* सत्ताधारी दल से जुड़े स्थानीय नेताओं ने नदी उतारी जेसीबी मशीन
* अमरछी पंचायत के चंद्रावल घाट से प्रतिदिन निकाल रहे 60-70 ट्रॉली रेत
* रेत की लूट को खोरा चौकी और धरमपुर थाना पुलिस की मौन स्वीकृति
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में बहुमूल्य खनिज संपदा की संगठित लूट खुलेआम जारी है। सत्ता का संरक्षण प्राप्त माफिया नियम-कानूनों को धता बताकर रेत-पत्थर और हीरे के लिए जिले की नदियों, राजस्व भूमि, पहाड़, नालों और वन भूमि को खनन से खोखला करने में आमादा हैं। अति पिछड़े इस जिले में रेत का अवैध खनन अभी तक सिर्फ केन नदी के दोनों किनारों छतरपुर एवं पन्ना जिले की सीमा में ही चल रहा था लेकिन अब रुन्ज नदी में भी अवैध खनन का खेल शुरू हो गया है। अमरछी पंचायत के चंद्रावल घाट से प्रतिदिन 60-70 ट्रॉली रेत निकाली जा रही है। रुन्ज नदी से रेत के अवैध खनन में सत्ताधारी दल भाजपा के स्थानीय नेताओं के शामिल होने की आम चर्चाएं है।

जिले के अजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत रुन्ज नदी से तकरीबन एक माह से बिना किसी वैधानिक स्वीकृति के रेत के अवैध खनन का खेल बेरोकटोक चल रहा है। सबकुछ जानने के बाद भी रेत के अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगाने के बजाए जिम्मेदार अधिकारी अनभिज्ञ होने का अभिनय कर रहे हैं। ग्राम पंचायत अमरछी के चंद्रावल घाट पर रुन्ज नदी में खनन माफियाओं ने जेसीबी मशीन उतार दी है। दैत्याकार मशीन के नुकीले जबड़े दिनदहाड़े नदी का सीना और कोख छलनी कर पानी के अंदर से रेत निकाल रहे हैं। नदी को बर्बाद करने जुटे माफियाओं पर महज 4-5 किलोमीटर दूर स्थित खोरा चौकी और बमुश्किल 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद बल के द्वारा कोई एक्शन न लेना उसकी मौन स्वीकृति की ओर इशारा करता हैं। खनिज और राजस्व विभाग के अधिकारी भी सेटिंग के चलते रेत की लूट में पूरा सहयोग कर रहे हैं। अजयगढ़ क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार के खिलाफ प्रशासन की हालिया कार्यवाही के बीच रुन्ज में अवैध खनन एक भी दिन के लिए भी बंद नहीं हुआ।
बता दें कि, अमरछी के चंद्रावल घाट पर दिनभर जेसीबी मशीन के जरिए रुंज नदी के पानी के अंदर से रेत निकली जाती है, जिसे ट्रैक्टर-ट्रॉली से परिवहन कर सड़क किनारे आसपास के खेतों में कई स्थानों पर डंप किया जाता है। इससे किसी एक स्थान पर रेत का पहाड़ नहीं लग पाता और मार्ग से गुजरने वाले लोगों को रुन्ज में जारी रेत की लूट की गंभीरता का पता भी नहीं चलता। शाम ढलने के बाद वहां उत्तर प्रदेश और सतना जिले ट्रक-हाइवा पहुंचते और रेत की लोडिंग कर रात के अंधेरे में वापस अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाते हैं। इस तरह रोजाना 10 से 15 ट्रक रेत बेंचकर माफिया लाखों रुपए की अवैध कमाई कर रहे हैं। रेत के लिए रुंज नदी के अस्तित्व को मिटाने में जुटे खनन माफियाओं को लेकर क्षेत्रवासियों में गहरी नाराजगी व्याप्त है। लेकिन माफियाओं के सत्ताधारी दल से जुड़ाव के चलते उनके राजनैतिक रसूख कारण लोग खुलकर कुछ भी बोलने करने को तैयार नहीं है।
मप्र : पन्ना जिले की केन नदी में रेत की लूट तो पहले से ही चल रही थी अब रुन्ज नदी में भी रेत का अवैध खनन शुरू हो गया है। रुन्ज नदी के अमरछी घाट से प्रतिदिन बड़े पैमाने पर रेत निकाली जा रही है। रेत के अवैध खनन में सत्ताधारी दल से जुड़े स्थानीय नेताओं के शामिल होने की आमचर्चा है। pic.twitter.com/JORGZmKQgP
— Radar News (@RadarNews4) January 24, 2024