बारिश से बर्बाद खरीफ फसलों के मुआवज़े की मांग को लेकर सड़क पर उतरे अन्नदाता किसान

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बारिश के कारण बर्बाद हुई खरीफ फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा वितरित करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

*    सीएम शिवराज के खिलाफ जमकर की नारेबाज़ी, चौपट हुई फसल लेकर पहुंचे तहसील

*    भारतीय किसान यूनियन ने फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा वितरित करने सौंपा ज्ञापन

शादिक खान, पन्ना/जीतेन्द्र रजक, गुनौर। (www.radarnews.in) जिले की गुनौर तहसील अंतर्गत विगत दिनों हुई झमाझम बारिश के चलते क्षेत्र के अधिकाकांश किसानों की खरीफ की दलहनी-तिलहनी फसलें पूरी तरह चौपट हो चुकी हैं। बारिश से हुई बर्बादी की जानकारी होने के बाद भी जिला मुख्यालय पन्ना और विकासखण्ड मुख्यालय गुनौर में बैठे प्रशासनिक एवं राजस्व अधिकारियों ने अब तक प्रभावित फसलों का सर्वेक्षण कराने की सुध नहीं ली। अपनी फसलें गवां चुके अन्नदाता किसान जिम्मेदारों के द्वारा बरती जा रही उदासीनता के खिलाफ शुक्रवार 23 सितंबर को सड़क पर उतर आए। भारतीय किसान यूनियन के आव्हान पर अपनी तबाह हुई फसलों को लेकर गुनौर के तहसील कार्यालय पहुंचे आक्रोशित किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नारेबाजी की गई। बीकेयू जिलाध्यक्ष शंकर पटेल के नेतृत्व में किसानों के द्वारा बारिश से बर्बाद फसलों का तत्काल प्रभाव से सहनुभूति पूर्वक सर्वेक्षण कराकर मुआवजा वितरित कराए जाने की मांग को लेकर तहसील कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

उड़द-तिल और मूंग पूरी तरह तबाह

भारतीय किसान यूनियन जिला इकाई पन्ना के अध्यक्ष शंकर पटेल ने रडार न्यूज को बताया, गुनौर तहसील के साथ-साथ समूचे जिले में बारिश के चलते उड़द, तिल और मूंग की फसल लगभग पूरी तरह तबाह हो चुकी है। मैनें स्वयं कई गांवों का दौरा कर फसलों को हुए भारी नुकसान का जायजा लिया और किसानों से लगातार हो रही बातचीत में भी इसी तरह स्थिति पूरे जिले में व्याप्त होने की जानकारी मिल रही है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदर्शन में शामिल हुए क्षेत्रीय (गुनौर) विधायक शिवदयाल बागरी ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि, स्वयं को किसान हितैषी बताने वाली प्रदेश और केन्द्र की भाजपा सरकार किसानों के प्रति जरा भी संवेदनशील नहीं है। जिले में बड़े पैमाने पर खरीफ फसलों के बर्बाद होने की जानकारी के बाद भी अब तक सर्वे नहीं कराया गया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों की हितैषी नहीं बल्कि चंद बड़े उद्योगपतियों हित में काम करने वाली सरकार है, पूर्व कई मौकों पर यह बात साबित हो चुकी है। गरीब-किसान-मजदूर और युवाओं को इस सरकार ने सिर्फ जुमले और झूठे वादे दिए हैं मसलन, किसानों की आय दोगुनी करना, खेती को लाभ का धंधा बनाना, युवाओं को नौकरी देने और गरीबों के खाते में 15 लाख रूपये आने के वादों क्या हुआ यह सबको पता है।

अनिश्चितकालीन धरना की तैयारियां जारी

उल्लेखनीय है कि भारतीय किसान यूनियन के तत्वाधान में मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने अल्टीमेटम दिया है अगर पांच दिन के अंदर बारिश से बर्बाद फसलों का सर्वेक्षण शुरू नहीं हुआ तो उन्हें अपनी जायज मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ेगा। बीकेयू के जिलाध्यक्ष शंकर पटेल ने बताया कि प्रदर्शन में शामिल हुए सभी किसान भाइयों को अपना हक़ पाने के लिए संघर्ष करने को तैयार रहने के लिए कहा गया। आपने कहा यदि हमारी मांग पर कार्रवाई नहीं की गई तो पांच दिन बाद हम पूरी ताकत के साथ अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे। प्रदेश सरकार और उसके अफसरों के उदासीन रवैये को देखते हुए हमने अनिश्चितकालीन धरना की आवश्यक तैयारियां भी शुरू कर दी है। पूरे जिले के किसानों से सम्पर्क किया जा रहा है और सभी एकजुटता के साथ संघर्ष का शंखनाद करने के लिए तत्पर हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से संजय पटेल, केसरी अहिरवार, दुष्यंत सिंह बुंदेला, जय नरेश द्विवेदी, बृजभान पटेल, रामऔतार उपाध्याय, मनीष यादव, कल्लु पटेल, जीतेन्द्र सिंह, रोहित पटेल सरपंच भटनवारा, सनी राजा, त्रिलोक यादव, संतोष लोधी, रामखिलावन लोधी सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसान शामिल थे।