हीरा खदान से आदिवासी युवक का दिनदहाड़े अपहरण, पांच अज्ञात बदमाशों ने सनसनीखेज़ वारदात को दिया अंजाम

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हीरा खदान में खनन कार्य करते श्रमिक। (फाइल फोटो)

* अपहृत युवक के द्वारा कुछ समय पूर्व बड़ा हीरा ब्लैक मार्केट में बेंचने की है चर्चा

* पन्ना जिले में इन दिनों हीरे का अवैध खनन और तस्करी खुलेआम जारी

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में आज एक आदिवासी युवक का पांच अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने दिनदहाड़े अपहरण कर लिया। इस सनसनीखेज वारदात को फिरौती वसूली के लिए अंजाम दिए जाने की चर्चाएं हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने सभी थानों को अलर्ट कर दिया। आनन-फानन में तगड़ी घेराबंदी और क्षेत्र की सर्चिंग कर कुछ घण्टे बाद ही अपहृत युवक को मुक्त कराने के साथ ही पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को भी दबोंच लिया है, लेकिन इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी। इस घटनाक्रम ने पन्ना जिले में कानून व्यवस्था की बेहद चिंताजनक स्थिति के साथ-साथ यहां पर खुलेआम जारी सफ़ेद हीरे के काले कारोबार की समस्या को भी चर्चा के केन्द्र में ला दिया है।
(फाइल फोटो)
अपहरण की यह हैरान करने वाली घटना पन्ना जिले के बृजपुर थाना अंतर्गत खिरवा गांव की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिवासी युवक कल्लू पुत्र रम्पत गौंड़ 30 वर्ष रविवार 9 अगस्त की सुबह गांव में ही स्थित अपनी हीरा खदान में खनन करवा रहा था तभी वहां पहुंचे पांच हथियारबंद अज्ञात बदमाश कल्लू गौंड़ को जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गए। इस सनसनीखेज घटना से अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। खदान में काम करने वाले श्रमिकों ने तुरंत इसकी सूचना कल्लू गौंड़ के बड़े भाई को दी। जबकि थाना प्रभारी बृजपुर सिद्धार्थ शर्मा के मुताबिक कल्लू गौंड़ का अपहरण सुबह उस समय हुआ जब वह अपनी पत्नी के साथ मजदूरी करने के लिए जा रहा था। गांव के बाहर पहाड़ी के समीप अज्ञात बदमाश उसे जबरदस्ती अपने साथ ले गए। उप निरीक्षक सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि अपह्रत की अपत्नी के द्वारा अपने जेठ को घटना क जानकारी दी गई। और फिर कल्लू गौंड़ के बड़े भाई ने डायल-100 पर कॉल करके पुलिस को सूचना दी।
थाना प्रभारी बृजपुर सिद्धार्थ शर्मा से जब यह पूंछा गया कि कल्लू का अपहरण क्या उसे हीरा मिलने की वजह से फिरौती वसूली के लिया किया गया है ? इस सवाल का जवाब देने से बचते हुए उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि यह विवेचना का विषय है, अपहृत के मिलने पर वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सकेगी। उन्होंने बताया कि अपहृत को शीघ्र मुक्त कराने और बदमाशों को गिरफ्तार करने के लिए हमारी कोशिश जारी है। बहरहाल, अपहरण जैसे बेहद संवेदनशील और बड़े मामले में पुलिस की कहानी और क्षेत्र से आ रहीं ख़बरों में काफी विरोधाभास है। शायद इसकी वजह पन्ना में तेजी से फलफूल रहा हीरों की तस्करी का संगठित कारोबार है, जिससे अपहरण की वारदात का सीधा सम्बंध चर्चा का विषय बना हुआ है।

हीरा बेंचकर खरीदा था ट्रेक्टर और जीप

सांकेतिक फोटो।
अपहरण की वारदात को लेकर बृजपुर क्षेत्र में आमचर्चा है कि ग्राम खिरवा निवासी कल्लू गौंड़ पुत्र रम्पत गौंड़ 30 वर्ष पिछले काफी समय से हीरा खदान की खुदाई कर रहा है। कुछ समय पूर्व कथित तौर पर कल्लू को खदान में बड़े साइज का उज्जवल किस्म का एक बेशकीमती हीरा मिला था। जिसे उसके द्वारा क्षेत्र में सक्रिय हीरों की गैरकानूनी रूप से खरीददारी करने वाले हीरा कारोबारियों को बेंचने की चर्चा है। हीरा की बिक्री से मिली मोटी रकम से कल्लू ने ट्रेक्टर और बोलेरो जीप खरीद ली। बेहद गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले कल्लू के पास अचानक आई दौलत के चर्चे खिरवा गांव सहित पूरे क्षेत्र में है। दबी जुबान कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि कल्लू को एक बड़े हीरे के अलावा कुछ छोटे साइज के हीरे भी खदान में मिले हैं।
(फाइल फोटो)
बताते चलें कि कुछ दिन पूर्व पन्ना कोतवाली थाना के ग्राम सरकोहा निवासी हीरा खदान श्रमिक राजेश यादव पुत्र रामेश्वर यादव के साथ लड़कू यादव निवासी ग्राम पुरुषोत्तमपुर और नरेन्द्र यादव निवासी जनकपुर द्वारा सिर्फ इसलिए मारपीट की गई क्योंकि इन्हें पता चला था कि राजेश को हीरा मिला है। कथित तौर पर राजेश को मिला हीरा उससे छुड़ाने के लिए उक्त दोनों आरोपियों ने 30 जुलाई की दरम्यानी रात उसके ऊपर हमला किया था। राजेश के ऊपर अब तक दो बार हमला हो चुका है। इन चिंताजनक घटनाओं से पन्ना जिले में चल रहे सफ़ेद हीरे के काले कारोबार में अपराधियों की भूमिका और कानून व्यवस्था की बेहद लचर स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

ब्लैक मार्केट में बिकते हैं 90 फीसदी हीरे

सांकेतिक फोटो।
उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले की उथली हीरा खदानों से निकलने वाले हीरों को नियमानुसार पन्ना में स्थित हीरा कार्यालय में जमा करना पड़ता है। जिसकी नीलामी होने पर टैक्स की कुछ राशि काटकर शेष सम्पूर्ण राशि हीरा जमा करने वाले व्यक्ति को दी जाती है। लेकिन पन्ना में पिछले कई दशकों से सफ़ेद हीरों की तस्करी का काला कारोबार संगठित रूप से जारी है। इसमें हीरा कार्यालय के फील्ड स्टॉफ और पुलिस पर मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं। मध्यप्रदेश शासन के खनिज साधन विभाग के सचिव नरेन्द्र सिंह परमार भी यह कह चुके हैं कि, पन्ना की उथली हीरा खदानों से निकलने वाले 90 फीसदी से अधिक हीरे ब्लैक मार्केट में बिकते हैं।
हीरा खदान में खनन कार्य करते श्रमिक। (फाइल फोटो)
महत्वपूर्ण बात यह है कि गैरकानूनी तरीके से हीरे खरीदी के इस खेल में पन्ना जिले के कतिपय हीरा व्यापारी, विभिन्न दलों के राजनेता, दबंग और आपराधिक तत्व शामिल हैं। अधिकाँश लोग तुरंत नगद राशि प्राप्त करने चक्कर में इन्हें हीरे बेंच देते हैं। वहीं अगर किसी कमजोर तबके के व्यक्ति को हीरा मिलने की भनक हीरा कारोबारियों को लगती है तो वे आपराधिक तत्वों या फिर अघोषित तौर पर पुलिस की मदद से येनकेन प्रकारेण उसे खरीदने या फिर हथियाने में कामयाब हो जाते हैं। पन्ना और बृजपुर क्षेत्र के कई रसूखदारों के नाम जनचर्चाओं में सुने जा सकते हैं जोकि इन तमाम हथकण्डों को अपनाकर अवैध तरीके से हीरे खरीदने का काम लम्बे समय से कर रहे हैं। दरअसल, ब्लैक मार्केट में बिकने वाले अधिकाँश हीरे वास्तविक कीमत से काफी कम में बिकते हैं, इसलिए एक डील में लाखों रुपये कमाने का यह काला कारोबार साल दर साल तेजी से फलफूल रहा है।