* अब व्यस्क नर तेंदुए की मौत, आबादी क्षेत्र से सटे जंगल में मिला शव
* पखवाड़े भर के अंदर 2 तेंदुओं और 1 भालू की मौत से वन्यजीव प्रेमी चिंतित
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) अंतर्गत बेजुबान वन्य प्राणियों की रहस्यमयी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मादा तेंदुआ शावक (Female Leopard Cub) एवं मादा भालू (Female Bear) के बाद अब एक पूर्ण व्यस्क नर तेंदुए (Male Leopard) की संदिग्ध मौत का मामला प्रकाश में आया है। घटना पन्ना टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र हिनौता की बीट दक्षिण हिनौता की है। जंगल का यह इलाका आबादी क्षेत्र के काफी नजदीक स्थित होने से प्रतिबंध के बावजूद यहां अवैध मानवीय दखल हमेशा ही बना रहता है। हाल ही में इसका भयंकर दुष्परिणाम इंसान और बेजुबान वन्यजीवों के बीच बढ़ते द्वन्द की ख़ौफ़नाक घटना के रूप में सामने आया था। बहरहाल, पार्क में पखवाड़े भर के अंदर 2 तेंदुओं और 1 भालू की संदिग्ध मौत को लेकर वन और वन्यजीव प्रेमी चिंतित और हैरान हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि परिक्षेत्र हिनौता की बीट दक्षिण हिनौता के कक्ष क्रमांक 537 में शुक्रवार दिनांक 23 मई 2025 को गश्ती के दौरान एक नर तेंदुआ (लगभग 9 वर्ष) मृत पाया गया। जिसका वन अपराध प्रकरण क्रमांक 585/23 कायम कर मामले को जांच में लिया। घटनास्थल के आस-पास सतना से डॉग स्क्वॉड बुलाकर सर्चिंग कराई गई लेकिन मौके पर किसी भी अवैधानिक गतिविधि के संकेत नहीं मिले। मृत तेंदुआ का पोस्टमार्टम पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने किया। इस दौरान पन्ना टाइगर रिजर्व के उप संचालक मोहित सूद, संबंधित परिक्षेत्राधिकारी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए के शव का सम्मानपूर्वक अन्तिम संस्कार किया गया।
उप संचालक श्री सूद ने एक सवाल के जवाब में बताया, तेंदुए की मृत्यु शव मिलने के लगभग 24 से 36 घंटे पूर्व होने का अनुमान है। तेंदुए के सभी अंग पूर्णतः सुरक्षित पाए गए और आसपास किसी भी तरह की अवैध गतिविधि के संकेत नहीं मिले इसलिए शिकार की घटना तो किसी भी पहलू से प्रतीत नहीं होती। मृत तेंदुए के शरीर पर अथवा आसपास दूसरे तेंदुए या बाघ से आपसी संघर्ष होने के निशान भी नहीं थे। वहीं पोस्टमार्टम (शव परीक्षण) में तेंदुए की मौत जहर के कारण होने के संकेत भी नहीं पाए गए। जिससे व्यस्क तेंदुए की मौत फिलहाल अबूझ पहेली बनी हुई है। श्री सूद ने बताया, घटना की प्रारंभिक जांच एवं पोस्टमार्टम से मौत के कारणों का पता नहीं चल सका। तेंदुए के शरीर के विभिन्न अवयव जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं। उम्मीद है कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर तेंदुए की मौत की असल वजह पता चल सकेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिनौता दक्षिण बीट में मानवीय दखल के मद्देनजर पार्क प्रबंधन आसपास रहने वाले लोगों से भी घटना के संबंध में पूछतांछ कर सकता है।

बता दें कि इसके पूर्व पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत परिक्षेत्र पन्ना बफर की झिन्ना बीट के जंगल में 12 मई को एक मादा तेंदुआ शावक (लगभग 4 माह) वनमार्ग किनारे मृत पड़ा मिला था। तेंदुए शावक का सड़-गल चुका था। वहीं गंगऊ अभ्यारण के परिक्षेत्र गंगऊ की बांधी बीट में 16 मई 2025 की सुबह मादा भालू (लगभग 8 वर्ष) की मौत हो गई थी। पार्क प्रबंधन ने उक्त दोनों वन्य जीवों की मृत्यु प्रथम दृष्टया किसी बीमारी की वजह से होना बताया था।
टाइगर के हमले में वृद्धा की हो गई थी मौत
