नई दिल्ली। रडार न्यूज कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग से ठीक पहले अंतिम चरण में पीएम मोदी का चुनावी प्रचार शुरू होते ही सूबे का सियासी पारा गर्म है। इस सियासी गर्मी की पहली तपिश जेडीएस और पार्टी प्रमुख पूर्व पीएम देवगौड़ा पर पड़ी है। पीएम ने अपनी पिछली रैली में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए देवगौड़ा की तारीफ कर दी, तो सिद्धारमैया ने एक बार फिर जेडीएस के बीजेपी की बी टीम होने का शिगूफा एक बार फिर छेड़ दिया। देवगौड़ा की सफाई भी आई तो अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीधे तौर पर उनसे पूछ लिया कि वह कर्नाटक को बताएं कि किसके साथ हैं। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिये सत्ता बचाने की चुनौती है, वहीं भाजपा के लिये मिशन कांग्रेस मुक्त भारत। ऐसे में दोनों ही पार्टियां यहां अपना पूरा जोर आजमा रहीं है। दोनों ही पार्टियों के राष्ट्रीय नेता कर्नाटक में डेरा जमाये हुए हैं। जिससे स्पष्ट होता है कि यह चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से कितना अहम है।
माही के लिये आसान नहीं कोलकाता की चुनौती
मुम्बई। रडार न्यूज हार के बाद तुरंत जीत की पटरी पर लौटना टीम के लिए अहम होता है। मुंबई इंडियंस के हाथों हारने के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) ने ऐसा ही किया। नई ओपनिंग जोड़ी के साथ उन्होंने शानदार वापसी की और दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ आसानी से मैच जीता। निचले क्रम में अभी बल्लेबाजी करने पर अंबाती रायडू को कोई फर्क नहीं पड़ा। यह दिखाता है कि वह सीमित ओवरों के कितने अच्छे खिलाड़ी हैं। उन्हें पता है कि कब शॉट लगाने हैं और कब एक-दो रन लेने हैं। इससे भी ज्यादा क्रीज पर टिके रहने की उनकी प्रतिबद्धता से चेन्नई को आखिरी ओवर तक एक छोर संभालने वाला बल्लेबाज मिल गया है। धौनी अभी जैसी फॉर्म में है, उससे चेन्नई बड़े से बड़ा स्कोर का पीछा करने को लेकर आश्वस्त है। रैना और वॉटसन भी सीएसके की बल्लेबाजी को मजबूती और अनुभव दे रहे हैं। दोनों किसी भी वक्त बड़े शॉट लगा सकते हैं। अन्य टीमों की तरह चेन्नई की परेशानी भी पावर प्ले और आखिरी ओवरों में गेंदबाजी है। सिर्फ सनराइजर्स ही इस मामले में अपवाद है। उनके गेंदबाज छोटे लक्ष्य को भी बचा रहे हैं और उसमें भी विपक्षी टीम को बड़े अंतर से हरा रहे हैं। कोलकाता नाइटराइडर्स के पास संतुलित गेंदबाजी है और इससे आक्रामक बल्लेबाजों को परेशानी हो रही है क्योंकि कार्तिक अपने तेज गेंदबाजों और स्पिनरों का चालाकी से इस्तेमाल कर रहे हैं।
पहले दो मैच में गेंदबाजी को लेकर चयन गलत होने के बाद केकेआर के कप्तान अब गेंदबाजी बदलाव और फील्डरों को पोजीशन सही कर रहे हैं। उनकी बल्लेबाजी भी लय पकड़ रही है। क्रिस लिन क्रीज पर समय बिता रहे हैं और उन्होंने आरसीबी के खिलाफ मैच भी जिताया। निचले क्रम में युवा शुभमन भी एक अच्छा कदम हैं क्योंकि वह स्थितियों को समझते हुए उनके अनुसार ढल सकते हैं। अगर सुनील नारायण की शॉर्ट गेंदबाज नहीं खेल पाने की कमी को टीमें पकड़ लेती हैं तो यह युवा बल्लेबाज ओपनिंग करने को भी तैयार है। ईडन गार्डेन अब तक नाईट राइडर्स का मजबूत किला साबित हुआ है और इस किले को ढहाने के लिए धौनी को अपनी पूरी ताकत लगानी होगी।
खतरे में हैं, आपके बैंक एवं ईपीएपफ खाते
नई दिल्ली। रडार न्यूज कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की वेबसाइट से पीएफधारकों के डाटा चोरी होने की खबरें हैं, लेकिन संगठन इस बात से साफ इनकार कर रहा है कि कोई डाटा लीक हुआ है। दो दिन में दो बार ईपीएफओ इस मामले में सफाई दे चुका है। लेकिन, खतरा तो है क्योंकि, बिना किसी गड़बड़ी के वेबसाइट को बंद नहीं किया जाता। सेवाएं नहीं रोकी जाती हैं। ऐसे में 17 करोड़ मेंबर्स की पर्सनल डिटेल्स खतरे में है। साथ ही इन डिटेल्स का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है। खतरे में सिर्फ आधार नहीं है बल्कि डिटेल्स के जरिए पीएफ खाते से पैसा भी निकाला जा सकता है। आपके लिए यह जानना जरूरी है कि ईपीएफओ के डाटा बेस में आपकी जो डिटेल्स हैं उनके चोरी होने या लीक होने पर क्या नुकसान हो सकता है। बैंकिंग एक्सपर्ट विवेक मित्तल के मुताबिक, डाटा लीक का सबसे बड़ा खतरा यह होता है कि आपकी पर्सनल डिटेल्स कई तरह के लोगों से शेयर होती है। ऐसे में आपके बैंक खाते और पीएफ खाते को हैक किया जा सकता है। आपके बैंक अकाउंट से पैसा निकाला जा सकता है। इसे एक तरह की फिशिंग कहते हैं और ईपीएफओ से डाटा लीक होने का मतलब है कि आपका पूरा केवाईसी डिटेल्स लीक हो जाना।
आधार नम्बर पर भी खतरा
पीएफधारकों ने अपना आधार नंबर दर्ज कराया हुआ है। दरअसल, 2016 के बाद से ऑनलाइन पीएफ निकासी और पीएफ ट्रांसफर के लिए आपको अपने यूनीवर्सल अकाउंट नंबर से आधार को जोड़ना होता है। अब अगर मान लिया जाए कि पीएफ डाटा लीक हुआ है तो यह भी पक्का है कि आपका आधार भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि, आपके पीएफ डाटा के साथ आपके अकाउंट की डिटेल्स भी होती हैं, जिन्हें हासिल करना किसी भी हैकर के लिए संभव है।
खतरे में बैंक खाता
डाटा बेस में आधार के अलावा आपका बैंक खाता भी दर्ज होता है। पीएफ निकासी के समय ईपीएफओ इसी खाते में आपका पैसा जमा करता है। लेकिन पीएफ डाटा लीक होने से आपका बैंक भी हैक किया जा सकता है। अगर इसी अकाउंट से आप ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी करते हैं तो यह और बड़ा खतरा है क्योंकि बैंक खाते के हैक होने का चांस ज्यादा होता है। नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग जैसी सर्विस का इस्तेमाल करने पर खतरा बढ़ सकता है।
मोबाइल नंबर से भी खतरा
डिजिटल सर्विस होने के बाद से ईपीएफओ सदस्य अपना सारा काम मोबाइल या ऑनलाइन ही करते हैं। साथ ही खाता खुलवाते वक्त या बाद में हर किसी ने अपना मोबाइल नंबर भी इसमें दर्ज कराया है। अगर ईपीएफओ में दर्ज मोबाइल नंबर और नेट बैंकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले नंबर एक ही है, तो इससे फ्रॉड का खतरा बढ़ सकता है। क्योंकि, ज्यादातर लोग ओटीपी की मदद से ट्रांजैक्शन करते हैं। अगर मोबाइल नंबर हैक होता है तो हैकर ओटीपी का भी इस्तेमाल आसानी से कर सकते हैं।
ईपीएफओ ने दी सफाई
डाटा लीक और वेबसाइट हैक होने की खबरों के बाद ईपीएफओ और श्रम मंत्रालय ने बयान जारी किया कि कोई डाटा लीक नहीं हुआ है। पीएफ खाताधारकों का डाटा पूरी तरह सुरक्षित है। कुछ सेवाएं सुरक्षा के लिहाज से बंद की गई हैं। साथ ही आधार संबंधित जानकारियां भी पूरी तरह सुरक्षित हैं। आधार डाटा लीक होने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
इन हथियारों का किया गया इस्तेमाल सीरिया को तबाह करने के लिए
नई दिल्ली। रडार न्यूज अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की संयुक्त सेनाओं ने सीरिया पर इतनी तेज गति से हमला किया कि वह संभल भी नहीं पाया। तीनों देशों की सेनाओं ने अपने-अपने अचूक और अत्याधुनिक हथियारों से हमले किए। फ्रांस के राष्ट्रपति ने रॉफेल लड़ाकू विमान के उड़ाने भरने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। आइए जानते हैं कि किन-किन हथियारों का इस्तेमाल किया गया। ब्रिटेन ने अपने चार विध्वंसक टॉरनाडो फाइटर्स से सीरिया पर क्रूज मिसाइलें दागीं। टॉरनाडो ने साइप्रस स्थित रॉयल एयर फोर्स के बेस कैंप से उड़ान भरी थी। ये चार सौ किलोग्राम विस्फोटक लेकर 400 किमी दूर से हमला कर सकते हैं। दो इंजन वाले ये विमान जमीनी हमले के लिए मुफीद माने जाते हैं। इन्हें हमले के लिए दुश्मन के क्षेत्र में जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। ने सीरिया पर दागी क्रूज मिसाइलें, ट्रंप बोले- सीरिया के हित में किया हमला युद्ध क्षेत्र में इनका लक्ष्य बदला जा सकता है। यह तेजी से लक्ष्य पर अचूक निशाना लगाती हैं। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने यह नहीं स्पष्ट किया किया है कि सीरिया में टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें ही दागी गई हैं। पिछले साल से ही अमेरिका सीरिया में इन मिसाइलों का उपयोग हमले के लिए कर रहा है। अब तक 58 मिसाइलें दागी गई हैं। यह मिसाइल 18 से 20 फीट लंबी होती है और 880 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ढाई हजार किमी दूर तक मार कर सकती है। यह एक हजार पाउंड तक विस्फोटक ले जा सकती है।