेश सोनकर की आत्महत्या के मामले में पुलिस पर जानबूझकर घोर उदासीनता बरतने के साथ-साथ हद दर्जे की संवेदनहीनता को लेकर भी लोगों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है। दरअसल, बुधवार को पन्ना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन पर उन्हें ऑल इज़ वैल वाली तस्वीर दिखाकर अपनी कारगुजारियों पर पर्दा डालने के इरादे से पुलिस ने सूर्यास्त के बाद देर शाम युवा नेता के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया। जिसके वीडियो सामने आने से लोग हैरान रह गए। अजयगढ़ के शव विच्छेदन गृह में युवा नेता की पार्थिव देह का पोस्टमार्टम बाइक की रोशनी में कराया गया। पुलिस के इस कृत्य को मृत शरीर के अपमान के तौर पर देखा जा रहा है। जिसकी चौतरफा तीखी आलोचना हो रही है। उल्लेखनीय है कि नरदहा के घटनाक्रम के संबंध में पन्ना के पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना से पुलिस का पक्ष जानने के लिए सम्पर्क किया गया लेकिन उनका मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ।