पन्ना को आबाद करने वाला बाघ हो गया था लापता, छठवें दिन मिला | भैंस का शिकार कर मिटा रहा था भूख

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फाइल फोटो

लापता बाघ के मिलने पन्ना टाईगर रिजर्व प्रबंधन ने ली राहत की सांस

पन्ना। रडार न्यूज   पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों के उजड़े हुए संसार को पुनः आबाद करने में अहम भूमिका निभाने वाला बाघ टी-3 कुछ दिन पूर्व जंगल में विचरण के दौरान टाईगर ट्रेकिंग टीम की नजरों से ओझल हो गया था। रेडियो कॉलर वाले इस बाघ के सिग्नल मिलने भी बंद हो गए थे। इससे चिंतित और परेशान टाईगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा इस वृद्ध बाघ की सघन खोजबीन के लिए संभावित वन क्षेत्र तीन अलग-अलग टीमों को तैनात किया गया। फलस्वरूप जंगल सर्चिंग के छठवें दिन शनिवार 6 अक्टूबर की सुबह लापता बाघ टी-3 के पार्क क्षेत्र में ही शकुशल मिलने की खबर आने पर पार्क के अधिकारियों ने राहत की साँस ली है। जानकारी अनुसार गंगऊ रेंज के प्रभारी परिक्षेत्राधिकारी अमर सिंह के नेतृत्व वाली टीम को नर बाघ टी-3 पन्ना टाईगर रिजर्व अंतर्गत किशनगढ़ बफर रेंज के जंगल से सटे एक गांव के नजदीक मिला।

मड़ला स्थित पन्ना टाईगर रिजर्व का प्रवेश द्वार।

इस वृद्ध बाघ को एक भैंस का मांस खाते हुए देखा गया, जिसे इसने अपनी भूख मिटाने के लिए शिकार बनाया था। गांव के समीप बाघ की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से वहां हाथियों को तैनात किया गया है। साथ ही पार्क प्रबंधन ने गांव वालों को भी सतर्क कर दिया है। बाघ और ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर मैदानी अमले के अलर्ट होने की बात कही जा रही है। हालांकि लापता बाघ के मिलने और सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने पार्क के शीर्ष अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे वे पन्ना में बैठे-बैठे ही निर्देश देते रहे। पार्क के अधिकारयों की मानें तो उक्त बाघ की सतत ट्रेकिंग लगी टीम वाहन अचानक जंगल में खराब होने के कारण बाघ विचरण करते हुए काफी दूर निकल गया था जिससे उसके रेडियो कॉलर के सिग्नल मिलना भी बंद हो गए थे। जंगल की जटिल भौगोलिक स्थिति और लंबी घास के कारण गायब टाईगर को खोजने में इतना वक्त लगा।

पुर्स्थापना कार्यक्रम का है संस्थापक सदस्य

पन्ना टाईगर रिजर्व के बाघ विहीन होने पर वर्ष 2009 में बाघ पुनर्स्थापना कार्यक्रम के अंतर्गत पेंच टाईगर रिजर्व से एक नर बाघ को पन्ना लाया गया था जिसे यहां टी-3 नाम मिला। इसके पूर्व कान्हा और बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से दो बाघिनों को यहां लाकर बसाया गया था। आज पन्ना टाईगर रिजर्व में करीब 40-45 बाघ है। ये सभी टी-3 की या फिर इसके शावकों की संतान है। अर्थात वृद्ध बाघ टी-3 पन्ना के बाघों का पिता-दादा और परदादा है। वास्तव में यह बाघ ही पन्ना टाईगर रिजर्व की बाघ पुर्स्थापना कार्यक्रम की अपार सफलता का रियल हीरो है।

इनका कहना है- लगातार सघन जंगल सर्चिंग के चलते शनिवार की सुबह संस्थापक बाघ टी-3 सुरक्षित पार्क क्षेत्र के ही अंदर मिल गया। उसने एक भैंस का किल किया था जिसे वह खा रहा था। मौके पर हांथियों के साथ वनकर्मियों को तैनात किया गया है।

के.एस. भदौरिया,क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व