नीलेश हत्याकाण्ड : शुरू हुई सियासत, भाजपा बनाम कांग्रेस और ब्राह्मण बनाम क्षत्रिय होने लगा मामला ?

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2021
पन्ना पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी को ज्ञापन सौंपते क्षत्रिय महासभा के सदस्यगण एवं कांग्रेस नेता।

* क्षत्रिय महासभा व कांग्रेस के छात्र संगठन ने SP को सौंपा ज्ञापन

* जघन्य हत्याकाण्ड को राजनैतिक और जातिगत रूप देने का लगाया आरोप

* दबाब में अथवा फंसाने के उद्देश्य से प्रकरण में दर्ज न किए जाएं बेगुनाहों के नाम

* एनएसयूआई ने भाजपा पर लगाया हत्याकाण्ड का राजनीतिकरण करने का आरोप

पन्ना। (www.radarnews.in) भाजपा नेता नीलेश दिवेदी की दिनदहाड़े की गई जघन्य हत्या को लेकर व्यापक जनाक्रोश के बीच इस संवेदनशील आपराधिक प्रकरण पर कथित तौर राजनीति शुरू हो गई। इस मामले को भाजपा बनाम कांग्रेस और ब्राह्मण बनाम क्षत्रिय का रूप दिया जा रहा है। जबकि गत दिनों नीलेश का शव रखकर पन्ना के डायमण्ड चौराहे में क्षेत्र के लोगों द्वारा किए गए धरना-प्रदर्शन के दौरान ब्राह्मण समाज पन्ना के अध्यक्ष रामगोपाल तिवारी समेत समाज के कई बड़े नेता पहले ही यह साफ़ कर चुके हैं कि लाश पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बकायदा चेतावनी देते हुए कहा था कि इस मामले को यदि जातिगत अथवा राजनैतिक रूप देने की कोशिश की गई तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उधर, पन्ना का क्षत्रिय समाज भी इसके विरोध में है। विचारणीय पहलू यह कि जब दोनों ही पक्ष नीलेश हत्याकाण्ड पर एक जैसी सोच रखते हैं तो इस जघन्य मामले में राजीनीति कौन कर रहा है ! इसे समझने की जरुरत है ? उल्लेखनीय है कि सोमवार 29 जुलाई को क्षत्रिय महासभा शाखा पन्ना और कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने पन्ना पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपकर नीलेश हत्याकाण्ड को राजनैतिक एवं जातिगत रुप दिए जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

भंग होगी शांति दूषित होगा माहौल

एनएसयूआई ने तो भारतीय जनता पार्टी के लोगों पर हत्या के मामले के राजनीतिकरण का प्रयास करने का खुला आरोप लगाया है। एनएसयूआई का कहना है कि, जाति की राजनीति करने वाले लोग पन्ना जिले की शांति भंग करने का प्रयास कर माहौल को दूषित कर रहे हैं। इन आरोपों ने नीलेश दिवेदी हत्याकाण्ड को लेकर सियासी और सामाजिक स्तर पर हलचल पैदा कर दी है। दरअसल भाजपा नेता की हत्या का मुख्य आरोपी लाल साहब बुंदेला पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष का भतीजा है। इस प्रकरण में पुलिस ने लाल साहब बुंदेला सहित चार लोगों को आरोपी बनाया है। पीड़ित पक्ष ने जब से दो और लोगों को आरोपी बनाने की मांग उठाई है तभी से विवाद बढ़ने लगा है।
भाजपा नेता नीलेश दिवेदी का घायल अवस्था का चित्र।
राजनैतिक हत्या से जुड़े इस मामले नीलेश के परिजन पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं है। उनके मुताबिक हत्याकाण्ड को 6 लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस ने अन्य दो लोगों का नाम हत्या के प्रकरण जोड़ने का आश्वासन पीड़ित पक्ष को दिया है। इसी के बाद से आशंकाओं और आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है। क्षत्रिय महासभा शाखा पन्ना और कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक पन्ना मयंक अवस्थी को बकायदा ज्ञापन सौंपकर यह आरोप लगाया है कि हत्याकाण्ड को जातिगत अथवा राजनैतिक रूप देने की कोशिश की जा रही है। पुलिस पर दबाब बनाकर प्रकरण में उनके नाम जुड़वाए जा रहे हैं जिनका इससे कोई लेना देना नहीं है।

निष्पक्ष जाँच कर की जाए कार्यवाही

नीलेश हत्याकाण्ड के सम्बंध में सौंपे गए ज्ञापन को लेकर पत्रकारों से चर्चा करते पूर्व मंत्री कैप्टन जयपाल सिंह।
क्षत्रिय महासभा ने अपने ज्ञापन में यह लेख किया है कि नीलेश की हत्या से हम सभी व्यथित और दुखी हैं। इस प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कराई जाए। किसी के दबाब, बहकावे अथवा व्यक्तिगत फंसाने के उद्देश्य से प्रकरण में कोई नाम न जोड़ा जाए। जो वाकई हत्याकाण्ड में शामिल है, उनकी पहचान करके उन्हें गिरफ्तार किया जाए। वास्तविक आरोपियों की पहचान एवं सच्चाई का पता लगाने के लिए ककरहटी में लगे सीसीटीव्ही कैमरों के फुटेज खंगाले जाए। मोहनपुरा और ककरहटी के निष्पक्ष लोगों से भी घटना के सम्बंध पूँछा जा सकता है कि कौन-कौन लोग घटना के समय कहाँ पर थे। नीलेश की जिस दिन हत्या हुई थी उस दिन ककरहटी का साप्ताहिक बाजार था। चूँकि घटना 11 से 12 बजे दिन की है इसलिए ककरहटी-मोहनपुरा मार्ग से उस दिन बाजार आने-जाने लोगों से पूँछताँछ कर उनके बयान दर्ज किए जा सकते है। ज्ञापन सौंपने वालों में कैप्टन जयपाल सिंह, भानु सिंह, पुष्पेन्द्र सिंह, भरत सिंह, सुरेन्द्र सिंह, पवन जैन, दीपचंद्र अग्रवाल, सुरेश तिवारी, नृपेन्द्र सिंह मृगेन्द्र सिंह आदि लोग शामिल रहे।

आंदोलन करने की दी चेतावनी

पत्रकारों को जानकारी देते क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह।
कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष मृगेन्द्र सिंह गहरवार के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा के लोग नीलेश दिवेदी हत्याकाण्ड का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रहे है। जिन लोगों का इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है उनके नाम अनावश्यक रूप से जोड़ने हेतु दबाब बनाया जा रहा है। जातिगत राजनीति करने वाले ये लोग पन्ना जिले की शांति भंग करने का प्रयास कर माहौल को दूषित कर रहे हैं। एनएसयूआई का कहना है कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हत्याकाण्ड में जो लोग लिप्त हैं उनके विरुद्ध कार्यवाही किए जाने पर कोई आपत्ती नहीं है। लेकिन, दबाबवश अनावश्यक रूप से जिनका प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है उनके नाम न घसीटे जाए। अगर ऐसा किया गया तो कांग्रेस पार्टी आंदोलन करेगी। हालांकि ऐसी भी चर्चाएं है कि नीलेश हत्याकाण्ड को लेकर जिले के कांग्रेस नेता दो धड़ों में बंटे है। आमजन की ही तरह अधिकाँश कांग्रेसियों की सहानुभूति और संवेदनाएं दिवेदी परिवार के साथ है। सभी चाहते हैं कि इस मामले में निष्पक्ष कार्यवाही हो और पीड़ित परिवार को हर हाल में न्याय मिले।