घुमक्कड़ आदिवासी परिवारों की मदद के लिए आगे आये युवा और प्रशासन

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कलेक्टर के निर्देश पर जरूरतमंद परिवारों को खाद्यान्न वितरित किया गया।

* गरीब परिवारों को वितरित की गई खाद्यान्न सामग्री

मुस्तक़ीम खान, रोहित रैकवार- अजयगढ़/पन्ना ।(www.radarnews.in) नोवल कोरोना वायरस संक्रमण की प्रभावी रोकथाम के लिए 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद शहर दर शहर, गांव दर गांव भ्रमण कर जड़ी-बूटी बेंचने वाले घुमक्कड़ आदिवासी परिवार खाद्यान्न संकट से जूझ रहे थे। कामधंधा ठप्प होने और जमा पूँजी के साथ-साथ राशन का आभाव होने से भुखमरी कगार पर पहुँच चुके इन परिवारों की बदहाली से जुड़ी खबर को समाजसेवी, युवा नेताओं और जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए इन जरूरतमंदों को तत्परता से मदद पहुँचाई है। जिले की अजयगढ़ तहसील अंतर्गत पिष्टा ग्राम के समीप मुख्य मार्ग किनारे डेरा डालकर रह रहे जड़ी-बूटी विक्रेता आदिवासियों एवं कुल्हाड़ी- हंसिया बेंचने वाले लोहगड़िया परिवारों के राशन समेत आवश्यक वस्तुओं की कमी से जूझने का पता चलते ही आज सुबह पन्ना के युवा इंजीनियर योगेन्द्र भदौरिया ने अजयगढ़ में भाजयुमो जिलाध्यक्ष अमित गुप्ता से सम्पर्क कर उनके एवं साथियों के माध्यम से राशन सामग्री गरीब आदिवासी परिवारों को उपलब्ध कराई गई। उल्लेखनीय है कि इनके पास न तो किसी श्रेणी का राशन कार्ड है और लॉकडाउन घोषित होने के बाद किसी तरह की कोई सरकारी मदद भी नहीं मिली। जिससे इनके लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना काफी मुश्किल हो गया था।
घुमक्कड़ गरीब आदिवासी परिवारों को राशन सामग्री उपलब्ध कराते युवा नेता अमित गुप्ता। 
वहीं आज जब इनकी दयनीय स्थिति के सम्बंध में पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को जानकारी मिली तो उन्होंने सीईओ जनपद पंचायत को निर्देश दिए कि उन परिवारों से मिलकर उन्हें उचित मूल्य दुकान से खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई जाए। सोमवार को दोपहर में करीब 1 बजे अजयगढ़ जनपद सीईओ ने पिष्टा चौराहा पहुंचकर जड़ी-बूटी विक्रेता आदिवासियों एवं लोहगड़िया परिवारों से भेंट कर उनकी समस्या सुनीं। और फिर उनके द्वारा वहां रहे रहे 28 परिवारों को बगैर किसी राशन कार्ड के खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई गयी। उन सभी को शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की समझाईश दी गयी। उन्हें यह भी निर्देश दिए गए कि इस दौरान लाॅकडाउन चल रहा है अपने घर पर ही रहें। बाहर आना जाना बिल्कुल भी न करें। दोहरी मदद मिलने पर इन गरीब आदिवासियों ने राहत की सांस लेते हुए युवा नेताओं और जिला प्रशासन का आभार जताया है।