
* आक्रोशित ड्राइवरों ने मोदी सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, चक्काजाम कर भरी हुंकार
* काला-कानून वापस होने तक अनिश्चित कालीन हड़ताल को जारी रखने का किया ऐलान
* अब हादसा होने की स्थिति में ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान
शादिक खान, पन्ना/भोपाल। (www.radarnews.in) केन्द्र सरकार के द्वारा लाए गए हिट एंड रन के नए लॉ (कानून) के खिलाफ देश भर में गुस्सा देखा जा रहा है। नए कानून में सज़ा की अवधि में वृद्धि के विरोध स्वरूप के देश के कई राज्यों में बस-ट्रक-टैक्सी ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट आपरेटर्स द्वारा चक्काजाम किया जा रहा है। हिट एंड रन के नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर अनेक राज्यों में बस-ट्रक ड्राइवर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस बेमियादी हड़ताल का सोमवार को मध्य प्रदेश में भी व्यापक असर देखा गया। नव वर्ष 2024 के पहले दिन प्रदेश भर के बस स्टैण्ड में ड्राइवरों ने अपनी बसें खड़ी कर दी तो वहीं हाईवे पर ट्रकों के पहिए थमे नजर आए। बसें नहीं चलने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं हाईवे पर चक्काजाम के चलते कई घंटों तक वाहनों का आवगमन पूर्णतः बंद रहा। उधर, पेट्रोल पंपों पर डीजल-पेट्रोल भरवाने वाहनों की कतारें नजर आ रही हैं।
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में भी हिट एंड रन के नए कानून का सोमवार को भारी विरोध हुआ। इस कानून से प्रभावित वाहन चालकों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी धरना-प्रदर्शन और चक्काजाम कर अपना विरोध दर्ज़ कराया। पन्ना जिला मुख्यालय के बस स्टैण्ड में बसों को खड़ा करके ड्राइवरों सहित बस परिचालक और क्लीनर ने संयुक्त रूप ने हिट एंड रन के नए कानून का विरोध करते इसे काला कानून करार दिया। वाहन चालकों का कहना है नए कानून के प्रावधान अत्यंत ही शख्त और पूर्णतः अव्यवहारिक हैं। इसके लागू होने पर जेल में जिंदगी काटने से बेहतर है कि हम स्टीयरिंग (वाहन चलाना) छोड़कर मजदूरी करने लगें। पन्ना में प्राइवेट मोटर कर्मचारी कल्याण युवक मण्डल के तत्वाधान में हुए इस विरोध-प्रदर्शन के चलते कई घंटों तक बसों के पहिए थामे रहने से स्थानीय बस स्टैण्ड में मौजूद यात्री अपने गंतव्य स्थल पर पहुँचने के लिए काफी परेशान नजर आए। वहीं पन्ना के बाहरी इलाके में नेशनल हाईवे 39 पर अजयगढ़ बाईपास मार्ग तिराहा के समीप सड़क पर ट्रक खड़े करके ड्राइवरों ने चक्काजाम कर दिया। इस कारण करीब आधा घण्टे नेशनल हाईवे पर वाहनों के पहिये थमे रहे।
नए कानून में बढ़ाई सजा की अवधि
बता दें कि, भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद अब हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है। नए कानून के तहत सड़क हादसे के बाद भागने और घातक दुर्घटना की सूचना न देने पर ड्राइवरों को 10 साल तक की जेल हो सकती है। इससे पहले, सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपी ड्राइवर को केवल दो साल तक की जेल हो सकती थी। नए कानून में सजा की अवधि बढ़ाने को लेकर देश भर में ड्राइवरों के द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है।
दुर्घटनास्थल पर ड्राइवर रुकेगा तो मारा जाएगा

प्राइवेट मोटर कर्मचारी कल्याण युवक मण्डल पन्ना के उपाध्यक्ष अब्दुल अय्यूब, कोषाध्यक्ष अजय परमार व चालक प्रमोद रैकवार ने “रडार न्यूज़” से चर्चा में केंद्र सरकार के नए कानून को अदूरदर्शी निर्णय करार देते हुए बताया कि इसके लागू होने पर हिट एंड रन के मामलों में हर तरफ से ड्राइवर ही मारा जाएगा। इनका कहना है कि ड्राइवर कभी कोई हादसा जानबूझकर नहीं करते। एक्सीडेंट के मामलों में हमेशा गलती बड़ी गाड़ी वाले की मानी जाती है, सड़क दुर्घटना के बाद ट्रक और बस ड्राइवर को लोग कई बार इतना पीट देते हैं कि उनकी मौत हो जाती है। अब ऐसे में ड्राइवर तो मौके से भागकर अपनी जान बचाएगा ही। जबकि नए कानून के प्रावधान अनुसार हादसे के बाद ड्राइवर अगर मौके से भागता है तो उसे 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक की कैद की सज़ा हो सकती है। जरा सोचिए हादसे के बाद ड्राइवर यदि मानवता के नाते घायल की मदद के लिए मौके पर रुकता है तो पब्लिक आक्रोश से क्या वह बच पाएगा? पब्ल्कि के द्वारा की जाने वाली बेदम मारपीट में ड्राइवर की अगर मौत हो जाती है तो उसके परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी कौन लेगा? ऐसे अनेक ज्वलंत सवाल है जिनके जवाब नए कानून में नहीं है। इसलिए देश भर के ड्राइवर आंदोलित हैं। प्राइवेट मोटर कर्मचारी कल्याण युवक मण्डल पन्ना के बैनर तले आंदोलित बस-ट्रक-टैक्सी ड्राइवरों, परिचालकों तथा क्लीनर/हेल्पर की ओर प्रदेश के राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। दस बिंदुओं के इस ज्ञापन के माध्यम से भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 106 (2) में किए गए सज़ा के प्रावधान को वापस लेने की मांग की गई।
4 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल

पन्ना जिले के अजयगढ़, देवेन्द्रनगर और पवई में भी ड्राइवर्स स्टीयरिंग छोड़कर सड़कों पर उतर आए। नए साल के पहले दिन सोमवार को हिट एंड रन लॉ के विरोध में पवई बस स्टैण्ड में बसों को खड़ा करके ड्राइवरों ने सुबह-सुबह नारेबाज़ी शुरू कर दी। इसके बाद वाहन चालक संघ के आव्हान पर ड्राइवर नगर के तहसील तिराहा पहुंचकर धरने पर बैठ गए। जिससे बस स्टैण्ड में मौजूद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हैरान-परेशान यात्रीगण अपनी मंजिल पर पहुँचने के लिए भटकते नजर आए। इसी तरह अजयगढ़ क़स्बा में एकजुट बस और ट्रक ड्राइवर ने धरना-प्रदर्शन करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। ड्राइवर्स की ओर से इस संबंध में राष्ट्रपति के नाम प्रभारी तहसीलदार अजयगढ़ एक ज्ञापन सौंपा गया। ड्राइवरों ने ज्ञापन के माध्यम हिट एंड रन के नए कानून के खिलाफ 4 जनवरी से बेमियादी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। चालक कमलेश पटेल ने कहा कि उन्हें बमुश्किल 8 से 10 हजार रुपए प्रति माह तनख्वाह मिलती है, जबकि नए कानून में पर 7 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। और सजा की अवधि बढ़ाकर 10 तक कर दी गई है। एक ड्राइवर जुर्माना की इतनी बड़ी राशि कहां से लाएगा? इस कारण हमारे लिए यह काला कानून है, मोदी सरकार इसे तुरंत वापस ले। चालकों ने कहा कि अब हमारे पास सिर्फ एक ही विकल्प है, नौकरी छोड़कर घर में बैठ जाएं क्योंकि इस उम्र में दूसरा काम भी नहीं कर सकते हैं। ऐसे में परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।
एनएच 39 ट्रक खड़े कर लगाया चक्काजाम
