बुंदेलखण्ड की वीरांगनाओं ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ भरी हुंकार, पन्ना के हिरणबाग में रोशन हुई लोकतंत्र की मशाल

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* गांधी के रास्ते, संविधान के वास्ते सत्याग्रह पर डटीं महिलाएं

* मोदी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने देश में फैला रही नफरत : देशपाल

पन्ना।(www.radarnews.in) जिला मुख्यालय पन्ना में संविधान बचाओ मंच के तत्वाधान में सीएए-एनआरसी के खिलाफ महिलाओं का धरना-प्रदर्शन दूसरे दिन गुरुवार 6 फरवरी को भी जारी रहा। आज धरना स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएं पहुँची और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्याग्रह के रास्ते अपना विरोध दर्ज कराया। धरना-क्रमिक अनशन की शुरुआत महापुरूषों के चित्र पर माल्यापर्ण कर एवं महिलाओं के द्वारा इंकलाब का नारा बुलंद करते हुए की गई। दूसरे दिन आलिया खान एडवोकेट, निधी पाठक, समीना यूसुफ, अराधना सिंह, आबिदा बेगम, हज्जन प्यारी एवं मुन्नी बेगम अनशन पर बैठीं। इनके समर्थन में बड़ी संख्या में शहर की महिलाओं ने कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अम्बेडकराईज पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष देशपाल पटेल ने नारी शक्ति को नमन करते हुए कहा कि हर बदलाव की शुरूआत महिलाओं से ही होती है। सावित्री बाई फूले और फातिमा शेख इसका बड़ा उदाहरण हैं। इन महिलाओं ने शिक्षित होकर न सिर्फ देश को बदलने का प्रयास किया, बल्कि महिलाओं के उत्थान के लिए भी संघर्ष किया।श्री पटेल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपनी नाकामियां छिपाने के लिए ये काले कानून बनाए हैं। विचारणीय प्रश्न यह है, यदि हमारी नागरिका की वैधानिकता नहीं है, तो हमारे वोटों पर बनी सरकार की वैधानिकता कैसे हो सकती है। हमारे वोट पाकर हमारी ही नागरिकता पर सवाल उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार पूरी तरह नाकाम हो चुकी है, बेरोजगारी चरम पर है, नोटबंदी से कुछ हासिल नहीं हुआ, आम आदमी मंहगाई की मार झेल रहे है। इन विषयों पर बात न हो इसलिए ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए लोगों को परेशान करने असंवैधानिक कानून थोपे जा रहे हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रूखसार मिर्जा ने कहा कि ट्रिपल तलाक कानून के समय एक पार्टी विशेष के नेतागण मुस्लिम बहिनों के दुख-दर्द और उनकी गरिमा व आत्म सम्मान की रक्षा की बड़ी-बड़ी बातें करते थे, खुद को मुस्लिम बहिनों उनका सच्चा हिमायती बताते थे लेकिन आज अपनी उन्हीं बहिनों को बिरयानी और रूपये के लिए अनशन पर जाने वाली बताकर पवित्र रिश्तों को गालियां दे रहे हैं। इनका दोहरा चरित्र पूरा देश और दुनिया के सामने उजागर हो गया है। धरना-क्रमिक अनशन को सरदार मान सिंह, युवा नेता आनंद पटेल, देव विश्कर्मा, सूफिया खातून, शहनाज परवीन, मुमताज मिर्जा, जयराम यादव, इरफान उल्ला आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर दिव्यांग मुन्ना खान एवं 10 वर्षीय बालक इदरीश राईन ने अपने उद्बोधन से लोगों की जमकर तालियां बटोरीं।

अटूट है यह रिश्ता- मिश्रा

जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा ने संविधान बचाओ आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए कहा कि आजाद भारत के इतिहास में यह पहली सरकार है, जो कि अपनी सफलताओं को छिपाने और राजनैतिक सत्ता को बनाए रखने के लिए हमारे देश के साम्प्रदायिक सौहार्द-सदभाव को लगातार नुकसान पहुंचा रही है। देश का बहुसंख्यक वर्ग इनके नापाक़ इरादों को भलीभाँति जान चुका है। इसलिए दिल्ली के शाहीन बाग से लेकर पन्ना के हिरणबाग तक हर वर्ग-समुदाय के लोग अपनी माताओं-बहनों के साथ खड़े हैं। क्योंकि यह रिश्ता अटूट है, इसे तोड़ने की साजिश करने वाले कभी सफल नहीं हो सकते। वरिष्ठ नेता रामकिशोर मिश्रा ने कहा कि इतिहास गवाह है कि पन्ना की महिलाएं जब-जब घरों से बाहर आईं है, तो तारीख बदली है। लगभग 75 साल पहले तत्कालीन युवा नेता खुदाबक्श साहब के नेतृत्व में महिलाओं मोर्चा खोलकर पन्ना को जिला बनवाया था। आज एक बार फिर बुंदेलखण्ड की वीरांगनाएं घरों से बाहर आईं हैं। मुझे पूरा विश्वास इस इस बार भी अविस्मरणीय और गौरवशाली इतिहास बनेगा।