क्वारंटाइन सेंटर में फांसी के फंदे पर लटकी मिली प्रवासी श्रमिक की लाश, कोरोना सक्रंमित सागर जिले से पन्ना लौटा था नवयुवक श्रमिक

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* पन्ना जिले के आमानगंज तहसील मुख्यालय की घटना

* गांव के ही कुछ युवको के साथ क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहा था मृतक

* पिता बोला बेटे ने बताया था गांव का ही एक हमउम्र साथी करता था परेशान

राजदीप गोस्वामी पन्ना/अमानगंज(www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के तहसील मुख्यालय अमानगंज में स्थित शासकीय महाविद्यालय में बने क्वारंटाइन सेंटर में आज दोपहर एक 19 वर्षीय प्रवासी श्रमिक का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिलने से सनसनी फैल गई। मृतक रामलखन उर्फ लख्खू कुशवाहा चार दिन पूर्व मध्यप्रदेश के ही सागर जिले के गढ़ाकोटा से पांच अन्य श्रमिको के साथ वापस लौटा था। प्रारम्भिक पुलिस जांच में नवयुवक की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो सका।
हालांकि पुलिस घटना को आत्महत्या बता रही है। मृतक के पिता रामप्रसाद कुशवाहा निवासी ग्राम घटारी का आरोप है कि गढ़ाकोटा से साथ में लौटे गांव का ही एक युवक उनके बेटे को कथिततौर पर परेशान करता था। यह बात आज सुबह ही रामलखन उर्फ लख्खू ने उन्हें बताई थी। अमानगंज थाना पुलिस ने घटना पर मर्ग कायम कर मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। क्वारंटाइन सेंटर में युवक के कथिततौर आत्महत्या करने के खबर आने के बाद से जिले के प्रशासनिक हल्कों और स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मच गया है। क्वारंटाइन सेंटर में सुरक्षाकर्मी एवं अन्य कर्मचारी चौबीसों घण्टे तैनात रहने के बावजूद इस तरह की आप्रत्याशित घटना का घटित होना स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही के तौर पर देखा जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमानगंज के समीप स्थित ग्राम घटारी निवासी रामलखन उर्फ लख्खू कुशवाहा पुत्र रामप्रसाद कुशवाहा 19 वर्ष सागर जिले के गढ़ाकोटा में अपने गांव के चार-पांच अन्य युवकों के साथ मजदूरी करता था। कोरोना संक्रमण के चलते लाॅकडाउन होने पर ये सभी लोग गढ़ाकोटा में ही कई दिनों तक फंसे रहे। किसी तरह वापस घर लौटने के प्रयास के चलते 24 अपै्रल को रामलखन उर्फ लख्खू कुशवाहा अपने साथियों कल्लू साहू, अनिल कुशवाहा, मंजा साहू सभी निवासी ग्राम घटारी एवं सूरज आदिवासी निवासी ग्राम पाठा के साथ अमानगंज पहुंचा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सभी प्रवासी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के पश्चात उन्हें अमानगंज के काॅलेज भवन में बने क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिनों का क्वारंटाइन पूरा करने के लिये रखा गया था।
मंगलवार 28 अपै्रल को दोपहर करीब 12 बजे क्वारंटाइन सेंटर के एक कमरे की खिड़की के सहारे रामलखन उर्फ लख्खू का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला। आनन-फानन इसकी सूचना पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। बेटे की मौत का पता चलते ही रामप्रसाद कुशवाहा भी कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंच गया। पुलिस घटना को आत्महत्या बता रही है। लेकिन फिल्हाल पुलिस के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि नवयुवक श्रमिक किस वजह से आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हुआ। मृतक के पिता रामप्रसाद ने मौके पर पुलिस अधिकारियों और पत्रकारों को जानकारी देते हुये बताया कि वे आज सुबह घर से अपने बेटे के लिये नास्ता खाना लेकर आये थे इस दौरान कथिततौर पर लख्खू ने उन्हें बताया था कि ग्राम घटारी के ही कल्लू साहू ने उसके साथ क्वारंटाइन सेंटर में मारपीट की थी।
मृतक के पिता ने बताया कि इस बात की जानकारी क्वारंटाइन सेंटर में सफाई करने वाले एक सफाईकर्मी को दी गई थी जिसके बाद उक्त सफाईकर्मी ने कल्लू साहू को डांटा भी था। पिता ने आशंका जताई है कि शायद इसी वजह से उनके बेटे ने फांसी लगाई है। अमानगंज थाना पुलिस ने इस घटना पर मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना के सामने आने के बाद यह सवाल प्रमुखता से उठ रहा है कि क्वारंटाइन सेंटर में सुरक्षाकर्मियों से लेकर अन्य कर्मचारी तैनात होने के बावजूद वहां श्रमिक के साथ मारपीट होना और पर इसी वजह से उसके द्वारा कथिततौर आत्महत्या करने के लिये आाखिर कौन जिम्मेदार है। मर्ग जांच के अलावा प्रथम दृष्टया इस अक्ष्मय लापरवाही के लिये क्वारंटाइन सेंटर में तैनात कर्मचारियों की जावबदेही तय कर उनके खिलाफ भी क्या कार्यावाही की जायेगी यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा।