सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रम में भी घोर लापरवाही ! मतदान केन्द्रों से बीएलओ नदारत, नाम जुड़वाने-सुधार कराने भटक रहे मतदाता, वोटर लिस्ट पुनरीक्षण कार्य की मॉनिटरिंग कागजों तक सिमटी

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फोटो निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण कार्यक्रम में बीएलओ द्वारा की जा रही लापरवाही के चलते मतदान केन्द्र क्रमाँक-192 पर लटकता ताला।

* मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम का रियलिटी चेक 

* मोबाइल फोन पर चल रहा दावा-आपत्ति प्राप्त करने कार्य

* बीएलओ के घर और ऑफिस के चक्कर काटने को मजबूर हैं मतदाता

पन्ना। रडार न्यूज  भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव-2019 की आवश्यक तैयारियाँ तेजी से शुरू कर दीं हैं, इसके तहत सबसे अहम कार्य मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण हेतु उनका विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम इन दिनों पोलिंग बूथ स्तर पर चलाया जा रहा है। आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार फोटो निर्वाचक नामावली(फोटो वाली वोटर लिस्ट) का 26 दिसंबर 2018 को प्रारूप का प्रकाशन किया गया, जिसके बाद से दावे-आपत्तियां प्राप्त करने की कार्यवाही बीएलओ द्वारा 25 जनवरी 2019 की जायेगी। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य में घोर लापरवाही बरती जा रही। सर्वोच्च प्राथमिकता वाले इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन का हाल यह है कि जिला मुख्यालय के ही अधिकांश पोलिंग बूथों से बीएलओ नदारत हैं। इस कारण लोगों को मतदाता सूची में अपना नाम देखने, 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके नव मतदाताओं को अपना नाम जुड़वाने, नाम कटवाने अथवा उसमें सुधार कराने आदि के लिए भटकना पड़ रहा।
पोलिंग बूथों में तैनात किए गए बीएलओ के गायब रहने का दुष्परिणाम यह है कि प्रतिदिन वहाँ पहुँचने वाले मतदाताओं में से अधिकांश निराश होकर लौट जाते है। जो लोग मोबाइल फोन पर बीएलओ संपर्क करते हैं, उनसे दावा-आपत्ति प्राप्त करने के लिए वहाँ पर बुलाते हैं जहाँ ये उपलब्ध रहते हैं। इस तरह अपने क्षेत्र के बीएलओ से मिलने के लिए लोगों को उनके घर और ऑफिस के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बीएलओ की इस मनमानी से पन्ना में फोटोयुक्त मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की मंशा पर पानी फिर रहा है। उधर, इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों की है उनकी भूमिका सिर्फ निर्देश देने और कागजी खानापूर्ति करने तक ही सीमित है। विडम्बना यह है कि शासन-प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रम का क्रियान्वयन जब जिला मुख्यालय में ही सही तरीके से नहीं हो पा रहा है तो ग्रामीण अंचल में स्थिति क्या होगी इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

कई मतदान केन्द्रों पर नहीं मिले बीएलओ

पन्ना के पत्रकारों के एक दल ने गुरुवार 17 जनवरी 2019 को पन्ना शहर के कई मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया तो इस दौरान अधिकांश बीएलओ अनुपस्थित मिले। जिनमें मतदान केन्द्र क्रमाँक- 192, 189, 187, 185, 186, 183, 180, 177, 176 के बीएलओ शामिल हैं। मजेदार बात यह है कि जिन शैक्षणिक संस्थाओं में मतदान केन्द्र स्थित हैं वहाँ पड़ताल करने पर पता चला कि कई बीएलओ तो सप्ताह भर से नहीं आए है। नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर शिक्षकों ने बताया कि बीएलओ से सम्बंधित कार्य के लिए आने वालों को उनके मोबाइल फोन पर सम्पर्क करना पड़ता है, वे जहाँ भी बुलाते हैं लोगों को वहाँ जाना पड़ता है। इसी तर्ज पर पन्ना में शहर फोटो निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। मतदान केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना के कला खण्ड में केन्द्र क्रमाँक- 191 के बीएलओ संजय शुक्ला और डाइट के मतदान केन्द्र क्रमाँक-188 के बीएलओ शिवांश यादव उपस्थित मिले। क्योंकि, ये दोनों उन्हीं संस्थाओं में पदस्थ हैं।
निरीक्षण में मतदान केन्द्र क्रमांक-182 पर ड्यूटी में उपस्थित मिले बीएलओ अरविंद कुमार रैकवार।
गौर करने वाली बात यह है कि शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना के कला खण्ड व डाइट परिसर में क्रमशः दो और तीन अन्य मतदान केन्द्र स्थित हैं जिनके बीएलओ गायब थे। अनुपस्तिथ बीएलओ दूसरे विभागों के कर्मचारी बताये जा रहे हैं, इसलिए ये अपने विभागीय कार्य का बहाना बनाकर मतदान केन्द्र से अधिकांश समय नदारत रहते हैं। बीएलओ संजय शुक्ला व शिवांश यादव बताया कि दूसरे केन्द्रों से संबंधित मतदाताओं के आने पर वे उनके दावा-आपत्ति ले लेते हैं ताकि कोई परेशान न हो। बाद में संबंधित बीएलओ को मोबाइल पर सूचना देकर दावा-आपत्ति उन्हें अग्रिम कार्यवाही के लिए सौंप देते हैं। इस काम चलाऊ व्यवस्था के बाबजूद उन मतदाताओं को तो फिर भी निराश होकर लौटना पड़ रहा जो सिर्फ वोटर लिस्ट में अपना नाम चेक करने के लिए आते है। क्योंकि, सभी बीएलओ अपनी वोटर लिस्ट की कॉपी अपने पास ही रखते हैं। निरीक्षण में कुछ मतदान केन्द्र ऐसे भी मिले जहाँ एक भी बीएलओ उपस्थित नहीं थे। वैसे तो सभी बीएलओ को अपने-अपने मतदान केन्द्र पर उपस्थित रहना अनिवार्य है, भले ही एक ही संस्था या परिसर में एक से अधिक मतदान केन्द्र स्थित हों।

क्या झूठा है प्रशासन का दावा

पत्रकारों की टीम की पड़ताल में उजागर हुई फोटो निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2019 की सच्चाई जिला निर्वाचन कार्यालय पन्ना के दावों से मेल नहीं खाती है। जनसम्पर्क कार्यालय पन्ना के माध्यम से दिनाँक 11 जनवरी 2019 को जारी समाचार क्रमाँक 124-124 में यह बताया गया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार पन्ना जिले में 26 दिसंबर 2018 को फोटो निर्वाचक नामावली प्रारूप का प्रकाशन किया गया है। जिसके बाद से जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों के कुल 895 मतदान केन्द्रों पर बीएलओ द्वारा नियमित रूप से दावा-आपत्ति प्राप्त किए जा रहे हैं। कार्य की मॉनीटरिंग के लिए विधानसभावार एवं तहसीलवार बीएलओ की नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं। यह प्रक्रिया 25 जनवरी 2019 तक जारी रहेगी। जिले में अब तक कुल 1955 दावे-आपत्तियां प्राप्त हो चुके हैं।
जबकि वास्तविकता यह कि जिला मुख्यालय पन्ना के कई मतदान केन्द्रों में सप्ताह भर से अधिक समय से बीएलओ ने दर्शन ही नहीं दिए हैं। इनकी उपस्थिति की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी भी अपने ऑफिस में बैठकर झूठी रिपोर्टिंग कर रहे हैं, तभी तो यह स्थित निर्मित है। 11 जनवरी तक की स्थित में जिले में कुल 1955 दावे-आपत्तियां प्राप्त होना भी इस बात का संकेत है कि फोटो निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है। 1955 दावे-आपत्तियां प्राप्त होने का मतलब जिले के 895 मतदान केन्द्रों पर औसतन 3 से भी कम दावा-आपत्तियाँ दर्ज होना हैं। वहीं 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके नव मतदाताओं के नाम जोड़ने की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। कागजों से इतर इसके लिए धरातल पर किसी तरह का कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जा रहा है। बहरहाल यह कहना अतिश्योक्ति पूर्ण न होगा कि फोटो निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम में अधिकांश बीएलओ के रूचि न लेने और पोलिंग बूथ पर न बैठने के कारण लोकसभा चुनाव में भी बड़ी तादाद में लोग अपने मताधिकार उपयोग करने से वंचित रह सकते हैं।

इनका कहना है-

“सभी बीएलओ को अपने मतदान केन्द्रों पर उपस्थित रहते हुए निर्वाचक नामावली के संक्षिप्त पुनरीक्षण के अंतर्गत दावा-आपत्ति प्राप्त करनी है, बीएलओ का केन्द्रों से अनुपस्थित रहना गंभीर मामला है तहसीलदार से इसकी जाँच कराकर उनके खिलाफ एक्शन लिया जायेगा।”

जे.पी. धुर्वे, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी पन्ना।