
* हत्या के दर्ज प्रकरण में दो आरोपियों के बढ़ाए जाएँगे नाम
* आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक पीड़ित परिजनों को मिलेगी पुलिस सुरक्षा
* खतरे के मद्देनजर आत्मरक्षा के लिए पीड़ित परिवार को मिलेंगे शस्त्र लाइसेंस
* उपचार को लेकर पुलिस की लापहरवाही बनी बीजेपी नेता की मौत का कारण
* पुरानी बुराई और पंचायत में प्रभुत्व कायम रखने को लेकर की गई नीलेश की हत्या
पन्ना। (www.radarnews.in) भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता नीलेश दिवेदी की जघन्य हत्या के तकरीबन 24 घण्टे बाद शनिवार शाम को रीवा से जब पार्थिव शव उनके गृह ग्राम मोहनपुरा पहुँचा तो तनाव फैल गया। भारी हंगामे और रोष के बीच हत्यारोपियों की गिरफ्तारी सहित अन्य माँगों को लेकर पीड़ित परिजन एम्बुलेंस में शव को लेकर पन्ना पहुँचे और यहाँ डायमण्ड चौराहे पर शव रखकर धरने पर बैठ गए। इस बीच करीब एक घण्टे डायमण्ड चौराहा पुलिस छावनी में तब्दील रहा। आक्रोशित लोगों ने भाजपा नेता नीलेश की मौत के लिए ककरहटी चौकी प्रभारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई।

आरोप है कि नीलेश के ऊपर किए गए जानलेवा हमले में पैर में तीन गोलियाँ लगने, लाठी-डण्डों एवं रॉड के प्रहार से बुरी तरह लहूलुहान होने तथा अत्यंत ही नाजुक हालत के बाबजूद उसे ककरहटी चौकी प्रभारी की घोर लापरवाही के कारण समय पर समुचित प्राथमिक उपचार नहीं मिल सका। जिससे उसकी मौत हो गई। धरनास्थल पर मौजूद एडीशनल एसपी बी.के. सिंह परिहार एवं अजयगढ़ एसडीओपी इसरार मंसूरी ने बताया कि नीलेश के इलाज में लापरवाही के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक पन्ना मयंक अवस्थी ने ककरहटी चौकी प्रभारी मान सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके आलावा उन्होंने दर्ज प्रकरण में दो आरोपियों के नाम बढ़ाने, आत्मरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस प्रदान करने, आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया गया। तब कहीं जाकर देर शाम बमुश्किल परिजन शव को लेकर गाँव के लिए रवाना हुए और स्थिति सामान्य हो सकी।
3 घण्टे बाद पन्ना के बजाए सतना भेजा

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार 26 जुलाई को दोपहर 11:30 बजे नीलेश दिवेदी 30 वर्ष ककरहटी से सब्जी लेने के बाद बाईक से राजेश शुक्ला के साथ अपने गाँव मोहनपुरा जा रहे थे। रास्ते में अटरहा नाला के समीप सशस्त्र दबंगों ने अचानक उन्हें रोक लिया। नीलेश और राजेश कुछ समझ पाते कि तभी लाल साहब बुन्देला निवासी सामना, जगदीश राजपूत निवासी रनवाहा, भूपत अहिरवार निवासी घटारी एवं सत्तार खान निवासी पन्ना ने उनके साथ लाठी-डण्डों से मारपीट करते हुए मोबाईल फोन और रूपये छीन लिए। इनके विरोध करने से बौखलाये हमलावरों ने कट्टे से नीलेश को जान से मारने के लिए उसके ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। नीलेश के पैर में तीन गोलियां लगने से लहूलुहान हालत में उसके जमीन पर गिरते ही हमलावर मौके से भाग निकले। आनन-फानन में गंभीर हालत में नीलेश को ककरहटी लाया गया।
परिजनों का आरोप है कि यहाँ तकरीबन 3 घण्टे तक कार्यवाही के नाम पर चौकी प्रभारी मान सिंह उन्हें रोके रहे। इस दौरान नीलेश के पैर से लगातार खून बहता रहा। लोगों का ऐसा मानना है कि पैर में गोली लगने की स्थिति में नीलेश की जान बचाई जा सकती थी लेकिन समय पर समुचित प्राथमिक उपचार हेतु 20 किलोमीटर दूर पन्ना जिला चिकित्सालय लाने के बजाए बाद में उसे 70 किलोमीटर दूर स्थित सतना ले जाया गया। अत्याधिक खून बहने और इलाज में देरी के कारण नीलेश की हालत तब तक काफी नाजुक हो चुकी थी। सतना में प्राथमिक उपचार के बाद उसे मेडीकल कॉलेज रीवा के लिए रिफर किया गया, जहाँ शुक्रवार की ही शाम उसकी मौत हो गई। विचारणीय पहलू है कि ककरहटी में तीन घण्टे तक नीलेश के घायल अवस्था में रहने के बाबजूद उसके मृत्यु पूर्व कथन दर्ज नहीं हो सके। परिजनों का आरोप है कि नीलेश की हत्या सुनियोजित तरीके से की गई है। उसके इलाज में देरी से लेकर मृत्यु पूर्व कथन दर्ज कराने में चौकी प्रभारी ककरहटी ने जानबूझकर देरी की है।

वर्चस्व बनाए रखने के लिए की गई हत्या
भाजपा नेता नीलेश दिवेदी के परिजनों ने पन्ना में पुलिस और मीडियाकर्मियों को बताया कि सामना पंचायत में दबंग बुन्देला परिवार ने अपना राजनैतिक वर्चस्व को बनाए रखने के लिए उनके भाई की हत्या की है। नीलेश की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी लाल साहब बुन्देला के परिजन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। इनका आरोप है कि पंचायत में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए इस बुन्देला परिवार के इशारे पर समाना में पूर्व में भी हत्याएँ हुई है। मृतक के भाई ने बताया कि पंचायत में कई दशकों से काबिज बुन्देला परिवार को पिछले चुनाव में नीलेश समर्थित प्रत्याशी से कड़ी चुनौती मिली थी। फलस्वरूप चुनावी बुराई और मकान निर्माण के विवाद के चलते उनके भाई की हत्या की गई है। भाजपा नेता नीलेश दिवेदी की हत्या की वारदात को लेकर ककरहटी क्षेत्र सहित समूचे जिले में गहरा शोक और रोष व्याप्त है। शनिवार को पन्ना में शव रखकर धरना देने के दौरान पीड़ित परिजनों क्षेत्र के लोगों की एडीशनल एसपी बी.के. सिंह और अजयगढ़ एसडीओपी इसरार मंसूरी से हुई तीखी नोंकझोंक के दौरान हत्याकाण्ड को लेकर जन आक्रोश साफतौर देखा गया।
नेताओं के बीच हुई तीखी बहस

नीलेश हत्याकाण्ड को भाजपा बनाम कांग्रेस के साथ-साथ ब्राह्मण बनाम क्षत्रिय के राजनैतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है। शनिवार शाम को पन्ना में जब नीलेश का शव रखकर क्षेत्र के आक्रोशित लोग और पीड़ित परिजन धरने पर बैठे थे तभी श्रीकांत दीक्षित उर्फ पप्पू भैया और ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष रामगोपाल तिवारी की भाजपा नेता संजय नगायच से तीखी बहस हो गई। इस दौरान सार्वजानिक तौर पर पहली बार रामगोपाल तिवारी काफी गुस्से में नजर आए। उन्होंने संजय नगायच को हर मामले राजनीति न करने की सख्त चेतावनी देते हुए जमकर फटकार लगाई। आपस में उलझे ब्राह्मण समाज के दोनों नेताओं के बीच विवाद बढ़ने से रोकने के लिए तुरंत कुछ लोगों ने हस्तक्षेप कर मसले को शांत कराया।
