वेटिकन सिटी। शांति के लिए पोप फ्रांसिस के गांधीवादी तरीके से लोग उस वक्त हैरान रह गए, जब उन्होंने दक्षिण सूडान के नेताओं के पैरों को चूम लिया। पोप फ्रांसिस ने सूडान की लड़खड़ाती शांति प्रक्रिया को बढ़ाबा देने के लिए विनम्रता की मिशाल पेश करते हुए अफ़्रीकी देश के प्रतिद्वंदी नेताओं के पैर छुए और उन्हें चूमा।
अफ़्रीकी नेताओं के लिए वेटिकन में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में गुरुवार को पोप ने दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति और विपक्षी नेता को बढ़ते संकट के बाबजूद शांति समझौते के साथ आगे बढ़ने के लिए कहा। इसके बाद वह घुटनों पर बैठ गए और एक-एक करके नेताओं के पैरों को चूमा। पोप आमतौर पर एक रस्म के तौर पर होली थर्स्डे पर कैदियों के पैर धोते हैं, लेकिन नेताओं के साथ ऐसा पहले कभी नहीं किया गया।
पोप ने अपने समापन वक्तव्य में दक्षिण सूडान के बारे में कहा मैं हृदय से कामना व्यक्त करता हूँ कि शत्रुताएं आखिरकार समाप्त हो जाएंगी। युद्धविराम का सम्मान किया जाएगा, राजनीतिक जातीय विभाजन समाप्त किया जाएगा और उन सभी नागरिकों के सामान्य हित के लिए स्थाई शांति कायम होगी जो राष्ट्र निर्माण को आरंभ करने का सपना देखते हैं।
राष्ट्रपति सलवा कीर और विपक्षी दल के प्रमुख रीक मचर को साथ लाने के लिए आध्यात्मिक समारोह का आयोजन किया गया था। इसके अलावा तीन उप राष्ट्रपति भी समारोह में मौजूद थे। पोप ने उनके भी पैर चूमे। पोप फ्रांसिस ने नेताओं से अपील करते हुए कहा कि आप लोगों के बीच मतभेद और विवाद हो सकते हैं, लेकिन इन्हें अपने ऑफिस तक ही सीमित रखें। आम लोगों के जीवन पर इसका प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।