पन्ना में 10 घंटे तक रही खूँखार तेंदुए की दहशत, युवक को घायल करने और बकरियों को शिकार बनाने के बाद एक घर में घुसा तेंदुआ

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तेंदुए को पिंजरे में कैद कर ले जाते पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम के सदस्य।

* पीटीआर की रेस्क्यू टीम से जरुआपुर के ग्रामीणों का हुआ विवाद

* बड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा गया तेंदुआ, लोगों ने ली राहत की साँस

* पन्ना जिले चिंताजनक तेजी से बढ़ रहे हैं वन्यजीवों के हमले

* बाघ के हमले में पिछले वर्ष एक तेंदूपत्ता श्रमिक की हो चुकी है मौत

शादिक खान, पन्ना। रडार न्यूज जिला मुख्यालय पन्ना के समीपी ग्राम जरुआपुर में मंगलवार की सुबह अचानक उस वक्त दहशत और अफरा-तफरी फैल गई जब जंगल से आए एक तेंदुए ने गांव के युवक पर हमला कर उसे घायल कर दिया। इसके बाद तेंदुए ने कुछ बकरियों को अपना शिकार बनाया और फिर भारी शोरगुल के बीच वह एक घर में घुस गया। इसकी सूचना मिलने पर पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुँची। तेंदुए को पकड़ने में हो रही देरी को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों और रेस्क्यू टीम के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। हालाँकि कुछ लोगों के हस्तक्षेप के बाद विवाद शांत हो गया। भारी तनाव और दहशत के बीच शाम करीब 4 बजे कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुए को रेस्क्यू कर जब पिंजरे में कैद कर लिया गया। तब कहीं जाकर जरुआपुर के ग्रामीणों ने राहत की साँस ली।
आज के इस घटनाक्रम में पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक और नवागत उप संचालक का बेहद ही गैर जिम्मेदाराना रवैया सामने आया। तेंदुए के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान और फिर उसे काबू किये जाने के बाद पीटीआर के अफसर मीडियाकर्मियों से बात करने से बचते रहे। कथित जिम्मेदार अधिकारियों ने पहले तो मोबाइल फोन रिसीव ही नहीं किए और बाद में उनके मोबाइल बंद हो गए।

क्या पानी की तलाश में आया तेंदुआ

पिंजरे में कैद तेंदुआ।
जानकारी के अनुसार मंगलवार 26 मार्च की सुबह 4 बजे जब जरुआपुर के अधिकांश ग्रामीण जब गहरी नींद में सो रहे थे तभी एक खूंखार तेंदुए ने पंचम यादव पर हमला कर उसे घायल कर दिया। तेंदुए द्वारा कुछ बकरियों को भी अपना निवाला बनाया गया। इसके बाद वह गाँव के ही एक घर में घुस गया। यह खबर फैलते ही ग्रामीण दहशत में आ गए। आनन-फानन इसकी सूचना पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन को दी गई। काफी देर बाद वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। इस बीच ग्रामीण भरी तनाव और दहशत में रहे। जिसके चलते रेस्क्यू टीम और ग्रामीणों के बीच विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई। बड़ी मुश्किल से इस चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए रेस्क्यू टीम द्वारा तेंदुए को ट्रेंकुलाईज (बेहोश) करने के बाद उसे बड़ी सतर्कता के साथ सुरक्षित पिंजड़े में कैद कर ले जाया गया।
तेंदुए के रेस्क्यू ऑपरेशन को देखते ग्रामीण।
विदित होकि जरुआपुर ग्राम पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के काफी नजदीक स्थित है और चारों तरफ से जंगल से घिरा है। वन क्षेत्र से सटे ग्रामों में यूँ तो अक्सर ही वन्यप्राणी विचरण करते देखे जा सकते है, लेकिन तेंदुए के घर में घुसने को लेकर जरुआपुर के ग्रामीण जो आशंका जाता रहे हैं उस पर भी गौर किया जाना चाहिए। इनके अनुसार जंगल में जल स्रोत सूखने के कारण गर्मी का मौसम शुरू होते ही वन्य जीव पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र में आ रहे हैं। पार्क प्रबंधन द्वारा वन्यजीवों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई। इन हालात में आने वाले दिनों वन क्षेत्र से लगे हुए ग्रामों में वन्यप्राणी और मानव संघर्ष की स्थिति और भी जटिल हो सकती है। मालूम हो कि पन्ना जिले के सामान्य एवं संरक्षित वन क्षेत्रों से सटे हुए ग्रामों में पिछले कुछ समय से वन्य जीवों के हमले बढ़े हैं। महज सालभर में दर्जनों लोग इन हमलों में घायल हुए हैं। वहीं पन्ना के ही समीप पिछले वर्ष बाघ के हमले में एक तेंदूपत्ता श्रमिक को अपनी जान तक गँवानी पड़ी है।