हड़ताल का असर : आजीविका मिशन के स्व सहायता समूहों से जुड़ीं 50 हजार महिलाओं की आजीविका प्रभावित !

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पन्ना जिला मुख्यालय में जनपद कार्यालय के बाहर संयुक्त मोर्चा के बैनर तले अनिश्चित कालीन कामबंद हड़ताल पर बैठे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी।

 नियमितीकरण और 90 प्रतिशत वेतनमान की मांग को लेकर जारी है हड़ताल

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के 18 संघों के सदस्य अपनी लंबित मांगों के निराकरण को लेकर सामूहिक रूप से दिनांक 22 जुलाई 2021 से निरंतर अनिश्चित कालीन कामबंद हड़ताल पर है। बारिश के सीजन में सप्ताह भर से जारी संयुक्त मोर्चा की इस हड़ताल का व्यापक असर देखा जा रहा है। एक और जहां पंचायत से संबंधित कामकाज ठप्प पड़े है, वहीं रोजगार मूलक निर्माण कार्य भी बंद हैं। इसके आलावा आजीविका मिशन से जुड़ीं ग्रामीण महिलाओं की आजीविका बुरी तरह प्रभावित है। इसका सीधा दुष्प्रभाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं जनजीवन पर पड़ रहा है।
पन्ना जिला मुख्यालय में जनपद कार्यालय के बाहर हड़ताल पर बैठे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन पन्ना के संघ अध्यक्ष कमल श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य शासन के द्वारा संविदा को एक अभिशाप मानते हुये इससे मुक्ति दिलाने के लिए पूर्व में समस्त संविदा कर्मियों का नियमितीकरण करने एवं 90 प्रतिशत वेतनमान देने का वादा किया गया था। लेकिन कई वर्ष व्यतीत होने के बाद भी राज्य सरकार अपने ही वादे को पूरा ना करके वादाखिलाफ़ी कर रही है। इसलिए हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
वर्तमान में मिशन के कर्मचारियों द्वारा पूर्व की भांति नियमितीकरण आदि की मांग पुरजोर तरीके से की जा रही है। आजीविका मिशन संघ जिला इकाई पन्ना के अध्यक्ष कमल श्रीवास्तव की मानें तो एनआरएलएम के स्व सहायता समूहों से जुड़ी लगभग 50,000 महिलाओं की आजीविका हड़ताल के कारण प्रभावित होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जटिल समस्या खड़ी हो रही है। आजीविका मिशन के अध्यक्ष ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि, हड़ताली कर्मचारियों की लंबित जायज मांगों का यथाशीघ्र निराकरण किया जाये जिससे हड़ताल समाप्त हो और स्थिति सामान्य हो सके।