मध्यप्रदेश : सांप्रदायिक तनाव भड़काने के मामले में संलिप्तता पर युवा नेता को कोंग्रेस पार्टी ने दी यह सज़ा !

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पन्ना जिले के गुनौर क़स्बा में देव प्रतिमा में हरा रंग पोतने की घटना से आहत एवं आक्रोशित लोगों ने स्थानीय पुलिस थाना का घेराव किया। (फाइल फोटो)

*   उपद्रवियों के साथ नजर आए युवा कोंग्रेस विधानसभा अध्यक्ष को किया निलंबित

 पन्ना जिले में पुलिस की मौजूदगी में धार्मिक स्थलों को तोड़ने की घटना ने पकड़ा तूल

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के गुनौर क़स्बा में शनिवार 3 जुलाई को सामाजिक सौहार्द बिगाड़कर दो समुदायों के बीच तनाव और हिंसा भड़काने के मकसद से धार्मिक स्थलों का अपमान कर उनमें तोड़फोड़ किए जाने की घटना को लेकर लोगों के गुस्से को देखते हुए सियासी हलचल बढ़ गई है। खुलेआम बवाल काटने वाले कतिपय भाजपा नेताओं एवं विभिन्न संगठन से जुड़े उपद्रवियों के वायरल वीडियो में उनके साथ कथित तौर पर युवा कोंग्रेस के गुनौर विधानसभा अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह बुंदेला के सक्रिय नजर आने पर पार्टी ने उसके खिलाफ फौरी तौर पर सख्त एक्शन लिया है। मध्यप्रदेश युवा कोंग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया के आदेश पर युवा कोंग्रेस के कार्यालय सचिव रमाशंकर दुबे ने मंगलवार 6 जुलाई को मानवेन्द्र सिंह बुंदेला उर्फ़ सनी को विधानसभा अध्यक्ष के पद से आगामी आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
कोंग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई के माध्यम से स्पष्ट तौर पर यह संदेश दिया है कि अमन-चैन और भाईचारे को क्षति पहुंचाने वाले अपराध चाहे किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ हों वे नाक़ाबिले बर्दाश्त हैं। समाज की एकता को नफरत की आग में झोंक कर राजनैतिक रोटियां सेंकना कोंग्रेस पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है। क्योंकि, कोंग्रेस इस तरह के घृणित कृत्य को मानवता के खिलाफ अपराध मानती है।
गुनौर क़स्बा में समुदाय विशेष के धार्मिक स्थल पर कतिपय उपद्रवियों के द्वारा की गई तोड़फोड़ की घटना की जानकारी लेने पहुंचे डीआईजी छतरपुर। (फाइल फोटो)
युवा कोंग्रेस जिलाध्यक्ष पन्ना, स्वतंत्र प्रभाकर अवस्थी ने रडार न्यूज़ से चर्चा में गुनौर विधानसभा अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह बुंदेला को निलंबित किये जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि, प्रथम दृष्टया प्रकाश में आए तथ्यों के आधार पर आगामी आदेश तक के लिए निलंबन की कार्रवाई की गई है। प्रदेश युवा कोंग्रेस के द्वारा इस मामले की विस्तृत जांच की जायेगी और मानवेन्द्र से जवाब मांगा जाएगा। इस जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर ही आगे निर्णय लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है, कोंग्रेस संगठन में आमतौर फैसले देरी से लिए जाते हैं लेकिन गुनौर के बेहद संवेदनशील घटनाक्रम को लेकर प्रदेश युवा कोंग्रेस अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने जिस तरह की गंभीरता और तत्परता दिखाते हुए इस दुर्भाग्यपूर्ण प्रकरण में कथित संलिप्तता को लेकर गुनौर विधानसभा के अध्यक्ष तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का काम किया है, उससे पार्टी के अंदर और बाहर एक सख्त सन्देश गया है। अधिकांश लोगों का मानना है कि कोंग्रेस पार्टी ने दृढ़ता के साथ यह बताने की कोशिश की है कि, पार्टी की छवि धूमिल करने वाले कृत्यों में भागीदारी करने वालों को उसके यहां संरक्षण या प्रोत्साहन नहीं मिलता है, फिर चाहे वह कोई भी हो।
मालूम हो कि, पन्ना जिले के गुनौर में क़स्बा में बीते दिनों अज्ञात शरारती तत्व ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने एवं दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने की सुनियोजित साजिश के तहत रात के अंधेरे में देव प्रतिमा का अपमान कर उसे हरे रंग से रंग दिया था। शनिवार 3 जुलाई की सुबह जब इस घटिया हरकत की खबर आई तो क्षेत्र में तनाव और आक्रोश फ़ैल गया। इस तरह के संवेदनशील और विवादित मामलों में जनाक्रोश की आग भड़काकर अपनी राजनीति चमकाने की फिराक में रहने वाले समाज विरोधी तत्वों ने दिनदहाड़े भारी पुलिस की मौजूदगी में बेख़ौफ़ अंदाज में जमकर उपद्रव कराया। गुस्से से भरी भीड़ का नेतृत्व करके कतिपय भाजपा नेताओं एवं विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की आँखों के सामने समुदाय विशेष के 3 धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ कर पवित्र धार्मिक ग्रन्थ का अपमान किया। इस दौरान जमकर भड़काऊ नारेबाजी भी की गई थी।
देव प्रतिमा का अपमान कर उसे खंडित करने के विरोध स्वरूप समीप स्थित समुदाय विशेष के धार्मिक स्थल पर समीप जमा उग्र भीड़। (फाइल फोटो)
शांति प्रिय पन्ना जिले को बदनाम करने वाले इस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम पर पुलिस ने दो आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किए हैं। जिसमें एक एफआईआर देव प्रतिमा के अपमान को लेकर दर्ज की गई और दूसरी समुदाय विशेष के धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ व उपद्रव करने से संबंधित है। इस घटना के बताए जा रहे कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिनके आधार कोंग्रेस पार्टी के भोपाल में बैठे पदाधिकारियों ने अपने युवा नेता की कथित संलिप्तता को संज्ञान लेते हुए उसके खिलाफ एक्शन लिया है। जबकि घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे पन्ना पुलिस के अधिकारी नफरत फैलाने वालों को चिन्हित कर उन्हें अब तक जेल नहीं भेज पाए हैं।

गुनौर के घटनाक्रम के संबंध में अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें –

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में उपजा सांप्रदायिक तनाव, धार्मिक स्थलों में की गई तोड़फोड़; पुलिस ने दोनों पक्षों के ख़िलाफ़ दर्ज किया मामला