* सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल
* पन्ना जिले में संगठित गिरोह के रूप में चल क्रिकेट सट्टा का काला कारोबार
* आईपीएल के चालू सीजन में अब तक नहीं पकड़ा गया एक भी सटोरिया
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का क्रेज इन दिनों पूरे शवाब पर है। मैच शुरू होते ही लोग टीव्ही ऑन करके बैठ जाते हैं। लेकिन मौजूदा समय में फटाफट क्रिकेट का यह रोमांचक फार्मेट खेलप्रेमियों के लिए जितना मनोरंजन है, उससे कहीं अधिक सटोरियों के लिए अवैध कमाई का जरिया बन चुका है। तेज़ी से फल-फूल रहे इस काले कारोबार से सटोरियों को हर दिन जहां लाखों की कमाई रही है वहीं सट्टे के दलदल में फंसकर युवा पीढ़ी तेजी से बर्बाद हो रही है। मध्य प्रदेश के अति पिछड़े पन्ना जिले में कोरोना संकटकाल में भी रोजाना क़रीब दो करोड़ का सट्टा लगा रहा है। मैच की हर बाल पर दांव लगने के बाद भी जिले की पुलिस क्रिकेट सट्टा के संगठित अपराध को पूरी तरह बेखबर नजर आ रही है।
आईपीएल 2020 को शुरू हुए महीना भर गुजर चुका लेकिन अब तक एक भी सटोरिए के खिलाफ कार्रवाई न होने से उनके हौसले बुलंद हैं। जिला मुख्यालय पन्ना की बात करें तो यहां प्रमुख सटोरिया उसके एजेण्ट व पंटर समेत करीब दो दर्जन लोग क्रिकेट सट्टा संचालित कर रहे हैं। इनमें आपराधिक तत्व, व्यापारिक पृष्ठभूमि वाले लोग और तकनीकी जानकारी रखने वाले युवा शामिल हैं। पन्ना के साथ-साथ देवेन्द्रनगर, अजयगढ़, अमानगंज, पवई आदि स्थानों पर भी क्रिकेट सट्टा जोर-शोर से चल रहा है। मोबाइल फोन के जरिए कोडवर्ड में मैच की हर गेंद पर हजारों रुपए के दांव लगाए जा रहे हैं। सूत्रों से पता चला है, सट्टा खेलने वाले कई लोग पेमेंट भी ऑनलाइन कर रहे हैं। जबकि सटोरिए अपनी रकम दूसरे शहर में पहुंचाने के लिए हवाला का सहारा ले रहे हैं।
कार्रवाई को लेकर थाना प्रभारी नहीं संजीदा
