गुस्से में दलित-आदिवासी वर्ग के छात्र-छात्राएं, क्यों बोले- सड़कों पर उतरकर करेंगे विशाल आंदोलन…?

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* कॉलेज के लाइब्रेरियन पर जातिगत अपमान करने का आरोप

* निःशुल्क पुस्तकें और स्टेशनरी वितरण न होने की शिकायत पर की थी अभद्रता

* लाइब्रेरियन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर निलंबित करने सौंपा ज्ञापन

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के छत्रसाल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लाइब्रेरियन द्वारा अजाक्स छात्र संघ अध्यक्ष को जातिसूचक अपशब्द कहते हुए अपमानित करने की घटना के बाद से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राएं कुछ दिनों से काफी गुस्से में है। जिले भर के छात्र-छात्राएं जातिगत अपमान के विरोध में एकजुट होकर लाइब्रेरियन हरि किशोर शुक्ला के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने और उन्हें निलंबित करने की मांग कर रहे है। इस संबंध में जिले की सभी तहसीलों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जा रहे है। छात्र-छात्राओं का कहना है कि शिक्षा के मंदिर में जातिवाद की अमानवीय और दूषित सोच रखने तथा जातिगत विद्वेष फैलाने वाले ना-काबिले बर्दाश्त है। इसलिए हमारी मांग पर शासन-प्रशासन ने गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए यदि तत्परता से कार्रवाई नहीं की तो हमें अपने सम्मान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर विशाल आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।

शिकायत करने पर किया अपमान

छत्रसाल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लाइब्रेरियन खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करते छात्र।
उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा अर्जित करने के लिए बतौर प्रोत्साहन एवं सहयोग हेतु निःशुल्क पुस्तकें एवं स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध कराने का प्रावधान है। लेकिन शैक्षणिक सत्र 2019-20 के करीब 5 माह गुजरने के बाद भी छत्रसाल कॉलेज के छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन हेतु महाविद्यालय प्रबंधन की ओर से निःशुल्क पुस्तकें एवं स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई। इसकी शिकायत प्राचार्य से करते हुए शीघ्र पुस्तकें एवं स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। प्राचार्य ने इसे गंभीरता से लेते हुए सामग्री वितरित करने के आदेश दिए गए। फलस्वररूप सोमवार 11 नवंबर 2019 को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को पुस्तकें एवं स्टेशनरी सामग्री वितरित की गई। इस दौरान छात्र संघ अध्यक्ष संजय अहिरवार के पुस्तकालय में पहुँचने पर लाइब्रेरियन हरि किशोर शुक्ला अचानक भड़क ऊठे। उन्होंने कथिततौर पर छात्र संघ अध्यक्ष को जातिसूचक अपशब्द कहते हुए शिकायत करने के लिए लिए अपमानित किया। कॉलेज परिसर में हुई इस घटना से एससी-एसटी के छात्र आक्रोशित हो ऊठे और उनके द्वारा नारेबाजी करते हुए लाइब्रेरियन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर महाविद्यालय प्राचार्य को शिकायती आवदेन पत्र सौंपा गया।

कोतवाली थाना में दी शिकायत

पन्ना कोतवाली में लाइब्रेरियन हरि किशोर शुक्ला के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग को लेकर शिकायत देते दलित-आदिवारी वर्ग के छात्र-छात्राएं।
लाइब्रेरियन हरि किशोर शुक्ला पर जातिगत अपमान करने का आरोप लगाने वाले छात्र-छात्राओं ने उनके खिलाफ कोतवाली थाना पन्ना में भी लिखित शिकायत दी है। जिसमें एससी-एसटी एक्ट के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग की गई है। शिकायत करने वालों में घनश्याम सिंह गौंड़, रामदयाल अनुरागी, राजेश चौधरी, राजेश अनुरागी, रोहित वर्मा, राम सिंह, राजाराम गौंड़, अनंतराम प्रजापति, दीपा वर्मा, शीला चौधरी, दिशा वर्मा, दुर्गा अहिरवार, पंकज बागरी, सुनील प्रजापति, आरती अहिरवार, नीरज अहिरवार, रूपलाल प्रजापति, नितेश अहिरवार आदि छात्र-छात्राएं शामिल थे।
गुनौर में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते दलित-आदिवारी वर्ग के छात्र-छात्राएं।
अजाक्स छात्र संघ अध्यक्ष संजय अहिरवार का कहना है कि कमजोर वर्गों के साथ जातिगत अपमान और भेदभाव की घटनाओं के पीछे एक ख़ास तरह की सोच रहती है। जिसमें दूसरे को जाति के आधार पर हीन भावना का एहसास कराकर समाज में खुद को जाति के आधार पर श्रेष्ठ साबित करने की मानसिकता अंतर्निहित है। संजय का मानना है कि, अति पिछड़े पन्ना जिले के प्रशासन में जातिगत भावनाओं का उभार होने के कारण कमजोर वर्गों के अपमान और उनके साथ होने वाले भेदभाव की दुर्भायपूर्ण व अमानवीय घटनाओं पर ईमानदारी से कार्रवाई नहीं होती है। शायद यही वजह है कि लाइब्रेरियन हरि किशोर शुक्ला के क़ानून और संविधान विरोधी कृत्य के बावजूद अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

तहसील स्तर पर सौंपे ज्ञापन

छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना के लाइब्रेरियन खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकरपवई में एसडीएम को ज्ञापन सौंपने जाते छात्र-छात्राएं।
अजाक्स छात्र संघ अध्यक्ष को जातिसूचक शब्दों से अपमानित किए जाने की घटना के विरोध में जिले भर के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राएं लामबंद हो गए है। इनका कहना है कि यह किसी एक व्यक्ति का अपमान नहीं बल्कि पूरे समाज के अपमान का मामला है। यह अक्षम्य अपराध है। इसलिए ऐसा करने वाले को जब तक उनके कृत्य की सजा नहीं मिल जाती तब तक हम चैन से नहीं बैंठेंगे।
कार्रवाई की मांग को लेकर अमानगंज में तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते छात्र।
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पन्ना के पुस्तकालय प्रभारी हरि किशोर शुक्ला पर जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगाते हुए अनुसूचितजाति-जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर तहसील स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जा रहे है। अब तक शाहनगर, गुनौर, अजयगढ़, अमानगंज, सिमरिया, पवई और देवेन्द्रनगर में ज्ञापन सौंपे जा चुके है। ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को यह चेतावनी दी गई है कि यदि शीघ्र ही लाइब्रेरियन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उन्हें निलंबित नहीं किया गया तो सड़कों पर उतरकर विशाल आंदोलन किया जाएगा।

इनका कहना है –

“मैं पन्ना कॉलेज में 30-32 साल निष्ठापूर्वक सेवाएं दे रहा हूँ, इस दौरान हजारों छात्र आए लेकिन मैंने कभी किसी से अनुचित व्यवहार नहीं किया। लेकिन कुछ छात्र मुझे बेबजह बदनाम कर रहे है, इससे आघात पहुँचा है। मैंने किसी को जातिसूचक अपशब्द नहीं कहे सब झूठ है, यह सब मुझे बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।”

– हरि किशोर शुक्ला, ग्रंथपाल, छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना।

“छात्रों के द्वारा दी गई शिकायत की जांच हेतु प्रोफेसरों की एक कमेटी गठित की गई है। जोकि दोनों पक्षों से बात करने के पश्चात शीघ्र ही अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी के अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी। शासन से अब तक जितनी भी पुस्तकें प्राप्त हुई थीं उन्हें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को वितरित कराया जा चुका है।

– सी.एम. अग्रवाल, प्राचार्य, छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना।