बुंदेलखण्ड के दो दिग्गजों के बीच हुई गुप्त मंत्रणा क्या गुल खिलाएगी ?

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पन्ना में पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले के आवास पर उनसे मुलाकत करते हुए पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया।

पन्ना में मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व कुसमरिया और महदेले के बीच हुई लंबी चर्चा

उपचुनाव प्रचार अभियान और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से नदारद हैं दोनों पूर्व मंत्री

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) किसी ने कहा है, एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। तस्वीरों की अपनी जुबान होती है। तस्वीरों को देख तो हर कोई लेता है मगर उसे वही पढ़ सकता है जिसे भावनाएं पढ़ना आता हो और उनमें छिपे मौन संदेश को जो सुन सकता हो। ऐसी ही एक तस्वीर बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पन्ना आगमन से महज एक-दो घण्टे पहले सामने आई। जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। बुन्देलखण्ड अंचल के भाजपा के दो दिग्गज पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया (बाबा जी) और पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले (जिज्जी) की गुप्त मंत्रणा की तस्वीर बाहर आने से सियासी हलचल बढ़ गई है।
पिछड़े वर्ग से आने वाले मध्य प्रदेश के दोनों क़द्दावर नेताओं के बीच बंद कमरे में क्या बात हुई इसे लेकर अटकलों-कयासों का दौर शुरू हो गया है। हर कोई अपने-अपने तरीके से जिज्जी और बाबा जी की मुलाकत के मायने निकाल रहा है। गौर करने वाली बात यह कि पन्ना में मौजूद रहने के बाद भी दोनों ही पूर्व मंत्रीद्वय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में कहीं नजर नहीं आए। जिसे लेकर भाजपा के अंदरखाने कई तरह की चर्चाएं हैं। पन्ना में पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले के सफरबाग स्थित निज निवास पर करीब डेढ़-दो घण्टे तक चली गुप्त मंत्रणा में डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया के अलावा एक-दो अन्य विश्वस्त लोगों के शामिल होने की अपुष्ट खबर मिली है।
प्रदेश में विधानसभा की सीटों व लोकसभा सीट पर चल रही उपचुनाव की प्रक्रिया के बीच भाजपा के इन दोनों दिग्गजों के बीच क्या चर्चाएं हुई इसकी जानकारी नहीं मिल सकी। मालूम होकि पन्ना से सटे सतना जिले की रैगांव विभानसभा सीट एवं बुंदेलखण्ड अंचल में आने टीकमगढ़ जिले की पृथ्वीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दलों सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके हैं। आमचर्चा है कि उपचुनाव के नतीजे प्रदेश की शिवराज सरकार को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ माह पूर्व में बुंदेलखण्ड अंचल की एक अन्य सीट दमोह में हुए विधानसभा के उपचुनाव में करारी हार का सामना कर चुकी शिवराज सरकार और भाजपा संगठन के लिए इस बार अघोषित तौर पर करो या मरो जैसी स्थिति है।
बाबजूद इसके कई दशकों तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय जनता पार्टी के सीनियर एवं लोकप्रिय नेता डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया और पूर्व मंत्री सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले अब तक न सिर्फ उपचुनाव प्रचार अभियान से नदारद हैं बल्कि दोनों ही दिग्गज पन्ना में रहते हुए भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से दूर रहे। सर्व विदित है कि दोनों ही पूर्व मंत्री वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में अपना टिकिट काटे जाने की वजह प्रदेश नेतृत्व से काफी नाराज रहे हैं। सामाजिक कार्यक्रमों सक्रिय रहने के बावजूद पार्टी की गठितविधियों से इनकी दूरी को नाराजगी बरक़रार रहने के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि दोनों ही दिग्गजों सार्वजानिक तौर पर इसका इजहार नहीं किया है। अब देखना यह है कि जिज्जी और बाबा जी की यह जुगलबंदी आने वाले दिनों क्या गुल खिलाती है।