* भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़ा था मृतक नीलेश दिवेदी
* चार आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने नामजद प्रकरण किया दर्ज
* हत्या की वारदात से पन्ना जिले में दहशत और तनाव का माहौल
* क़ानून व्यवस्था के मोर्चे पर कमलनाथ सरकार के खिलाफ आक्रोश
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के गठन के बाद से राज्य में विपक्षी दल भाजपा के नेताओं की हत्या की सनसनीखेज घटनायें लगातार सामने आ रहीं। प्रदेश में महिलाओं-बच्चियों व कमजोर वर्गों के खिलाफ तेजी से बढ़ते जघन्य अपराधों, मॉब लिंचिंग की शर्मनाक वारदातों और भाजपा नेताओं की हत्या को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा उनकी सरकार पर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष निशाने पर है। हाल ही में दण्ड संशोधन विधेयक पर वोटिंग के बहाने विधानसभा में बहुमत साबित कर चुकी कांग्रेस सरकार की मुश्किलें फिलहाल कम होती हुई नजर नहीं आ रही हैं। प्रदेश में अराजकता पूर्ण स्थिति निर्मित होने के गम्भीर आरोप झेल रही कमलनाथ सरकार के खिलाफ सशक्त विपक्ष भाजपा पहले से ही हमलावर है, इस बीच पन्ना जिले में शुक्रवार को भाजपा की यूथ विंग से जुड़े नेता नीलेश दिवेदी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या किए जाने की जघन्य घटना सामने आने के बाद से प्रदेश की सरकार क़ानून व्यवस्था के मोर्चे पर बुरी तरह घिर गई है। कामनाथ सरकार के खिलाफ विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। भाजपा नेता की हत्या को लेकर जबरदस्त तनाव और आक्रोश को देखते हुए पन्ना से लेकर राजधानी भोपाल तक सियासी हलचल तेज हो गई है। मालूम हो कि भाजयुमो में शामिल होने के पूर्व युवा नेता नीलेश दिवेदी सपाक्स से जुड़े थे।
पहले की लूटपाट फिर मारी 3 गोली
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार 26 जुलाई को दोपहर 11:30 बजे नीलेश दिवेदी 30 वर्ष ककरहटी से सब्जी लेने के बाद बाईक से राजेश शुक्ला के साथ अपने गाँव मोहनपुरा जा रहे थे। रास्ते में अटरहा नाला के समीप 4 सशस्त्र दबंगों ने अचानक उन्हें रोक लिया। नीलेश और राजेश कुछ समझ पाते कि तभी लाल साहब बुन्देला निवासी सामना, जगदीश राजपूत निवासी रनवाहा, भूपत अहिरवार निवासी घटारी एवं सत्तार खान निवासी पन्ना ने उनके साथ लाठी-डण्डों से मारपीट करते हुए मोबाईल फोन और रूपये छीन लिए। इनके विरोध करने से बौखलाये हमलावरों ने कट्टे से नीलेश को जान से मारने के लिए उसके ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। नीलेश के पैर में तीन गोलियां लगने से लहूलुहान हालत में उसके जमीन पर गिरते ही हमलावर मौके से भाग निकले। इस सनसनीखेज घटना का पता चलते ही ककरहटी चौकी व पन्ना कोतवाली थाना की पुलिस तुरंत मौके पर पहुँच गई। गोली लगने से घायल नीलेश की गम्भीर हालत को देखते हुये उसे समुचित इलाज के लिये पहले सतना और फिर प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल काॅलेज रीवा ले जाया गया। फायरिंग की घटना के बाद काफी देर तक समुचित उपचार न मिलने व 3 गोलियाँ लगने के कारण अत्याधिक खून बहने से कई घण्टे से जिंदगी और मौत से जूझ रहे नीलेश दिवेदी की रीवा में उपचार के दौरान शुक्रवार शाम को मौत हो गई। यह दुखद खबर आते ही समूचे पन्ना जिले में शोक की लहर दौड़ गई। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोग अपने गम और गुस्से का खुलकर इजहार करने लगे।
मकान निर्माण को लेकर था विवाद
फायरिंग की घटना के प्रत्यक्षदर्शी एवं दबंगों के कहर झेलने वाले राजेश शुक्ला पिता रामचरन शुक्ला निवासी मोहनपुरा ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिस पर कोतवाली थाना पन्ना पुलिस ने फिलहाल 4 आरोपियों लाल साहब बुन्देला निवासी सामना, जगदीश राजपूत निवासी रनवाहा, भूपत अहिरवार निवासी घटारी एवं सत्तार खान निवासी पन्ना के विरूद्ध आईपीसी की धारा 307, 34 एवं आर्म्स एक्ट की धारा 25/27 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। रीवा में नीलेश की मृत्यु होने की अधिकारिक तौर पर जानकारी प्राप्त होने के बाद प्रकरण में आईपीसी की धारा 302 का इजाफा करने की बात पुलिस अधिकारी कह रहे है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता नीलेश दिवेदी की हत्या मकान निर्माण को लेकर विवाद के चलते होने की बात कही जा रही है। राजेश शुक्ला के अनुसार मकान निर्माण को लेकर नीलेश और लाल साहब बुन्देला के बीच कथित तौर पर विवाद चल रहा था। इसी की बुराई पर से नीलेश की गोली मारकर हत्या की गई। उधर, इस घटना को लेकर तीखी आलोचना झेल रही पन्ना पुलिस द्वारा फरार हत्यारोपियों की धरपकड़ लिए देर शाम पन्ना, समाना सहित कई स्थानों पर दबिश दी गई। लेकिन ,समाचार लिखे जाने तक एक भी आरोपी गिरफ्तारी नहीं सकी।
शांति का टापू हुआ अशांत
उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले में संगीन अपराधों का ग्राफ चिंताजनक तेजी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ समय से यहां लगातार सनसनीखेज मामले सामने आ रहे है। लोगों का मानना है कि स्थानीय पुलिस की घोर निष्क्रियता के चलते जिले में अपराधियों और माफियाओं के हौसले बुलंद है। फलस्वरूप अपराधिक तत्व खुलेआम कानून व्यवस्था को चुनौती देते हुये दुस्साहसिक वारदातों को अंजाम देकर भय और आतंक फैला रहे है। आज युवा नेता नीलेश की जिस तरके से हत्या की गई उससे तो यही साबित होता है। पन्ना जिले के थानों और चौकियों में तैनात पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों का पूरा ध्यान अपने मूल कार्य पर न होकर रेत के वाहनों से एंट्री वसूली और कमाई के दूसरे स्रोतों पर है। पुलिस की प्राथमिकता में आए बदलाव का ही यह दुष्परिणाम है कि कभी शांति का टापू रहा पन्ना जिला अब अशांत हो चुका है। यहाँ पुलिस को आपराधिक तत्वों, माफियाओं, सांप्रदायिक तनाव फैलाने की फिराक में रहने वाले तत्वों, शातिर चोरों और मानव तस्करों से लगातार गम्भीर चुनौती मिल रही है।
इनका कहना है –
“यह राजनैतिक हत्या नहीं है, दोनों पक्षों के बीच लम्बे समय से बुराई चल रही थी जिसके कारण हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है। पन्ना में नीलेश के मृत्यु पूर्व कथन दर्ज नहीं हो सके रीवा में क्या हुआ इसकी मुझे जानकारी नहीं है, उसका वीडियो जरूर सामने आया है जिसमें उसने अपराधियों के सम्बंध में बताया है। इस मामले चार लोगों के खिलाफ नामजद प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। हत्यारोपियों की सरगर्मी से तलाश जारी है, उम्मीद है वे जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।”