* स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान न होने से भटक रहे अन्नदाता
* पन्ना जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति सिंगवारा का मामला
* मैदानी हकीकत से बेखबर हैं विकासखण्ड और जिला स्तर के अधिकारी
पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के अति पिछड़े पन्ना जिले में शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर सही तरीके से नहीं हो रहा है। जिसका खामियाजा निर्दोष लोगों को भुगतना पड़ रहा है। मैदानी स्तर हालात काफी खराब है। योजनाओं को धरातल पर लागू करने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है वही लोग अपने आर्थिक हितों को साधने के चक्कर में अनियमितताएं और लूट-खसोट मचाकर अराजकतापूर्ण स्थिति निर्मित कर रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि विकासखण्ड और जिला स्तर पर बैठे कथित जिम्मेदार अधिकारी फील्ड की अंधेरगर्दी से या तो पूरी तरह बेखबर है या फिर वे अपनी मासिक इनकमिंग के चक्कर में जानबूझकर कर इसकी अनदेखी कर रहे है। परिणामस्वरूप ग्रामीणों को अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए कलेक्टर से गुहार लगानी पड़ रही है।
जिले की सहकारी बैंक शाखा सिमरिया के अंतर्गत आने वाली प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति सिंगवारा का मामला इसका एक उदाहरण मात्र है। इस समिति के अंतर्गत आने वाली पवई विकासखण्ड की चार ग्राम पंचायतों के पात्र किसान बोबनी के लिए खाद-बीज को लेकर परेशान है। कृषि सीजन के समय समिति से खाद-बीज न मिलने के कारण रबी की बोबनी में देरी को लेकर किसान खासे चिंतित है। वैसे भी इस बार देर से सक्रिय हुए मानसून की वजह से खरीफ की फसल को जिले के किसान पहले ही गँवा चुके है। अब यदि समय पर खाद-बीज नहीं मिला तो रबी की फसल से भी हाथ धोना पड़ सकता है। हर गुजरते दिन के साथ सिंगवारा समिति से जुड़े किसानों में यह चिंता गहरी हो रही है। क्योंकि रबी फसल से वंचित होने की स्थिति में अन्नदाता किसानों के लिए अपने परिवार का भरण-पोषण कर पाना आसान नहीं होगा।
प्रभार के चक्कर में चरमराई व्यवस्था

गौरतलब है कि, सिमरिया क्षेत्र की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति सिंगवारा के अंर्तगत आने वालीं चार ग्राम पंचायतों सिंगवारा, पड़वार, पड़रिया और दनवारा के सैंकड़ों अन्नदाता कृषि आदानों के लिए इस समिति पर निर्भर है। खाद बीज न मिलने से परेशान किसानों ने चारों ग्राम पंचायतों के सरपंचों का हस्ताक्षरित एक ज्ञापन मंगलवार 12 नवंबर को पन्ना आकर कलेक्टर की जनसुनवाई में दिया है। इस ज्ञापन में उल्लेख है कि सिंगवारा में पदस्थ सहायक समिति प्रबंधक उमा प्रसाद दुबे को अनियमित्ताओं के आरोप में हटाकर समिति प्रबंधक मोहन्द्रा रामदास साहू को अतिरिक्त प्रभार लेने का आदेश दिया गया था। लेकिन सहकारी समितियों में जारी मनमानी और अंधेरगर्दी अफसरों के आदेश पर भारी पड़ रही है। हटाए गए सहायक समिति प्रबंधक समिति का प्रभार और कार्यालय की चाबी आज तक रामदास साहू को नहीं सौंपी गई। इस दौरान सहायक समिति प्रबंधक उमा प्रसाद दुबे खुद को सिंगवारा से हटाए जाने के आदेश के खिलाफ स्थगन ले आए है। फलस्वरूप सिंगवार समिति में प्रभार को लेकर पिछले काफी समय से जारी खींचतान में क्षेत्र के किसान बेबजह पिस रहे हैं। जब इस संबंध में सहकारी बैंक शाखा सिमरिया के ब्रांच मैनेजर से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो मोबाइल फोन बंद होने के कारण उनसे बात नहीं हो सकी।
पन्ना आकर सुनाई व्यथा
