दोस्त की विधवा को शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने के आरोपी दस साल का कारावास

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फाइल फोटो।

*    प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पन्ना ने सुनाया फैसला

*    न्यायालय ने एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से भी किया दण्डित

*    पीड़िता द्वारा बच्ची को जन्म देने के बाद आरोपी ने तोड़ लिए थे संबंध

पन्ना।(www.radarnews.in) दोस्त की विधवा को शादी का झांसा देकर तक उसकी इच्छा के विरुद्ध एवं सहमति के बगैर शारीरिक शोषण करने और जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी को न्यायालय ने कठोर सजा सुनाई है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पन्ना राजाराम भारतीय ने बलात्कार के आरोपी अनिल साहू पिता शिवदयाल साहू 40 वर्ष निवासी बेनीसागर मोहल्ला पन्ना जिला पन्ना (मध्य प्रदेश) को धारा-376 (2) (एन) भारतीय दंड संहिता के आरोप में दोषसिद्ध पाये जाने पर दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
जिला लोक अभियोजक किशोर श्रीवास्तव ने अभियोजन के मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अभियोक्त्री अपने पति की मृत्यु के बाद अकेली रहती थी। आरोपी अनिल साहू उसके पति का दोस्त था। वह अपने दोस्त की विधवा (अभियोक्त्री) की मदद करने के बहाने उसके कमरे में आता था। सन् 2021 में कोरोना के समय आरोपी एक दिन अभियोक्त्री के कमरे में आया और कहने लगा कि वह उससे शादी करना चाहता है। उसने अभियोक्त्री को पन्ना में किराए से एक कमरा दिला दिया और वह भी अभियोक्त्री के साथ उसी कमरे में रहने लगा। इस दौरान अभियुक्त अनिल साहू ने शादी का झांसा देकर अभियोक्त्री के साथ उसकी मर्जी के बिना जबरन शारीरिक संबंध बनाए। और बाद में भी आरोपी लगातार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। इस कारण अभियोक्त्री जुलाई 2022 में गर्भवती हो गई। आरोपी ने उससे बच्चे को गिराने के लिए कहा। लेकिन अभियोक्त्री ने उसकी बात नहीं मानी और सतना अस्पताल में अप्रैल 2023 में एक बच्ची को जन्म दिया। प्रसव उपरांत वह अपनी बच्ची को लेकर पन्ना आई और आरोपी के घर जाकर बच्ची के जन्म की जानकारी दी। तब आरोपी ने अभियोक्त्री को पहचानने से ही इंकार करते हुए कहा, उसे और उसकी बच्ची को जहां मरना हो, मरो मगर मेरे पास मत आया करो।
आरोपी अनिल के दुर्व्यवहार से दुखी पीड़िता ने सम्पूर्ण घटना की जानकारी अपने मकान मालिक व मायके पक्ष को दी। तदुपरांत अभियोक्त्री ने दिनांक 30 मई 2023 को घटना का लिखित शिकायती आवेदन पत्र कोतवाली थाना पन्ना में कार्यवाही हेतु प्रस्तुत किया। जिसके आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध क्रमांक-390/2023 धारा-376(2)(एन) भादंसं दर्ज कर लिया। मामले की विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन के द्वारा फरियादिया, उसके नवजात शिशु और आरोपी के रक्त के नमूने लेकर डीएनए टेस्ट कराया। डीएनए रिपोर्ट आने पर स्पष्ट हो गया कि आरोपी अनिल साहू ही नवजात शिशु का जैविक पिता है।
प्रतीकात्मक चित्र।
प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय के समक्ष अभियोजन साक्षियों के कथन कराये गये। साक्षियों के साक्ष्य, डाॅक्टर एवं विवेचक द्वारा की गई विवेचना एवं अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर अभियोजन के प्रकरण युक्ति-युक्त संदेह से परे माना। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजाराम भारतीय ने आरोपी अनिल साहू निवासी पन्ना को धारा-376(2)(एन) भारतीय दंड संहिता के अन्तर्गत आरोप में दोषसिद्ध पाए जाने पर दस वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि में से अभियोक्त्री एवं उसकी पुत्री को पचास-पचास हजार रूपये की राशि प्रतिकर के रूप में अदा करने का आदेश दिया गया। मामले में अभियोजन की ओर से किशोर श्रीवास्तव जिला लोक अभियोजक ने पैरवी की।