बड़ी कार्रवाई : लोकायुक्त की टीम ने पुलिस के ASI को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

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रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद लोकायुक्त पुलिस टीम सागर की अभिरक्षा में बैठे सहायक उप निरीक्षक चन्द्रशेखर पाण्डेय। (पीले घेरे में)

*      मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के देवेन्द्रनगर थाना का मामला

*     मारपीट के प्रकरण में आरोपी की जमानती कार्रवाई और जब्ती करने के एवज में में मांगी थी रिश्वत

*     करीब डेढ़ वर्ष के बाद देवेन्द्रनगर थाना स्टॉफ के विरुद्ध लोकायुक्त की दूसरी ट्रैप कार्रवाई

*      पिछली कार्रवाई के दौरान देवेन्द्रनगर थाना की तत्कालीन प्रभारी और आरक्षक हो गया था फरार

शादिक खान, पन्ना/ रमेश अग्रवाल, देवेन्द्रनगर। (www.radarnews.in) लोकायुक्त पुलिस संगठन सागर की टीम ने आज पन्ना जिले के देवन्द्रनगर पुलिस थाना में पदस्थ एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) चन्द्रशेखर पाण्डेय को 6,000/- (छह हजार) रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। मारपीट के एक प्रकरण में आरोपी भागवत पटेल का जमानती मुचलका भरने और घटना में प्रयुक्त लाठी-डंडा जब्त करने की कार्रवाई के एवज में एएसआई ने उसके ससुर भीमकेश पटेल से रिश्वत मांगी थी। रुपए न देने पर एएसआई द्वारा उसके दामाद को अवैध रूप से कट्टा रखने के फर्जी प्रकरण में जेल भेजने की धमकी दी जा रही थी। लोकायुक्त पुलिस ने फरियादी के साथ मिलकर ट्रैप कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए घूसखोर एएसआई को दबोंच लिया। सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की खबर आते ही देवेन्द्रनगर थाना समेत जिले के पुलिस महकमे और प्रशासनिक हलकों में जबर्दस्त हड़कंप मचा रहा। इधर, देवेन्द्रनगर क़स्बा में भी अचानक काफी हलचल बढ़ गई। दरअसल, देवेन्द्रनगर थाना में पदस्थ किसी पुलिस अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध लगभग डेढ़ वर्ष के अंतराल के बाद लोकायुक्त पुलिस की यह दूसरी बड़ी ट्रैप कार्रवाई है।
ट्रैप कार्यवाही के संबंध में पत्रकारों को जानकारी देते हुए लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय सागर की टीम।
भ्रष्टाचारियों का चारागाह बने पन्ना जिले के सरकारी कार्यालयों में बगैर रिश्वत के आमआदमी का कोई काम नहीं होता। जिससे परेशान होकर आमलोग भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने के लिए लगातार लोकायुक्त पुलिस संगठन की मदद ले रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के देवेन्द्रनगर थाना अंतर्गत सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 अप्रैल को भीमकेश पटेल निवासी थाना नागौद जिला सतना ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय सागर में शिकायती आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। जिसमें बताया गया कि मेरे दामाद भागवत पटेल ने विरुद्ध थाना देवेन्द्रनगर में मारपीट का अपराध पंजीबद्ध है। भाई-भाई के आपसी विवाद में दर्ज प्रकरण में दामाद का जमानती मुचलका भरने और घटना में प्रयुक्त लाठी-डंडे की जब्ती की कार्रवाई करने के एवज में देवेन्द्रनगर थाना में पदस्थ एएसआई (सहायक उपनिरीक्षक) चन्द्रशेखर पाण्डेय के द्वारा 10 हजार रुपए की मांग की जा रही है। लोकायुक्त पुलिस द्वारा शिकायत की तस्दीक करने पर फरियादी भीमकेश पटेल से एएसआई ने दस हजार रुपए की डिमांड की। रिश्वत की राशि को लेकर दोनों के बीच हुई चर्चा में 8,000/- (आठ हजार रुपए) रुपए देने पर सहमति बनी। फरियादी मौके पर ही एएसआई पाण्डेय को 2,000/- (दो हजार) रुपए दे दिए और शेष राशि दूसरी किश्त में 24 अप्रैल को देना तय हुआ।
रुपयों की मांग वार्ता से शिकायत का सत्यापन होने पर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर के निर्देशन में ट्रैप कार्रवाई का फुलप्रूफ प्लान तैयार कर ट्रैप दल का गठन किया गया। पूर्व चर्चा के मुताबिक़ आज दोपहर में करीब 1 बजे सहायक उप निरीक्षक पाण्डेय ने बड़ौरा पहुंचकर इंद्रपाल पटेल के घर पर फरियादी भीमकेश को रुपए लेकर बुलाया। जहां थोड़ी देर बाद मौके पर पहुंचकर फरियादी ने एएसआई को रिश्वत की राशि सौंप दी। इसके अगले ही पल वहां लोकायुक्त पुलिस की टीम ने दबिश देकर सहायक उप निरीक्षक चन्द्रशेखर पाण्डेय को रंगे हाथ पकड़ लिया। लोकायुक्त पुलिस ने एएसआई के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है।

थाना से छोड़ने पर भी लिए थे रुपए

रिश्वत की मांग से परेशान होकर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय सागर में शिकायत करने वाला फरियादी भीमकेश पटेल।
भीमकेश पटेल निवासी थाना नागौद जिला सतना ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि विगत दिनों उनके दामाद भागवत पटेल का अपने भाई के साथ विवाद हुआ था। जिसके बाद देवेन्द्रनगर थाना पुलिस ने भागवत पटेल को पकड़कर थाना के लॉकप में बंद कर दिया था। जब मैं थाना पहुंचा तो वहां पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक चन्द्रशेखर पाण्डेय के द्वारा 20,000/- (बीस हजार) रुपए की मांग की गई। रुपए न देने पर एएसआई पाण्डेय द्वारा दामाद को अवैध रूप से कट्टा रखने के फर्जी प्रकरण में जेल भेजने की धमकी दी। इससे भयभीत भीमकेश ने 6,000/- (छह हजार) रुपए देकर किसी तरह दामाद को थाना से छुड़ाया और शेष राशि कुछ दिन बाद में देने की बात कही। रिश्वत की नाजायज मांग से परेशान होकर भीमकेश पटेल ने इसके बाद लोकायुक्त पुलिस सागर से सम्पर्क किया।

ख़ाकी वर्दी पर फिर लगा रिश्वत का दाग़

बता दें कि, देवेन्द्रनगर थाना के किसी कर्मचारी के विरुद्ध हाल के कुछ महीनों में लोकायुक्त पुलिस की यह दूसरी ट्रैप कार्रवाई है। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने देवेन्द्रनगर थाना की तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ज्योति सिंह राजपूत और आरक्षक अमर बागरी को रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। लेकिन ट्रैप कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त पुलिस को कथित तौर पर देवेन्द्रनगर थाना पुलिस के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। जिसका लाभ उठाते हुए निरीक्षक ज्योति सिंह राजपूत और आरक्षक अमर बागरी मौके से फरार हो गए थे। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के सामने आने पर लोकायुक्त पुलिस के साथ-साथ पन्ना पुलिस की भी काफी बदनामी हुई थी। देवेंद्रनगर के लोगों ने संभवत पहली बार ऐसा नाजारा देखा था जब रिश्वतखोर पुलिस निरीक्षक और आरक्षक को गिरफ्तार करने के लिए लोकायुक्त पुलिस के जवान उनके पीछे दौड़ रहे थे।

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50 हजार की रिश्वत लेते थाना प्रभारी और आरक्षक ट्रैप, लोकायुक्त पुलिस को चकमा देकर दोनों भाग निकले