* असंवैधानिक कानूनों के विरोध में सर्व समाज ने दिखाई एकजुटता
* संविधान की रक्षा करने और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष की ली शपथ
* शाहीन बाग में जान गंवाने वाले बच्चों को मोमबत्ती जलाकर दी श्रद्धांजलि
पन्ना।(www.radarnews.in) सीएए-एनआरसी के खिलाफ देश भर में चल रहे प्रदर्शन की तरह पन्ना में महिलाओं ने एकजुट होकर घरों से निकालकर इन कानूनों का विरोध किया। शाहीन बाग की तर्ज पर शहर के हिरणबाग में लगातार तीन दिनों तक धरना दिया गया। शुक्रवार 7 फरवरी को धरना स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचीं और महात्मा गांधी के सत्याग्रह के रास्ते अपना विरोध दर्ज कराया। धरने के आखिरी दिन महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिली, वहीं बडी संख्या में पुरूष भी महिलाओं का साथ देने धरना स्थल पर पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान कई ओजस्वी वक्ताओं ने यहां पहुंचकर महिलाओं को समर्थन दिया और इन कानूनों को बांटने वाला बताया। साथ ही सरकार पर नाकामी छिपाने के लिए इन कानूनों को लाने की बात कही।
कार्यक्रम में जन अधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष सोनेलाल पटेल, अम्बेडकराईज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष देशपाल पटेल, छात्र नेता संजय अहिरवार, कांग्रेस नेता पवन जैन, युवक कांग्रेस अध्यक्ष दीपक तिवारी, जयराम यादव, आनंद पटेल, दीपचन्द्र अग्रवाल ने भी सहभागिता निभाई और धरने को समर्थन दिया। इसी क्रम में रूखसार मिर्जा, सूफ़िया खान, तबस्सुम, संगीता पटेल, निधि पाठक, अजिया, अनस राइन, सहवाज परवीन, इदरीश, इमरान राइन, रिदा, मुमताज एवं सिद्धार्थ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नागरिकता संसोधन कानून व प्रस्तावित एनआरसी का विरोध किया।
राष्ट्रगान के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम के समापन करने के लिए सभी महिलाओं ने राष्ट्रगान गाया और कोमी एकता के नारे लगाए। मौके पर उपस्थित प्रभारी तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी को महिलाओं ने सामुहिक रूप से ज्ञापन सौंपा। महामहिम राष्ट्रपति को नाम सौंपे इस ज्ञापन में संविधान विरोध कानून सीएए को तुरंत वापिस लेने और प्रस्तावित एनआरसी को रद्द करने की मांग की गई। इसके साथ ही पुरूषों ने भी तहसीलदार को ज्ञापन के साथ हस्ताक्षर अभियान के तहत तीन दिन में हुए हस्ताक्षरों का ब्यौरा सौंपा और इन कानूनों पर रोक लगाने की मांग की।
मासूमों की याद में जलाई मोमबत्ती
पन्ना के हिरणबाग चौराहे पर सभी महिलाओं और पुरुषों ने धरना प्रदर्शन समाप्त होने के बाद शाहीन बाग में अपनी मां के साथ आने वाले दो मासूम बच्चों की मौत पर रोष व्यक्त किया, साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों की संख्या में मोमबत्ती जलाई गईं। पूरे चौराहे पर बड़ी संख्या में सभी लोगों ने मौन रखकर बच्चों का याद किया।