रेत की लूट पर हंगामा बरपा तो शुरू हुआ कार्रवाई का प्रशासनिक ड्रामा, खनिज विभाग ने बिना पिटपास के रेत परिवहन करने पर 9 ट्रैक्टर-ट्राली पकड़े

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केन नदी में मशीनों से होने वाले रेत खनन का फाइल फोटो।

* लापरवाही के चलते एक जब्तशुदा ट्रैक्टर-ट्राली को लेकर भाग निकला चालक

* सिफारिश और सेटिंग के चलते कई ट्रैक्टर-ट्रालियों को छोड़ने के लग रहे आरोप

* रेत के खेल में शामिल नेता, अफसर, पुलिस, जनप्रतिनिधि, माफिया और तथाकथित पत्रकार

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) बुंदेलखंड का बेल्लारी कहलाने वाले पन्ना जिले में पिछले कई वर्षों से बहुमूल्य खनिज संसाधनों का चौतरफा अनियंत्रित दोहन लागातर जारी है। रेत-पत्थर और हीरे के लिए खनन माफिया नदियों-पहाड़ों और जंगलों को खोखला कर रहे हैं। प्रशासनिक संरक्षण में बर्बादी का यह खेल बेलगाम तरीके से चल रहा है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने पर इसमें प्रभावी अंकुश लगने की बड़ी-बड़ी बातें की गईं लेकिन मौजूदा हालात के मद्देनजर यह खोखली और बेमानीं साबित हो रहीं है। अंतर सिर्फ इतना है कि शिवराज सरकार में पन्ना जिले में व्यवस्थित तरीके से खनन माफिया राज कायम हो चुका था जबकि वर्तमान कमलनाथ सरकार में शुरूआती सख्ती के बाद यहाँ रेत-पत्थर और हीरे की बेतहाशा लूट-खसोट का सिलसिला शुरू हो गया है। इसमें भी रेत का अवैध उत्खनन-परिवहन सबसे ज्यादा सुर्ख़ियों में है। नई रेत नीति के तहत नीलाम होने वाली खदानों के शुरू होने के पहले पन्ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र में रेती की खेती से नोट छापने का गोरखधंधा जोरशोर से चल पड़ा है। इसमें प्रशासनिक-पुलिस अधिकारी, जनप्रतिनिधि, नेताओं, माफियाओं और तथाकथित पत्रकारों के शामिल होने की चर्चाएं आम हैं।
पन्ना की इंद्रपुरी कॉलोनी स्थित होमगार्ड के मैदान में खड़े रेत से लोड जब्तशुदा ट्रेक्टर-ट्राली।
पंचायतों की खदानों को अघोषित तौर पर माफियाओं को ठेके पर दिए जाने और केन समेत इसकी सहायक नदियों पर अन्तर्राज्जीय सीमावर्ती इलाके में कई किलोमीटर क्षेत्र दर्जनों अवैध रेत खदानों के संचालन से हाहाकार मचा है। प्रतिबंधित दैत्याकार मशीनों से रेत का खनन कर माफिया नदियों का सीना और कोख छलनी कर रहे हैं। संगीनों के साए में चल रही रेत माफिया की लूट से प्रभावित ग्रामीण इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। समाचार पत्रों में भी अवैध रेत खनन-परिवहन से जुड़ीं तथ्यपरक ख़बरें लगातार प्रमुखता से प्रकाशित हो रहीं हैं। इससे बन रहे सत्ता विरोधी माहौल को देखते हुए कांग्रेस के नेता रेत की लूट के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर भ्रष्ट अफसरों और रेत माफियाओं के नापाक गठबंधन पर निहित स्वार्थपूर्ती के लिए प्रदेश सरकार को बदनाम करने का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। परिणाम स्वरूप इससे बने दबाब के चलते जिगनी एवं फरस्वाहा पंचायत की रेत खदानों को नोटिस जारी करने, अवैध खनन करते हुए दो मशीनें को जब्त करने और बिना पिटपास के रेत परिवहन करते हुए ट्रैक्टर-ट्रालियों को पकड़ने का दिखावा शुरू हो गया है।
क्षमता से अधिक रेत परिवहन करते डम्फर।
सफ़ेद रेत की काली कमाई खाने वाले कतिपय अफसर इन हल्की-फुल्की कार्रवाइयों के जरिए खुद को पाक-साफ़ दिखाने की कवायद कर लोगों की आँखों में रेत झोंक रहे हैं। भारी मात्रा में रेत के अवैध खनन-परिवहन को लेकर हंगामा बरपा होने के बीच शनिवार को पन्ना के खनिज विभाग के अधिकारियों ने 6 घंटे की कार्रवाई में 9 ट्रेक्टर-ट्राली पकड़ी हैं। ये सभी रोज की तरह बिना पिटपास के धड़ल्ले से रेत का अवैध परिवहन कर रहे थे। बेमन से की गई इस कार्रवाई का नतीजा यह हुआ कि होमगार्ड के मैदान में खड़े जब्त शुदा ट्रैक्टर-ट्राली क्रमाँक- एमपी-35-एए-7240 को लेकर उसका चालक मुकेश पाल मौके से भाग निकला। यह हद दर्जे की लापरवाही नहीं तो और क्या है। विचारणीय प्रश्न यह है, ट्रैक्टर-ट्राली क्या रॉकेट से भी तेज भागा या फिर अंतरिक्ष में कहीं गायब हो गया जो उसे पुनः पकड़ा नहीं जा सका। इस घटनाक्रम से रेत के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने को लेकर प्रशासन की इच्छाशक्ति का पता चलता है। इस मामले में लापरवाह अफसरों के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा यह देखना महत्पूर्ण होगा।

कार्रवाई में पक्षपात के लगे आरोप

जिला खनिज अधिकारी आर.के. पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के निर्देश पर रेत का अवैध परिवहन करने वाले ट्रैक्टर-ट्राली के खिलाफ शनिवार 14 दिसंबर की सुबह 6 से लेकर दोपहर 12 बजे तक पन्ना के आसपास जांच अभियान चलाकर बगैर पिटपास के रेत परिवहन करते 9 ट्रेक्टर-ट्राली पकड़े गए। सभी को पन्ना के होमगार्ड के मैदान में रखवाया गया था। हमारी टीम जब अन्य वाहनों की जाँच के लिए रवाना हो गई तो मौक़ा पाकर ट्रैक्टर-ट्राली क्रमाँक- एमपी-35-एए-7240 को लेकर उसका चालक मुकेश पाल और मालिक रामहित मिश्रा भाग निकले। खनिज अधिकारी ने बताया कि इसकी लिखित सूचना कोतवाली थाना एवं अजयगढ़ थाना पुलिस को भेजी जा रही है। अन्य जब्त ट्रैक्टर-ट्राली की जाँच उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही करने की बात कही गई।
उल्लेखनीय है कि खनिज विभाग की टीम पर ट्रेक्टर-ट्राली की धरपकड़ में भेदभाव करने के आरोप लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसकी तीखी आलोचना हो रही है। व्हाट्सएप ग्रुपों में आई पोस्ट के अनुसार बगैर पिटपास के ही रेत परिवहन करते हुए पकड़े गए कुछ ट्रैक्टर-ट्राली को सिफारशी फोन आने के बाद खनिज अधिकारियों ने छोड़ दिया। बाद में जब इस पर सवाल उठने शुरू हुए तो खनिज अधिकारी बहानेबाजी करने लगे। हलाँकि मामले को तूल पकड़ते देख उन्होंने दबी जुबान अपनी गलती स्वीकार कर ली। विचारणीय प्रश्न यह है कि ऐसे अफसरों के रहते हुए क्या रेत के अवैध कारोबार पर प्रभावी अंकुश लग पायेगा, जोकि मुँह देखकर लूट की छूट दे रहे हैं।