MP | “शिव-राज” में सिर चढ़कर बोल रहा रेत माफिया का आतंक !

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बरौली ग्राम में कार्रवाई की मांग को लेकर चक्काजाम कर प्रदर्शन करते ग्रामीण।

    खनिज मंत्री के भाई पर किसान से हुए विवाद में फायर करने का लगा गंभीर आरोप

*      रेत के ओवर लोड ट्रकों की भाग दौड़ से विद्युत लाइन टूटने के कारण हुआ था विवाद

*      नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह बोले, खनन माफिया को सीएम शिवराज का खुला सरंक्षण

*     खनिज मंत्री बृजेन्द्र सिंह ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को पूर्णतः निराधार बताया

खरौनी और बरौली ग्राम से लौटकर, शादिक खान- पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल में प्रवाहित जीवनदायिनी केन नदी के दोनों किनारों (पन्ना एवं छतरपुर जिले) में सक्रिय रेत माफिया ने सत्ता के संरक्षण में बहुमूल्य खनिज सम्पदा की खुलेआम जबरदस्त लूट मचा रखी है। केन नदी पट्टी क्षेत्र में सक्रिय रेत माफिया का आतंक इतना अधिक बढ़ चुका है कि इलाके रहवासी भय और दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं। गुरुवार की रात सीमावर्ती बरौली ग्राम में ऐसी ही एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है।
ग्रामीणों के चक्काजाम प्रदर्शन के चलते बरौली ग्राम में नहर पुल चौराहा के समीप फंसे रेत के ट्रक।
प्रदेश के खनिज साधन मंत्री बृजेन्द्र सिंह के ममेरे भाई एवं रेत खदान संचालक सत्येन्द्र प्रताप सिंह पर किसान से हुए मामूली विवाद में कथित तौर पर दबंगई दिखाते हुए रिवाल्वर से फायर करने का गंभीर आरोप लगा है। अगले दिन घटना का पता चलने पर उपजे तनाव और आक्रोश के चलते बरौली नहर पुल के नजदीक ग्रामीणों ने चक्काजाम कर रेत के ट्रकों का ट्रैफिक रोक दिया। बरौली में में बवाल की आशंका के मद्देनजर भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच सत्येन्द्र प्रताप ने आनन-फानन मौके पर पहुंचकर पीड़ित किसान व ग्रामीणों से सार्वजानिक तौर पर हाथ जोड़कर अपनी कथित गुंडई के लिए माफ़ी मांगी गई। जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया। हैरान करने वाली इस घटना पर मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते खनन माफिया को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप ने गोली चलने की घटना को पूर्णतः असत्य एवं निराधार बताकर नेता प्रतिपक्ष पर गलतबयानी करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है। घटना खनिज मंत्री बृजेन्द्र सिंह के निर्वाचन क्षेत्र की है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी और सत्ताधारी दल भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप के चलते फायरिंग की कथित घटना को लेकर पन्ना से लेकर राजधानी भोपाल तक तहलका मचा है। घटना से संबंधित कुछ वीडियो भी वायरल हैं, जिन्हें देखकर लोग स्वतः ही अपने विवेक से यह तय कर रहे हैं कि इतने गंभीर और सनसनीखेज़ मामले में झूठ कौन बोल रहा है ?

क्या है पूरा मामला

अपनी आपबीती सुनाते हुए पन्ना जिले के बरौली ग्राम निवासी पीड़ित किसान सुभाष उपाध्याय एवं शफीकुद्दीन।
प्राप्त जानकारी अनुसार, पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के सीमावर्ती ग्राम बरौली के कुछ किसान गुरुवार 5 जनवरी की रात करीब 10 बजे अपनी फसलों की सिंचाई कर रहे थे। तभी केन नदी के दूसरे छोर छतरपुर जिले की नेहरा खदान से रेत की लोडिंग कर दर्जनों ट्रक नदी के रास्ते खरौनी होते हुए बरौली के नजदीक पहुंचे। रेत के ओवरलोड ट्रकों की रेलमपेल के कारण किसानों की विधुत लाइन की बांस-बल्ली टूट गई। इससे प्रभावित किसान शफीकुद्दीन 50 वर्ष निवासी बरौली ने मौके पर मौजूद नेहरा रेत खदान संचालक सत्येन्द्र प्रताप सिंह के समक्ष नाराजगी जाहिर करते ट्रक चालकों को कड़ी हिदायत देने की बात कही। किसान के द्वारा विरोध दर्ज कराना खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप के ममेरे भाई सत्येन्द्र प्रताप को इतना नागवार गुजरा कि उसने उल्टा शफीकुद्दीन को ही धमकाते हुए कथित तौर पर उनके ऊपर रिवाल्वर तान दी। मौके पर सत्येन्द्र के आधा दर्जन सहयोगी मौजूद थे, जिसमें एक व्यक्ति राइफल लिए था। विवाद को बढ़ते देख नजदीक मौजूद एक अन्य किसान सुभाष उपाध्याय तुरंत वहां पहुंचा और मामले को शांत कराने लगा। इस बीच सत्येन्द्र ने कथित तौर पर किसान शफीकुद्दीन के ऊपर फायर करने की कोशिश की तभी सुभाष ने उसका हाथ पकड़कर ऊपर की तरफ कर दिया। फलस्वरूप हवाई फायर होने से किसान की जान बाल-बाल बच गई। सत्येन्द्र किसान को जान से मारने की धमकी देते हुए अपने साथियों सहित दो गाड़ियों से वापस चले गए।

आक्रोशित किसानों ने लगाया चक्काजाम

सार्वजानिक तौर पर हाथ जोड़कर माफ़ी मांगते हुए सत्येन्द्र प्रताप सिंह।
खनिज मंत्री के भाई की गुंडागर्दी का अगले दिन शुक्रवार की सुबह जब लोगों को पता चला तो क्षेत्र में जबरदस्त तनाव फ़ैल गया। कुछ ही देर में घटना के पीड़ित एवं प्रत्यक्षदर्शी किसानों के बयान सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल होने लगे। इस बीच आक्रोशित किसानों ने बरौली नहर पुल चौराहा के नजदीक कार्रवाई की मांग को लेकर चक्काजाम करते हुए रेत के ट्रकों का ट्रैफिक रोक दिया। इससे जिला प्रशासन, पुलिस और सत्ता पक्ष के खेमे में जबरदस्त हड़कंप मच गया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए बरौली में 4 से 5 थानों के पुलिस बल को तैनात किया गया। देखते ही देखते घटना से जुड़ीं ख़बरें मीडिया में आने लगीं और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के खेमे में बरौली काण्ड को लेकर शिवराज सरकार तथा खनिज मंत्री को घेरने की हलचल तेज हो गई। जिसकी भनक लगते ही सियासी बवाल मचने की आशंका के मद्देनजर मंत्री के ममेरे भाई सत्येन्द्र प्रताप सिंह घुटनों पर आ गए। तेज़ी से बदलते घटनाक्रम के बीच बढ़ते राजनीतिक दबाव के चलते दोपहर में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सत्येन्द्र प्रताप द्वारा विवाद का पटाक्षेप करने के इरादे से बरौली पहुंचकर पीड़ित किसान व ग्रामीणों से बिना किसी लाग-लपेट के हाथ जोड़कर सार्वजानिक तौर पर माफ़ी मांगी गई। इस दौरान उन्होंने किसान शफीकुद्दीन को गले भी लगाया। सौहार्दपूर्ण माहौल में दोनों पक्षों के बीच समझौता होने से मौके पर तैनात रहे पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली और अपने वरिष्ठ अधिकारियों एवं राजनैतिक आकाओं को इस अपडेट की रिपोर्टिंग कर वापस लौट गए।

शिवराज लुटवा रहे खनिज संपदा : नेता प्रतिपक्ष

बरौली गोलीकांड को लेकर पन्ना जिले के सलेहा में बयान देते नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह।
शुक्रवार 6 जनवरी को दोपहर के समय जब मंत्री के भाई और ग्रामीणों के बीच सुलह-सफाई चल रही थी तब मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह संयोग से पन्ना जिले के भ्रमण पर थे। बरौली की घटना की जानकारी मिलने पर नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले पर बयान देते हुए शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि खनिज मंत्री के भाई के द्वारा ग्रामीणों के ऊपर गोली चलाने की घटना की जानकारी मिली है। पन्ना जिले में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के इशारे पर पूरे प्रदेश में खनिज सम्पदा को लूटा जा रहा है। आपने कहा कि आठ माह बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर भाजपा के गुण्डों, आताताईयों तथा भाजपा की कठपुतली बनकर जुल्म करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों को सबक सिखाते हुए जेल पहुंचाने का काम किया जाएगा।
कथित गोलीकांड के पीड़ितों से मिलने के लिए बरौली ग्राम जाते समय कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधि से रास्ते में बातचीत करते हुए अजयगढ़ थाना प्रभारी।
नेता प्रतिपक्ष का बयान आने के बाद शुक्रवार देर शाम जिला कांग्रेस अध्यक्ष पन्ना शारदा पाठक के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने बरौली ग्राम पहुंचकर गोलीकांड के पीड़ितों से मुलाकत कर घटना की सिलसिलेवार जानकारी प्राप्त की। प्रतिनिधि मंडल में पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष अजयगढ़ भरत मिलन पाण्डेय, संगठन मंत्री पवन जैन, श्रीकांत दीक्षित पप्पू, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अजयगढ़ राकेश गर्ग एवं मनोज सेन शामिल रहे। कांग्रेस नेताओं के द्वारा घटना की विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंपने की बात कही गई।

गोली नहीं चली, निराधार बयान पर करेंगे कार्रवाई

हरि सिंह ठाकुर, निरीक्षक एवं थाना प्रभारी अजयगढ़ जिला पन्ना।
अजयगढ़ थाना प्रभारी हरि सिंह ठाकुर ने बरौली की घटना के संबंध सफाई देते हुए बताया कि वहां विधुत तार टूटने पर दो लोगों के बीच सिर्फ मामूली वाद-विवाद हुआ था। अगले दिन इस बात को लेकर गांव वाले इकठ्ठे हो गए और दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया। गोली चलने की बात पूर्णतः निराधार है। समझौते के समय पुलिस मौके पर मौजूद थी। थाना प्रभारी अजयगढ़ ने बताया, गांव वालों और फरियादी ने गोली चलने के संबंध कोई बयान नहीं दिया है। अन्य जिस व्यक्ति ने गोली चलने के संबंध में निराधार बयान दिया है उसके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष के आरोप सरासर झूठे

बृजेन्द्र प्रताप सिंह, मंत्री, साधन एवं श्रम विभाग मध्यप्रदेश शासन।
बरौली मामले में अपना नाम आने पर मध्यप्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम विभाग के मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह का बयान आया है। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि, गोविन्द सिंह सरासर झूठे और निराधार आरोप लगा रहे हैं। जबकि कथित घटना की न कोई एफआईआर हुई और ना ही किसी ने एफआईआर दर्ज कराई है। अजयगढ़ थाना टीआई ने भी इस संबंध में अपना बयान दिया है। जिस व्यक्ति पर आरोप है वे कांग्रेस पृष्ठभूमि के लोग हैं, कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं, उनका नाम मुझसे जोड़ा जा रहा है जोकि गलत और निराधार है। मंत्री ने कहा, मैं नेता प्रतिपक्ष से कहना चाहता हूं मीडिया में बयान देने से पहले सत्यता पर जाएं उसके बाद ही कोई बात कहें। इस तरह के झूठे बयान देने से आपकी छवि धूमिल होती है। उल्लेखनीय है कि पूरे मामले में सत्येन्द्र प्रताप सिंह पर लगे आरोपों के संबंध में समाचार लिखे जाने तक उनकी ओर से कोई बयान नहीं आया था। आम चर्चा है कि बरौली में समझौते के दौरान सत्येन्द्र ने गोली चलाने के आरोप को पूर्णतः नकारते हुए असत्य एवं निराधार बताकर किसी भी देव स्थान पर चलकर कसम खाने की बात कही थी।

पुलिस की सफाई पर क्यों उठ रहे सवाल

फाइल फोटो।
अब सवाल यह उठता है कि बरौली में अगर सिर्फ वाकई मामूली विवाद हुआ था तो फिर वहां 4 से 5 थानों के पुलिस बल को तैनात करने की आवश्यकता क्यों पड़ी ? पीड़ित किसान और घटना के प्रत्यक्षदर्शी के कई वीडियो वायरल हैं जिसमें वे स्वयं आपबीती बयां करते हुए खनिज मंत्री के भाई द्वारा गोली चलाने की बात चींख-चींखकर कह रहे हैं। अब यह देखना महत्पूर्ण होगा कि कथित तौर पर असत्य एवं निराधार बयान देने के मामले पुलिस किस-किसके खिलाफ कार्रवाई करती है ? समझौता होने के बाद भी ग्रामीण गोली चलने की बात कह रहे हैं जबकि घटना घटित होने के अगले दिन चक्काजाम से निर्मित तनाव पूर्ण स्थिति को संभालने गांव पहुंची पुलिस ने महज 4-5 घण्टे के अंदर ही यह घोषित कर दिया था कि गोली नहीं चली। इस जल्दबाजी के मद्देनजर सहज ही यह सवाल उठता है कि, कानून व्यवस्था की ड्यूटी तैनात रही पुलिस को गोली नहीं चलने के निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए जांच-पड़ताल का समय कब मिला ? पूरे मामले में कोई तो ऐसा है जो सरासर झूठ बोल रहा है ? सत्ता पक्ष से जुड़े नेताओं के लिए न्याय आपके द्वार योजना चलाने और आम आदमी से रिश्वत लेकर उसे न्याय देने के लिए बदनाम पन्ना जिले की पुलिस ने बरौली मामले की जांच को जेट विमान की रफ़्तार जैसी तेज़ी निपटाकर दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पुलिस स्कॉटलैंड यार्ड को भी पीछे छोड़ दिया है।
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