वन विभाग की बेदखली की कार्रवाई पर रोक लगवाने किसानों ने पूर्व मंत्री महदेले से की मांग

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वन विभाग की बेदखली की कार्रवाई को रुकवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महेदेले से मुलाकात कर उन्हें आवेदन पत्र सौंपा।

*    एकतरफा कार्रवाई के चलते बेघर हो सकते हैं गरीब किसान

*    कई दशकों से काबिज किसानों के पास मौजूद हैं भूमि के पट्टे

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) तहसील पन्ना के इंटवाखास के हारमौहाई निवासी ग्रामीण जनों ने पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेत्री सुश्री कुसुम सिंह महेदेले से मुलाकात कर वन विभाग द्वारा काबिज जमींन से बेदखली की कार्यवाही रूकवाये जाने संबंधी मांग की है। ग्रामीण जनों ने बताया कि वे सभी भूमिहीन गरीब किसान है हारमौहाई में स्थित जमीन के खसरे पर खेती कर अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हुये वही मकान बनाकर निवासरत है। पटवारी द्वारा नापकर जमींन को राजस्व भूमि बताया गया है किंतु उसी भूमि को वन विभाग अपनी जमींन बताकर फसलों को उजाड़ते हुये नर्सरी बनवा रहा है। जिससे 10-15 किसानों के परिवारों के लिये भूखों मरने की नौबत आ गई है। प्रभावित 10 किसानों के नाम खसरा वर्ष 1993-94 में दर्ज है जिस पर जुर्मानें की रसीद भी उनके पास उपलब्ध हैं। इसके बाद भी वन विभाग द्वारा गरीब किसानों की सुनवाई किये बगैर उन्हें भूमि से बेदखल किया जा रहा है।
वन विभाग की एकतरफा कार्रवाई से प्रभावित किसान अपने परिवार के साथ मंगलवार को पन्ना पहुंचे। यहां उन्होंने सफरबाग स्थित पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महदेले से मुलाकात कर अपनी व्यथा सुनाई। ग्रामीणों ने बताया पूर्व में उनके द्वारा पन्ना कलेक्टर, क्षेत्रीय विधायक एवं खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह से न्याय की गुहार लगाकर बेदखली की कार्यवाही रुकवाने की मांग की गई थी। लेकिन उत्तर वन मण्डल पन्ना के अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों का आरोप है, वन अमले ने इस बीच उनके कच्चे घर भी तोड़ दिए।
हारमौहाई में दशकों से काबिज पट्टेधारी किसानों को वन विभाग के द्वारा बेदखल किए जाने के मुद्दे पर पूर्व मंत्री कुसुम सिंह महेदेले ने पन्ना कलेक्टर से बात की।
कई दशकों से काबिज भूमि से गरीब किसानों को बेदखल किए जाने पर उनके बेघर होने की त्रासदी के मद्देनजर पूर्व मंत्री सुश्री महदेले ने पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र से मोबाइल पर बात कर उनसे इस प्रकरण में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की गई। साथ ही ग्रामीणों का पक्ष सहानुभूति पूर्वक सुनकर न्याय देने के लिए कलेक्टर श्री मिश्र के समक्ष प्रभावितों को पुनः भेजा गया। पूर्व मंत्री से मुलाक़ात करने वाले पीड़ित ग्रामीणों में छोटे लाल गड़ारी, अनिल कुमार पाल, नंदीलाल कढ़ोरी, छल्लू ऊर्फ रामप्रसाद, रामायण दास, वृंदावन, विश्राम, खुशी लाल, अनाड़ी लाल आदि शामिल हैं।