जागरूकता : सामग्री क्रय करने अथवा सेवा लेने पर उसका बिल-रशीद अवश्य लें, ठगी होने पर उपभोक्ता फोरम में दर्ज करा सकेंगे प्रकरण

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* राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर लोगों को दी गयी उपभोक्ता अधिकारों की जानकारी

* ऑनलाइन शॉपिंग में बरतें सावधानी, लुभावने ऑफर दिखाकर ठगे जा रहे ग्राहक

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के उपलक्ष्य पर मंगलवार को पन्ना के नवीन कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष मोहनलाल कुशवाहा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। आयोजित कार्यक्रम में उपभोक्ताओं के हित संरक्षण में शासन द्वारा बनाए गए कानून एवं उपभोक्ताओं के अधिकारों के संबंध में चर्चा की गई। जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य उमेश पटेल ने उपस्थितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वह सभी लोग उपभोक्ता की श्रेणी में आते है जो किसी से सेवाएं भुगतान कर प्राप्त करते हैं अथवा कोई भी सामग्री क्रय करते हैं। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश होते हैं। उपभोक्ता संरक्षण के लिए भारत में सर्वप्रथम उपभोक्ता अधिकार अधिनियम 1986 बनाया गया था। इसके उपरांत उपभोक्ता सेवाओं का क्षेत्र विस्तारित होने से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू है। इस अधिनियम के तहत सभी तरह की आधुनिक सेवाएं जो उपभोक्ता तकनीकी तरीके से प्राप्त करता है वे भी इसके दायरे में आ जाती हैं।

90 दिन में होगा प्रकरण का निराकरण

जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य उमेश पटेल ने बताया कि इस अधिनियम के तहत एक करोड़ रूपये तक के प्रकरणों की सुनवाई की जाती है। उपभोक्ता संबंधी प्रकरणों में 5 लाख रूपये तक के उपभोक्ता प्रकरणों में कोई भी न्यायालयीन शुल्क नहीं लगता। 5 लाख से 10 लाख रूपये तक 200 रूपये के साधारण शुल्क देने पर प्रकरण फोरम में दायर किया जा सकता है। उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत प्रकरणों का निराकरण 90 दिन के अन्दर किया जाता है। जिससे उपभोक्ता को शीघ्र न्याय मिल जाता है। इन प्रकरणों में एक वर्ष से तीन वर्ष तक के कारावास एवं अर्थदण्ड का प्रावधान है।

प्रभावी और व्यापक है नया अधिनियम

उपभोक्ता मामलों के अधिवक्ता राजेश निगम द्वारा उपभोक्ता अधिकारों के इतिहास एवं अधिनियमों के संबंध में जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम 1986 में 24 दिसंबर को यह अधिनियम पारित किया गया था। इस अधिनियम का दायरा बहुत छोटा और इसका सिद्धांत क्रेता सावधान रहें इस बात को प्रतिवादित करता था। इसके उपरांत उपभोक्ता हित संरक्षण के लिए नियम-2019 लागू किया गया। यह अधिनियम बहुत अधिक प्रभावी एवं विस्तृत है। जिसकी वर्तमान समय में आवश्यकता है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया गया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपभोक्ता को किसी सेवा के लेने एवं सामग्री क्रय करते समय बिल जरूर लेना चाहिए। सेवा या सामग्री क्रय में किसी तरह की ठगी होने पर प्राप्त बिल या रसीद के द्वारा ही हम उपभोक्ता फोरम के प्रकरण दर्ज करा सकते हैं।

जन-जन तक पहुंचाएं जानकारी

इस अवसर पर विधि की छात्रा सुश्री आपूर्वा तिवारी एवं नितीश ने उपभोक्ता अधिनियम एवं सेवाओं के प्रकार की जानकारी देते हुए ई-कामर्स पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज कल लुभावने ऑफर दिखाकर ऑनलाइन सेवाओें द्वारा ग्राहकों को ठगा जा रहा है। इसलिए उपभोक्ता को ऑनलाइन खरीददारी करते समय पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर जे.पी. धुर्वे ने उपस्थितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उपभोक्ता अधिकारों की जानकारी वर्तमान समय की आवश्यकता है। इस जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष कुशवाहा ने कहा कि हम सभी जानकार लोगों को आपस में इस अधिनियम की चर्चा करनी चाहिए जिससे धीरे-धीरे यह जानकारी आम लोगों तक पहुंच सके।
आयोजित कार्यक्रम का संचालन आशीष बोस द्वारा किया गया। उन्होंने संचालन के दौरान उपभोक्ता फोरम के संबंध में जानकारी दी गयी। सम्पन्न हुए कार्यक्रम में उपस्थितों के प्रति आभार सहायक खाद्य अधिकारी श्री तिवारी द्वारा ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर कनिष्ठ खाद्य अधिकारी सुश्री सरिता अग्रवाल, पत्रकारगण, व्यवसायी एवं उपभोक्तागण उपस्थित रहे।