संकट में पन्ना के बाघों का संसार | विस्फोटक का जखीरा, एयरगन और कार छोड़कर भागे शिकारी, खेत में फैलाये करंट में जिंदा जली गाय, 2 अन्य वन्यजीवों की दर्दनाक मौत

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कुछ दिन पूर्व पवई रेंज में शिकारियों के ठिकाने और कार में मिला विस्फोटक व शिकार में उपयोग होने वाली सामग्री।

* पन्ना जिले के दक्षिण वनमंडल अंतर्गत पवई रेंज में हुई बड़ी कार्रवाई

* शिकारियों के सक्रिय होने से वन्यजीवों के लिए लगातार बढ़ रहा खतरा

* इस वर्ष जिले में बाघ, तेंदुआ और भालू के शिकार की हुईं आधा दर्जन घटनाएं

शादिक खान, रविशंकर सोनी, पन्ना/पवई। रडार न्यूज   मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के संरक्षित और सामान्य वन क्षेत्रों में स्वछंद विचरण करने वाले बाघ एवं दूसरे बेजुबान वन्यजीव गंभीर संकट में हैं ! यहां शिकारियों, वन संपदा का दोहन करने वाले माफियाओं के बड़े पैमाने सक्रिय होने के संबंध में जो हैरान करने वाला खुलासा हुआ है उससे तो यही आशंका जताई जा रही है। जिले के दक्षिण वन मण्डल की पवई रेंज अंतर्गत शुक्रवार 14 दिसंबर को रात्रि में शिकार में लिप्त एक गिरोह के ठिकाने से वन विभाग के अमले ने बड़ी मात्रा में विस्फोटक, शिकार में उपयोग होने वाला जीआई तार व खूटियाँ, एक एयरगन, एक कुल्हाड़ी, मृत बेजुबान वन्यजीव, सागौन की लकड़ी और इंडिगो कार को जब्त किया है। हालाँकि, तीन शातिर शिकारी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये। इस कार्रवाई का नेतृत्व करने वाले पवई रेंजर शिशुपाल अहिरवार ने जानकारी देते हुए बताया कि फरार हुए शिकारियों में से एक व्यक्ति की पहचान रजऊ राजा उर्फ योगेन्द्र सिंह पिता कृष्णपाल सिंह निवासी ग्राम महोड़ के रूप में हुई है। सभी के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान अधिनियम 1984, मध्यप्रदेश वनोपज (व्यापार विनियमन ) अधिनियम 1969 तथा भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

संदेह होने पर किया पीछा

वन अमले द्वारा जप्त की गई शिकारियों की इंडिगो कार।
शुक्रवार 14 दिसंबर की रात्रि में वन परिक्षेत्र पवई एवं मोहन्द्रा की टीम संयुक्त रात्रि गश्त के दौरान मुडेरा बैरियर की चेकिंग के बाद मुडेरा से मझगवां की ओर जा रहे थे तभी कोठी से मझगवां की ओर जा रही सफेद रंग की इंडिगो कार क्रमांक-MP- 20-टी.-7654 का पीछा करने पर उक्त कार से 3 व्यक्ति उतरकर कार को चालू हालत में छोडकर रजऊ राजा उर्फ योगेन्द्र सिंह पिता कृष्णपाल सिंह निवासी महोड़ के अरहर के खेत की ओर भागते हुए टार्च की रोशनी में देखे गये। पीछा करने पर अंधेरे का फायदा उठाकर सभी आरोपी भाग गये।

कार में मिले 687 नग डायनामाईट

जब्त कार की डिग्गी में रखी विस्फोटक सामग्री।
फरार आरोपियों की जब्त कार व खेत की सर्चिंग के दौरान वन विभाग का अमला दंग रह गया। दरअसल, इंडिगो कार के अंदर व खेत में चार पेटियों में 687 नग एक्सप्लोसिव डायनामाईट भरे मिले। दक्षिण वन मंडल पवई के एसडीओ आरके अवधिया ने बताया कि खेत में 2 नग कार्टून पैक पाये गये जिसमें प्रत्येक काटॅूर्न में 200-200 नग डायनामाईट भरे हुए थे जो सीलबंद थे । इसके अलावा वाहन की डिग्गी के अंदर एक नग सीलपैक काटॅूर्न जिसमें 200 नग डायनामाईट थे एवं एक नग खुला कार्टून जिसमें 87 नग एक्सप्लोसिव डायनामाईट पाये गये । साथ ही एक नग सांभर का सींग, 1 नग कुल्हाड़ी, 400 मीटर जीआई तार, एक एयरगन (चिड़ियामार बन्दूक) व 6 नग सागौन के चिरान पाये गये। जिनकी मौके से मय वाहन के जब्ती की गई।

जल रही थी गाय मृत पड़े थे वन्यजीव

खेत की सर्चिंग के दौरान वनकर्मियों को वहां एक किनारे से दूसरे किनारे तक लगभग 400 मीटर जीआई तार 27 नग बांस की खूटिंयों के सहारे फैला हुआ मिला। जिसे मझगवां-कोठी की 11 के.व्ही. विद्युत लाईन से जोड़कर करन्ट प्रवाहित होते हुए पाया गया। करंट की चपेट में आने से मौके पर एक गाय जलती हुई मिली। इसके अलावा एक जंगली बिल्ली एवं एक कबरबिज्जू करन्ट में फंसकर जली हुए अवस्था में मृत पाये गये। बड़ी ही सावधानी से वन अमले ने विधुत लाइन में फंसे तार को निकालकर करंट का प्रवाह बंद किया और फिर तार को लपेटकर खूंटियों सहित अपनी अभिरक्षा में लिया गया। मृत जीवों का शव परीक्षण कराने के बाद उन्हें जला दिया गया।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की देर रात जिस इलाके में वन्यजीवों शिकार की घटनायें सामने आई हैं उसी इलाके पिछले कई महीनों से एक बाघ विचरण कर रहा है। यह तो अच्छा हुआ कि खेत में बिछाये गए करंट की चपेट में बाघ नहीं आया वरना बहुत बड़ी क्षति हो जाती। पवई रेंज के इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पत्थर की अवैध खदानें भी संचालित हैं। शिकारियों के ठिकाने से बड़ी मात्रा में विस्फोटक डायनामाईट जप्त होने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इसे पत्थर खनन हेतु लाया गया था।

नहीं रुक रहीं शिकार की घटनायें

पूर्व में शिकार किये गए तेंदुए के शव को देखतीं दक्षिण वन मंडल की डीएफओ।
पन्ना जिले में इस वर्ष बड़े पैमाने पर वन्यजीवों के शिकार की चिंताजनक घटनाएं सामने आईं हैं। यहां के सामान्य वन मंडल उत्तर-दक्षिण के अलावा कड़ी सुरक्षा वाले पन्ना टाईगर रिज़र्व में शातिर शिकारियों ने अपना जाल फैला रखा है। कुछ माह पूर्व पन्ना टाईगर रिज़र्व अंतर्गत एक युवा बाघिन का शिकार फंदा लगाकर किया गया था। इसके पूर्व उत्तर और दक्षिण वन मंडल के जंगलों में तीन तेंदुओं और एक भालू का शिकार हुआ था। वन्यजीवों के अंगों का गैरकानूनी कारोबार कर रुपये कमाने के उद्देश्य से शिकारियों ने नर भालू के शिकार के बाद उसका प्राइवेट पार्ट सहित उसके शरीर के कई अंग निकालकर सुरक्षित रख लिए थे। जिन्हें बाद में शिकारियों की निशानदेही पर वन अमले ने जब्त कर लिया था।
पवई रेंज अंतर्गत उजागर हुए इस घटनाक्रम से यह अंदेशा जताया जा रहा है कि पन्ना जिले में सक्रिय शिकारी गिरोहों के तार वन्य जीवों के अंगों की तस्करी करने वाले अपराधियों से जुड़े हैं। बेहद चिंताजनक हालात के मद्देनजर यह कहना अतिश्योक्तिपूर्ण न होगा कि शिकार की बढ़ती घटनाओं की प्रभावी रोकथाम हेतु यदि तत्परता से ईमानदार कोशिश नहीं की गई तो पन्ना में आबाद हुआ बाघों का संसार पुनः उजड़ सकता है। इसके अलावा दूसरे वन्यजीव तथा वन संपदा खतरे में पड़ सकती है।

इनका कहना है-

“फरार हुए शिकारियों की धरपकड़ के प्रयास जारी हैं, इनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिलना चिंताजनक है, संभवतः इसे कोठी-कुटरहिया पहाड़ की पत्थर खदानों में विस्फोट के लिए लाया गया था। शिकारियों के पकड़े जाने पर वास्तविकता पता चल पायेगी। जिस क्षेत्र में शिकार की घटनायें सामने आई हैं वहां काफी समय से एक बाघ विचरण कर रहा है उसकी सुरक्षा को लेकर मैदानी अमला पूरी तरह सजग है।”

शिशुपाल अहिरवार, रेंजर पवई।