शर्मनाक लापरवाही : गहरी नींद में सोते रहे पुलिसकर्मी और थाना से भाग निकला अंतर्राज्यीय अपराधी, गिरफ्तारी पर पुलिस ने घोषित किया 10 हजार रुपए का ईनाम

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टीशर्ट पहने हुए पुलिसकर्मी के बगल में बैठा फरार शातिर ठग रिंकू उर्फ़ प्रवीण मीणा।

* मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के अजयगढ़ पुलिस थाना की घटना

* शातिर ठग रिंकू को न्यायालय से 6 दिन के रिमाण्ड पर लाई थी पुलिस

* लॉक अप के बाहर हथकड़ी डालकर थाना में रखा, रात्रि में नहीं था संतरी पहरा

* एक हाथ की हथकड़ी और जंजीर खोलकर पिछले गेट से भागा अपराधी

* पुलिस थाना के सीसीटीव्ही कैमरे में कैद हुई शातिर ठग के फरार होने की वारदात

* एसपी ने तीन लापरवाह पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से किया निलंबित

रिज़वान खान, पन्ना/अजयगढ़ (www.radarnews.in) जिले के अजयगढ़ थाना पुलिस की घोर लापरवाही के चलते थाना से एक अंतर्राज्यीय अपराधी भाग निकला। घटना बुधवार 24 जुलाई की सुबह तकरीबन 4 बजे की है। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को जब शातिर ठग रिंकू उर्फ़ प्रवीण मीणा 25 वर्ष के फरार होने का पता चला तो हड़कम्प मच गया। राजस्थान की करौली जेल में बंद रहे रिंकू को मंगलवार 23 जुलाई को ही पुलिस ठगी के एक मामले में अजयगढ़ लाई थी। स्थानीय न्यायालय में शातिर ठग को पेश करने के उपरांत पुलिस ने उसे अजयगढ़ के पेट्रोल पम्प संचालक से एडीशनल एसपी पन्ना के नाम पर ठगी करने के मामले में विस्तृत पूँछतांछ के लिए 6 दिन की रिमाण्ड पर लिया था। रिंकू उर्फ़ प्रवीण मीणा पर राजस्थान की जेल के अंदर से मोबाइल फोन के जरिए ठगी का नेटवर्क चलाने का आरोप है। इतने बड़े अपराधी के पुलिस थाना से फरार होने के मामले में अजयगढ़ पुलिस की शर्मनाक लापरवाही सामने आई है।
सांकेतिक फोटो।
थाना के सीसीटीव्ही कैमरे में कैद हुई शातिर ठग के फरार होने की वारदात से जुड़े फुटेज देखने पर पता चलता है कि रिंकू को लॉक अप के अंदर बंद करके रखने के बजाए सिर्फ हाथों में हथकड़ी डालकर बाहर बैठाकर कर रखा गया। इसके अलावा थाना में रात्रि के समय संतरी पहरा भी नहीं लगाया गया। सिर्फ हाजिरी ड्यूटी में दो आरक्षक जीतेन्द्र मिश्रा और हेतराम तैनात रहे। ऐसी चर्चा है कि, रात्रि के समय थाना ड्यूटी में तैनात रहे पुलिसकर्मी गहरी नींद में सोते रहे। इस बीच बुधवार की अलसुबह मौक़ा पाकर रिंकू उर्फ़ प्रवीण मीणा अपने एक हाथ की हथकड़ी और जंजीर खोलकर थाना के पिछले गेट से आसानी से भाग निकला। हालाँकि, रिंकू के एक हाथ में हथकड़ी लगी है। इस घटना की भनक लगने के बाद से अजयगढ़ थाना पुलिस फरार ठग की तलाश में इलाके के चप्पे-चप्पे की खाक छानने में जुटी है। पुलिस के आला अधिकारी भी अजयगढ़ पहुँच चुके हैं। आनन-फानन में पुलिस ने रिंकू की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का ईनाम घोषित कर दिया है। पन्ना पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतने के दोषी 3 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

पुलिसकर्मियों को झांसा देकर की थी ठगी

शातिर ठग रिंकू पर आरोप है कि उसने राजस्थान की करौली जेल के अंदर से अजयगढ़ थाना के एक पुलिसकर्मी को कॉल करके खुद को पन्ना का एडीशनल एसपी बताया था। स्थानीय पेट्रोल पम्प संचालकों से ठगी करने के लिए रिंकू ने पुलिसकर्मियों का ही सहारा लिया ताकि काम भी आसानी से हो जाए और किसी को पता भी न चले। कुछ समय पूर्व आरक्षक आईमात सेन ने कामतानाथ किसान सेवा केन्द्र अजयगढ़ के पेट्रोल पम्प संचालक उपेन्द्र सुल्लेरे के पास जाकर बताया कि उसे प्रधान आरक्षक राकेश गर्ग ने भेजा है और एडीशनल एसपी पन्ना का यह मोबाइल नम्बर दिया है, आप इस नम्बर पर बात कर लो। उपेन्द्र ने जब उस नम्बर पर कॉल किया तो शातिर ठग रिंकू उर्फ़ प्रवीण मीणा ने उसे बड़ी ही चालाकी से अपनी बातों के जाल में फंसा लिया।

खाते में जमा कराए थे रुपए

सांकेतिक फोटो।
रिंकू उर्फ़ प्रवीण मीणा ने कई बार कॉल करने के बाद उसने उपेन्द्र को कुछ बैंक खाता नम्बर देते हुए उन पर 50 हजार रुपए जमा करने को कहा। कुछ समय बाद उपेन्द्र सुल्लेरे ने दो बैंक खातों में 25-25 हजार रुपए जमा करा दिए। उसी दिन शाम के समय जब उपेन्द्र सुल्लेरे ने जब उक्त मोबाइल नम्बर पर कॉल किया तो वह बंद मिला। संदेह होने पर उसने अजयगढ़ के एसडीओपी इसरार मंसूरी से एडीशनल एसपी पन्ना का मोबाइल नम्बर लिया जोकि आरक्षक द्वारा दिए गए नम्बर से अलग था। ठगी का शिकार हुए पेट्रोल पम्प संचालक ने एडीशनल एसपी पन्ना को कॉल कर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई। पन्ना पुलिस ने जब इस बहुचर्चित ठगी के मामले की गहन पड़ताल की तो हैरान करने वाली यह बात पता चली की राजस्थान की करौली जेल में बंद शातिर ठग रिंकू उर्फ़ प्रवीण मीणा द्वारा वारदात को अंजाम दिया गया था।

सिर्फ रेत से कमाई पर पुलिस का ध्यान

सांकेतिक फोटो।
पन्ना जिले के अजयगढ़ थाना की पुलिस क्षेत्र में संचालित रेत की वैध -अवैध खदानों तथा रेत का परिवहन करने वाले वाहनों से वसूली के लिए काफी बदनाम है। अजयगढ़ थाना और इसके अंतर्गत आने वाली चौकियों में तैनात पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की लम्बे समय से कार्यप्रणाली को देखते हुए यह आम धारणा बन चुकी है कि यहाँ पुलिस का ध्यान अपने मूल कार्य पर न होकर रेत से कमाई पर रहता है। यह बात काफी हद तक सही भी है। रेत परिवहन करने वाले वाहनों से प्रति चक्कर पुलिस 500 रुपए से लेकर 3000 रुपए तक इंट्री वसूली करती है। वर्तमान में अजयगढ़ थाना के निरीक्षक के छुट्टी पर होने के चलते फिलहाल प्रभार विवादास्पद उप निरीक्षक डी. एस. परमार के पास है। बारिश के चलते यहाँ रेत का परिवहन भारी वाहनों(ट्रक-डम्फर) से बंद है लेकिन कथित तौर पर परमार साहब मूक स्वीकृति से ट्रेक्टर-ट्रॉली से रेत का परिवहन जारी है। अजयगढ़ क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों को अपराधों की रोकथाम व कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने से कोई सरोकार नहीं रहता ये तो बस रात-दिन रेत के वाहनों से वसूली करने में ही व्यस्त रहते है। शायद इसी वजह से क्षेत्र में अपराधों का ग्राफ और अवैध गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रहीं है।