महिलाएं होंगी जागरूक तो मिट जायेगा “कुपोषण का कलंक” : यूसुफ बेग

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* महिलाओं की लीडरशिप तैयार करने तीन दिवसीय महिला कार्यशाला संपन्न

शादिक खान, पन्ना। रडार न्यूज   पढ़ी-लिखी, जागरूक होगी अगर माता, घर और समाज की होगी वह भाग्य विधाता। इस उक्ति को चरितार्थ करने के लिए सामाजिक संस्था पृथ्वी ट्रस्ट द्वारा विकास संवाद भोपाल के सहयोग से दस्तक परियोजना के माध्यम से पन्ना जिले के 25 गाँव की 50 महिलाओं की नेतृत्व क्षमता विकास पर तीन दिवसीय कार्यशाला 13 से 15 दिसंबर तक संकल्प गार्डन में पन्ना में आयोजित हुई । इसका उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाकर आजीविका के संसाधनों उनकी की भागीदारी बढ़ाना, शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए जागरूक करना एवं महिलाओं की लीडरशिप तैयार करते हुए कुपोषण को समाप्त करना है।
तीन दिवसीय कार्यशाला के शुभारम्भ 13 दिसंबर को समर्थन संस्था से ज्ञानेंद्र तिवारी ने किया | इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं को पंचायत अधिनियम एवं मनरेगा में काम की मांग को लेकर जानकारी देते हुए बताया की मनरेगा एक ऐसा सशक्त क़ानून है, जिससे लोगों को रोजगार तो मिलता ही है साथ ही इससे गाँव का विकास भी सुनिश्चित होता है। मनरेगा में गाँव ही में लोगों को काम मिलने से लोगों को पलायन के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

समस्याओं का करेंगीं समाधान

दस्तक परियोजना के जिला समन्वयक और पृथ्वी ट्रस्ट के डॉयरेक्टर यूसुफ बेग ने कार्यशाला के समापन अवसर पर शनिवार 15 दिसंबर को कहा कि महिला समूह की जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला में महिलाओं को उनके हक के बारे में बताने के साथ-साथ अपने गाँव की समस्याओं को सुलझाने के लिए आपस में मिल बैठकर सामूहिक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया जायेगा। कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में मंजू मजुमदार ने महिलाओं की समस्याओं और महिलाओं के लिए बने कानूनों के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई। साथ ही महिलाओं के प्रश्नों का जबाब देकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। प्रशिक्षित महिलाओं के लिए गाँवों में काम करने की कार्ययोजना भी तैयार कराई गई जिससे यह महिलायें अपने अपने गाँव में जाकर गाँव स्तर पर समस्याओं को चिन्हित कर सकें एवं उनका प्राथमिकता अनुसार समुदाय स्तर पर और प्रसाशनिक स्तर पर समाधान करा सकें |

परियोजना क्षेत्र में दिखने लगा बदलाव

अन्य वक्ताओं ने बताया कि पृथ्वी ट्रस्ट पन्ना के द्वारा विकास संवाद भोपाल एवं टीडीएच के सहयोग से दस्तक परियोजना का संचालन किया जा रहा है। गाँव में महिलाओं के समूह बनाये गये है सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनााओं की जानकारी और गाँव सेकुपोषण को ख़त्म करने के लिए गाँव में महिला समूहों की सदस्यों द्वारा आंगनबाड़ी, स्कूल की लगातार निगरानी की जा रही है | इसके अलावा महिलाएं ग्राम सभाओं में भी सक्रिय भागीदारी कर अपने गाँव के विकास के मुद्दों को प्रमुखता से उठाती हैं।
दस्तक परियोजना की इस पहल से बुंदेलखंड अंचल के अति पिछड़े पन्ना जिले के कई गांवों में बदलाव की बयार महसूस की जा रही है। मंद गति से ही सही पर महिलाओं की आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार देखा जा रहा है। साथ ही दस्तक परियोजना के क्षेत्रों में कुपोषण में भी उल्लेखनीय कमी आई है। निश्चित ही यह अच्छा संकेत है। कार्यशाला में मुख्य रूप से पृथ्वी संस्था की समीना यूसुफ, रविकांत पाठक, छत्रसाल पटेल, सोनम यादव, राम विशाल गौंड़, रुबीना बानों, अजीत गौंड उपस्थित थे।