विभिन्न प्रदेशों में फँसे लोगों को वापस लाने में समन्वय के लिये अधिकारियों को सौंपे दायित्व

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सांकेतिक फोटो।

* प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों सुरक्षित घर वापसी की जागी उम्मीद

भोपाल। (www.radarnews.in) देश भर में लॉकडाउन के कारण मध्यप्रदेश के अनेक नागरिक, श्रमिक, विद्यार्थी, दर्शनार्थी एवं अन्य प्रोफेशनल्स आदि अन्य राज्यों में रुके हुए हैं। इसी प्रकार अन्य प्रदेशों के नागरिक मध्यप्रदेश में रुके हुए हैं। वे सब अपने-अपने प्रदेश एवं घर जाने को इच्छुक हैं।
गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस तरह के व्यक्तियों के आवागमन की अनुमति कुछ शर्तों के साथ प्रदान की गई है। इस कार्य के लिये राज्यों से समन्वय कर विभिन्न प्रदेशों में फँसे लोगों का आवागमन सुगम एवं सुचारू रूप से सम्पादित करने का दायित्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सौंपा गया है।

अधिकारी का नाम

आवंटित राज्य

मलय श्रीवास्तव
प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग
गुजरात एवं राजस्थान
मनु श्रीवास्तव
प्रमुख सचिव, एमएसएमई विभाग
उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड एवं पंजाब
नीरज मंडलोई
प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग
दिल्ली एवं हरियाणा
दीपाली रस्तोगी
प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग
महाराष्ट्र, झारखण्ड
आईरिन सिंथिया जे.पी.
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र
तमिलनाड़, केरल एवं पुडुचेरी (पाण्डिचेरी)
वी. किरण गोपाल
प्रबंध संचालक, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी
आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिसा एवं उत्तर-पूर्वी राज्य
इलैया राजा टी
प्रबंध संचालक, लघु उद्योग निगम, भोपाल
कर्नाटक एवं गोवा
अपर मुख्य सचिव और प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम आई.सी.पी. केशरी ने जानकारी दी है कि ये अधिकारी उन्हें आवंटित प्रदेश के समन्वय अधिकारियों, राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम भोपाल एवं मध्यप्रदेश के जिला प्रशासन के साथ आवश्यक समन्वय कर फंसे हुए लोगों का सुरक्षित एवं प्रोटोकाल का पालन करते हुए दोनों ओर का आवागमन सुनिश्चित करेंगे। सभी नोडल अधिकारी प्रतिदिन किये गये कार्य के संबंध में प्रतिवेदन राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम में प्रमुख सचिव संजय दुबे को उपलब्ध कराएंगे।
शासन के आदेश की कॉपी।
काफी देर से ही सही पर प्रदेश सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल से दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों एवं अन्य लोगों सुरक्षित घर वापसी की उम्मीद जागी। बहरहाल अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बाहर फंसे लोगों की वापसी कोटा से लाए गए छात्रों की तर्ज पर होगी या फिर इनकी बड़ी तादाद को देखते हुए कोई और तरीका अपनाया जायेगा।