पीएचई मंत्री मेहदेले ने समय से पूर्व हड़बड़ी में किया निर्माण कार्यों का भूमिपूजन

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निर्माण कार्यों के भूमिपूजन पश्चात कुदाली चलातीं पीएचई मंत्री कुसुम सिंह मेहदेले।

चुनाव आयोग की प्रेसवार्ता का ऐलान होते ही हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग

आचार संहिता के डर से आनन-फानन में मंत्री में को बुलाकर संपन्न कराया कार्यक्रम

पन्ना। रडार न्यूज   मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में शनिवार का दिन पीएचई मंत्री कुसुम सिंह मेहदेले और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए काफी हड़बड़ी भरा था। संभवतः यह पहला मौका था, जब किसी कार्यक्रम में पूर्व निर्धारित समय से दो घंटे पहले पहुंचकर मंत्री मेहदेले ने निर्माण कार्यों का इतनी आनन-फानन में भूमिपूजन किया कि वहां भीड़ न जुटने से कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। इतनी जल्दबाजी सिर्फ आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन के तोहमत से बचते हुए स्वीकृत कार्यों का श्रेय लेने के मकसद से किया गया। चुनाव का जब ऐलान होने जा रहा हो तो जनप्रतिनिधि उद्घाटन, शिलान्यास और भूमिपूजन का कोई अवसर नहीं जाने देते। मंत्री मेहदेले ने भी शनिवार 6 अक्टूबर को यही किया। दरअसल चुनाव आयोग की प्रेससवार्ता की शनिवार को जैसे ही खबर आई पन्ना में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए। विभागीय निर्माण कार्यों के भूमिपूजन का जो कार्यक्रम शाम 4 बजे से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय परिसर में आयोजित किया गया था उसे दोपहर 2 बजे अर्जेंट में संपन्न कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हड़बड़ाये से भागे और मंत्री को बुला लाये। चुनाव की तारीखों की घोषणा होने और तत्काल में आचार संहिता लगने की पूर्ण संभावना को देखते इसके उल्लंघन से बचने के लिए मंत्री मेहदेले ने भी अपनी ओर सतर्कता दिखाते हुए काफी जल्दबाजी में निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया। चुनाव आयोग की प्रेसवार्ता शुरू होने के पहले हरहाल में भूमिपूजन कार्यक्रम को संपन्न कराने के लिए मौके पर मौजूद भाजपा नेता पंडित जी को पूजा शार्ट में पूर्ण कराने के लिए बार-बार टोकते रहे। सबकुछ आश्चर्यजनक रूप से इतनी तेजी से हुआ कि भूमिपूजन कार्यक्रम महज आधा घंटे के ही अंदर संपन्न हो गया।

 ठेका हुआ नहीं और भूमिपूजन हो गया

लोगों को आमंत्रित करने के लिए वितरित कार्ड में कार्यक्रम का समय शाम 4 बजे दर्ज है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व निर्धारित समय से 2 घंटे पहले भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित होने के कारण भीड़ नहीं जुट सकी और कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। कार्यक्रम में सिर्फ मंत्री के साथ आये पार्टी नेता और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ही उपस्थित रहे। सोशल मीडिया में वायरल इस खबर के अनुसार जिला चिकित्सालय पन्ना के 300 बिस्तर में उन्नयन निर्माण कार्य का अभी ठेका भी नहीं हुआ बाबजूद इसके मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मंत्री कुसुम मेहदेले से इसका भी भूमिपूजन करा दिया। जिसकी चर्चा सोशल मीडिया से लेकर विभागीय कर्मचारियों खूब हो रही है। दरअसल प्रत्येक जनप्रतिनिधि की हर संभव यह कोशिश रहती है कि क्षेत्र के लोग उनकी उपलब्धियों के बारे में जानें और समय आने पर उपलब्धियों का श्रेय रुपी समर्थन उन्हें प्रदान करें। जहां तक मंत्री मेहदेले का सवाल है तो उन्होंने पिछले कुछ महीनों में विशेष प्रयास करते हुए अति पिछड़े पन्ना जिले के समग्र विकास को नया आयाम देने के लिए कई महत्वपूर्ण सौगातें दिलाई हैं। जिला चिकित्सालय पन्ना का 200 बिस्तर से 300 बिस्तर में उन्नयन निर्माण कार्य भी इसमें शामिल है। इसलिए मंत्री जी ने भी जल्दबाजी में इसके ठेके वाले पहलू गौर नहीं किया।

सवाल पूंछने पर बिफरे साहब

डॉक्टर एलके तिवारी, सीएमएचओ पन्ना।

पूर्व निर्धारित समय से पहले निर्माण कार्यों का भूमिपूजन कराने के संबंध में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एलके तिवारी से सवाल पूंछा गया तो वे बिफर गए और तमतमाते हुए कुछ भी बोलने से मना करने लगे। हालांकि चंद मिनिट बाद कुछ सोचकर उन्होंने बड़े ही सधे शब्दों में अपना पक्ष रखते हुए सिर्फ इतना ही कहा कि कार्यक्रम की तैयारी हो चुकी थी इसलिए भूमिपूजन कराया गया बाद में आचार संहिता लगी है। आपने दावे के साथ कहा कि जिनका भूमिपूजन हुआ है, उक्त सभी कार्यों का ठेका भोपाल से हो चुका है। हालांकि वे जिला चिकित्सालय उन्नयन कार्य की एजेंसी के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सके। टालमटोल करते हुए उन्होंने इसकी जानकारी विभागीय निर्माण शाखा से प्राप्त करने की बात कही। । यहां महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जब सबकुछ सही है तो फिर साहब जबाब देने से क्यों बचते रहे। इसके अलावा सिर्फ आचार संहिता के उल्लंघन से बचने के लिए निर्धारित समय से पहले निर्माण कार्यों का भूमिपूजन कराने से सीएमएचओ का मौजूदा सरकार के प्रति समर्पण अथवा झुकाव क्या स्वतः ही परिलक्षित नहीं होता है। क्या ऐसे अधिकारियों के रहते हुए चुनाव आयोग की मंशानुसार निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव संभव हो पाएंगे..?