आइसोलेशन सेंटर परिसर में गूँजी किलकारी, प्रवासी महिला श्रमिक ने दिया बच्चे को जन्म

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ग्राम बरियारपुर भूमियान के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में अपने नवजात शिशु के साथ महिला श्रमिक कल्ली बाई केवट।

* रामनवमीं के दिन जन्म होने पर बच्चे का नाम रखा “राम”

* लॉकडाउन के चलते कई किलोमीटर पैदल चलकर पन्ना पहुँची महिला

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) लाॅकडाउन के बाद महानगरों से वापस आ रहे पलायनकर्ता मजदूरों को स्क्रीनिंग उपरांत कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से उनके गृहग्राम के नजदीकी विद्यालयों एवं छात्रावासों में बनाए गए अस्थाई आइसोलेशन सेंटरों में रखा जा रहा है। जिले के अजयगढ़ तहसील क्षेत्र के ग्राम बरियारपुर भूमियान के बालिका छात्रावास में बनाए गये आइसोलेशन सेंटर में रुके श्रमिकों को लॉकडाउन के चलते राज्यों-जिलों की सीमाएं सील होने और सार्वजानिक एवं निजी वाहनों की आवाजाही बंद होने से अपनी घर वापसी के सफर में तमाम परेशानियां उठानी पड़ी हैं। इन थके-हारे श्रमिकों के चेहरे गुरुवार को उस समय ख़ुशी से खिल उठे जब इस आइसोलेशन सेंटर में ठहरी एक गरीब श्रमिक महिला ने सेंटर परिसर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। यह ख़ुशख़बरी मिलते ही महिला का पति और परिजन भी एक पल में तमाम कष्टों को भुलाकर ख़ुशी से झूम उठे। रामनवमीं के पावन अवसर पर बच्चे का जन्म होने पर नवजात का नाम “राम” रखा गया है। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य हैं।
जच्चा-बच्चा देखते डॉक्टर एवं स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारी।
यात्री बसें ट्रेन एवं अन्य वाहन बंद होने से महानगरों में झुग्गी झोपड़ी में रह कर मजदूरी करने वाले गरीब परिवारों के सामने विकट समस्या खड़ी हो गई है। ना चाहकर भी मजदूर अपने गृहग्राम वापस आने को मजबूर हो गए हैं, जिसे जो सुविधा मिली वापस आना प्रारंभ कर दिया। कोई बस, कोई ट्रक तो कोई अन्य वाहन से जहां तक सुविधा मिली किसी पहुंचे और फिर वाहन नहीं मिलने सिर पर सामान उठाकर पैदल ही घर की ओर चल पड़े। इन मजदूरों के साथ महिलाएं-बच्चे एवं बुजुर्ग सभी शामिल हैं। इसी तरह कई मुश्किलों और चुनौतियों को पार करके परिवार सहित पन्ना पहुँची गर्भवती महिला कल्ली बाई ने यहाँ ग्राम बरियारपुर भूमियान के आइसोलेशन सेंटर परिसर में एक बच्चे को जन्म दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील क्षेत्र के ग्राम बरियारपुर भूमियान के बालिका छात्रावास में बनाए गये आईसोलेशन सेंटर में रूकी मजदूर महिला कल्ली बाई केवट पति रामदीन केवट 24 वर्ष को 1-2 अप्रैल की दरम्यानी रात में प्रसव पीड़ा उठी जिसकी सूचना छात्रावास अधीक्षिका द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अजयगढ़ के डाॅक्टर के. पी. राजपूत को दी गई। जिनके द्वारा स्टाफ नर्स विमलेश सिंह को निर्देश देकर तुरंत श्रमिक महिला को छात्रावास परिसर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। जहां गुरुवार 2 अप्रैल की सुबह लगभग 09ः45 बजे कल्ली बाई ने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का वजन 2 किलो 600 ग्राम बताया गया है। रामनवमीं के दिन बच्चे का जन्म होने की खबर आते ही बरियारपुर भूमियान के आइसोलेशन परिसर में ठहरे श्रमिकों एवं महिला के परिजनों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और छात्रावास स्टॉफ सहित ग्राम पंचायत के कर्मचारियों द्वारा इस नवजात और प्रसूता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
मथुरा से इस तरह पन्ना पहुँचा श्रमिक परिवार 
उल्लेखनीय है कि अजयगढ़ क्षेत्र के ग्राम बरियारपुर भूमियान निवासी रामदीन केवट सपरिवार उत्तर प्रदेश के मथुरा के पालीखेड़ा में रहकर मजदूरी करता था। लाॅकडाउन के बाद अपने गांव पहुंचने वापस जाने के लिए केवट परिवार 29 मार्च 2020 को मथुरा से मिनी ट्रक में सवार होकर आगरा के लिए निकला। उक्त वाहन चालक ने रामदीन केवट और परिजनों को आगरा से 22 किलोमीटर पहले छोड़ दिया। इसके बाद वे पैदल चलकर आगरा पहुंचे, जहां से एक ट्रक ने झांसी छोड़ दिया और झांसी से 407 वाहन ने बरुआसागर तक पहुंचा दिया। वहां से ये लोग रेवाड़ी पहुंचे। रेवाड़ी से एक स्कूल बस ने इन्हें हरपालपुर पहुँचाया। हरपालपुर से बस में सवार होकर बमीठा तक आए। और फिर रामदीन केवट अपनी गर्भवती पत्नी के साथ 39 किलोमीटर पैदल चलकर 31 मार्च को अपने गाँव के नजदीक स्थित बरियारपुर डैम के तक पहुंचा। जहां से कोविड-19 दल प्रभारी द्वारा सचिव पप्पू लाल द्वारा इस श्रमिक परिवार को स्क्रीनिंग उपरान्त बरियारपुर छात्रावास के आइसोलेशन केन्द्र में एहतियात के तौर ठहराया गया। बहरहाल कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में सकुशल वापस गृहग्राम लौटने और बच्चे के जन्म से हर्षित यह मजदूर परिवार उन्हें मदद करने सभी लोगों और ईश्वर के प्रति अनुग्रहीत है।