
* पृथ्वी ट्रस्ट कार्यालय में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
* महिला अधिकारों एवं महिलाओं से जुड़ीं योजनाओं पर हुई चर्चा
पन्ना। (www.radarnews.in) अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर आज पृथ्वी ट्रस्ट कार्यालय पन्ना में महिलाओं पर केंद्रित एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। पृथ्वी ट्रस्ट और दस्तक महिला समूहों के सौजन्य से आयोजित हुए इस कार्यक्रम में दस्तक परियोजना क्षेत्र एवं आदिवासी ग्रामीण अंचल की महिलाओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी की। इस अवसर पर महिलाओं के हक-आधिकारों के साथ महिला हिंसा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन दस्तक परियोजना के जिला समन्वयक रविकांत पाठक ने किया। आयोजन में शामिल सभी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें देते हुए इस दिवस को मनाने के इतिहास पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित पृथ्वी ट्रस्ट से समीना यूसुफ ने अपने उद्बोधन में कहा की हमारा समाज आज भी उस स्थिति में नहीं पहुंचा है जहाँ की हम महिलाओं को आजाद माना जाए। आज भी समाज में महिलाओं के साथ हिंसा, छेड़छाड़ जैसी कई घटनाएं सामने आ रहीं है, यदि हमें समाज में बराबरी से लाना है, तो हम सब को संगठित होना पड़ेगा तभी हम आगे बढ़ सकेंगे। दर्शना महिला कल्याण समिति से संध्या द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा की हमको समाज में सभी की बराबरी से चलना होगा, आज भी पूरी तरह से महिलाएं सुरक्षित नहीं है महिलाओं को एकजुट रहकर यह काम करना होगा।
डिजिटल साक्षरता बढ़ाने प्रयास जारी
डिजिटल परियोजना के जिला समन्वयक रामऔतार तिवारी ने अपने उद्बोधन में डिजिटल परियोजना में सम्मलित सात योजनाओं जैसे मातृत्व वंदना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, समेकित बाल विकास सेवाएं, मध्यान भोजन, मनरेगा, लाड़ली लक्ष्मी एवं मुख्यमत्री बाल सेवा योजना के बारे में जानकारी दी। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा की गाँव में अभी भी पात्र सभी महिलाओं को उनका हक नहीं मिल पा रहा है क्योंकि या तो उन्हें जानकारी नहीं है या फिर किसी दस्तावेज के कारण वे योजनाओं से वंचित रह जाती है। रामऔतार ने बताया की हम परियोजना के कार्यक्षेत्र में महिलाओं और सामुदाय को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे डिजिटल तरीके से लोग अपना आवेदन कर सकें। इसी क्रम में भानु सिंह बबली, वैशाली, आशा, सोमवती इन्द्र्कुमारी गौंड़ ने अपने उद्बोधन में महिलाओं को हक और अधिकार के प्रति जागरूक करने की बात कही।
इनका हुआ सम्मान
