* संजय ने साधा निशाना बोले- भाजपा सिर्फ नामदारों को पूंछती है
* संजय के कांग्रेस में आने से भाजपा और शिवराज को लगा तगड़ा झटका
* पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने बहू कृष्णा के साथ कमलनाथ से की मुलाकात
नई दिल्ली। रडार न्यूज मध्यप्रदेश के मुख्यंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह शनिवार नवंबर को कांग्रेस में शामिल हो गए। संजय, बालाघाट जिले की वारासिवनी सीट से टिकिट न मिलने से नाराज थे। कांग्रेस में संजय सिंह के शामिल होने की घोषणा पीसीसी चीफ कमलनाथ दवारा दिल्ली में बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई। चुनाव के समय साले का कांग्रेस में जाना व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश भाजपा के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को आई भाजपा के 177 उम्मीदवारों की पहली सूची में वारासिवनी सीट से टिकिट न मिलने से वे नाराज थे। भारतीय जनता पार्टी ने वारासिवनी सीट से वर्तमान विधायक योगेंद्र निर्मल को पुनः प्रत्याशी घोषित किया है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भाजपा ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए दोपहर में 177 उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची जारी की थी। करीब 6 घंटे बाद इसमें आंशिक संशोधन करते हुए घट्टिया सीट को रोक दिया गया था। भाजपा की शेष 54 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा जल्दी हो सकती है। पहली सूची में भाजपा ने तीन मंत्रियों के टिकिट काटते हुए दो के पुत्रों को उम्मीदवार घोषित किया है। इसके अलावा अब तक 33 विधायकों के टिकिट काटे जा चुके है।
पेशे से ठेकेदार हैं संजय सिंह

कांग्रेस में शामिल हुए संजय सिंह पेशे से ठेकेदार हैं। वे नीलाक्ष इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की निर्माण कंपनी के प्रमुख हैं। संजय सिंह मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह के सगे भाई हैं। आज उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामते ही भाजपा पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। संजय ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वहां नामदारों को नवाजा जा रहा है और कामदारों को किनारे कर दिया गया है।
मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल
