एक और तेंदुए की संदिग्ध मौत, बंद पड़ी पत्थर खदान के मलबे में मिला शव

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सरकोहा बीट के धुबयाई क्षेत्र में स्थित बंद पड़ी पत्थर खदान में मृत पड़ा नर तेंदुआ। फ़ाइल फोटो।

* उत्तर वन मण्डल पन्ना की विश्रामगंज रेन्ज अंतर्गत सरकोहा बीट की घटना

* पन्ना जिले में पिछले दो साल में दर्जन भर तेंदुए मरे, जिसमें अधिकांश का हुआ शिकार

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में तेंदुओं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां के उत्तर वन मण्डल की विश्रामगंज रेन्ज अंतर्गत सरकोहा बीट में धुबयाई नामक स्थान पर  बंद पड़ी पत्थर खदान के मलबे में मंगलवार 24 दिसम्बर की सुबह एक नर तेंदुए का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला है। मृत तेंदुआ की उम्र लगभग 8 वर्ष बताई जा रही है। पन्ना जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सरकोहा ग्राम का धुबयाई नामक स्थान पन्ना टाईगर रिजर्व के बफर जोन की सीमा के नजदीक है। वर्तमान में यहां आसपास बड़ी तादाद में हीरे की वैध-अवैध खदानें संचालित हो रहीं है। जनचर्चा के अनुसार सुबह-सुबह हीरा खदान जाने वाले मजदूरों ने तेंदुए को मृत पड़ा हुआ देखा। कुछ ही देर में यह खबर पूरे इलाके में फ़ैल गई। तेंदुए की मौत की भनक लगने पर उत्तर वन मण्डल के मैदानी वन कर्मचारी-अधिकारी मौके पर पहुँच गए। दोपहर होने तक डीएफओ मीना मिश्रा डॉग स्क्वॉड टीम के साथ मौके पर पहुँची और घटना स्थल का जायजा लिया। उनके द्वारा स्थानीय लोगों से घटना के संबंध पूंछतांछ की गई। तेंदुए के शिकार की आशंका के मद्देनजर पूरे इलाके की डॉग स्क्वॉड से गहन छानबीन कराई गई।
उप वन मण्डलाधिकारी विश्रामगंज नरेन्द्र सिंह परिहार के अनुसार तेंदुए की मौत किसी अज्ञात बीमारी व भूख के कारण हुई है। आपने बताया कि पन्ना टाईगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव गुप्ता के द्वारा तेंदुआ के शव का पोस्टमार्टम किया गया है। उसके पेट में कुछ नहीं मिला। देखने से भी मृत नर तेंदुआ काफी कमजोर नजर आ रहा था, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि बीमारी, भूख व कड़ाके की ठण्ड के कारण उसकी मौत हुई है। मुख्य वन संरक्षक वृत्त छतरपुर आर.पी. राय भी मौके पर पहुँचे और उनकी मौजूदगी में ही मृत तेंदुये का दाह संस्कार किया गया। शव का पोस्टमार्टम करने वाले वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. एस.के. गुप्ता ने बताया कि मृत तेंदुये के शरीर में सभी मुख्य अवयव पूर्णतः सुरक्षित पाये गये हैं। जाँच के लिये इसके सेम्पल को अलग-अलग प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है। इनकी रिपोर्ट आने पर ही तेंदुए की मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।
फाइल फोटो।
उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले उत्तर एवं दक्षिण वन मण्डल अंतर्गत विगत दो वर्षों एक दर्जन से अधिक तेंदुओं की मौत के मामले सामने आए हैं। जिसमें अधिकाँश की मौत शिकार के कारण होना पाया गया। करीब दो माह पूर्व पन्ना जिले के दक्षिण वन मण्डल की शाहनगर रेन्ज अंतर्गत टिकरिया बीट में क्लिच वायर का फंदा लगाकर एक युवा तेंदुए का शिकार किया गया था। कथिततौर शाहनगर रेन्जर ने अपने स्तर पर इस घटना को दबाने का प्रयास किया था लेकिन स्थानीय मीडियाकर्मियों की सक्रियता के चलते तेंदुए के शिकार की घटना को दबाया नहीं जा सका। पन्ना जिले के संरक्षित एवं सामान्य वन क्षेत्र की सुरक्षा एवं निगरानी में बरती जा रही घोर लापरवाही का दुष्परिणाम बड़े पैमाने पर लकड़ी की अवैध कटाई, अवैध उत्खनन, वन क्षेत्र में अतिक्रमण एवं बेजुबान वन्य जीवों के शिकार की तेजी से बढ़ती घटनाओं के रूप में सामने आ रहा है। इन संवेदनशील मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर जबाबदेही का आभाव होने से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं।