एमडीए कार्यक्रम : 4 हजार दवा सेवक घर-घर जाकर 10 लाख लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का कराएँगे सेवन

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अपने सामने दवा सेवन कराने का फाइल फोटो।

* राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस 11 जनवरी से होगा एम.डी.ए. कार्यक्रम का आयोजन

* मध्यप्रदेश में छतरपुर के बाद पन्ना जिले में हैं फायलेरिया के सर्वाधिक मरीज

* गर्भवती माताओं, गंभीर बीमार व्यक्तियों को फायलेरिया रोधी दवा का नहीं करना है सेवन

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी ने बताया है कि गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस (16वां एम.डी.ए.) कार्यक्रम 11 जनवरी 2020 से जिले में आयोजित किया जाना है जिसमें दो वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को सामूहिक रूप से फाइलेरिया रोधी दवा (डी.ई.सी एवं एलवेन्डाजोल) का सेवन कराया जाना है। केवल गर्भवती माताओं, अतिवृद्ध और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को फायलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं कराना है। पन्ना जिले में माॅप अप राउंड 12 जनवरी एवं 13 जनवरी 2020 को आयोजित होगा। जिसमें दवा सेवन से छूटे हुये लोगों को पुनः घर-घर जाकर दवा सेवकों द्वारा अपने सामने दवा सेवन कराया जावेगा। जिले में दो वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों की अनुमानित संख्या 1072705 है। जिन्हें यह दवा खिलाने के लिये लगभग तीन हजार नौ सौ दवा सेवक एवं तीन सौ नब्बे सुपरवाइजर की ड्यूटी लगाई गयी है।

जिले के 17 गाँव हाईरिस्क श्रेणी में

सांकेतिक फोटो।
उन्होेंने बताया कि पन्ना जिले में फायलेरिया के 1613 मरीज पंजीकृत है। जिनमें से 875 मरीज अंडकोष में सूजन या हाईड्रोसिल और 738 मरीज हाॅथी पांव या लिम्फेडिमा के है। जिले में 17 हाईरिस्क ग्राम-नगर है जिनमें से सबसे ज्यादा 09 ग्राम अजयगढ़ में है। हाईरिस्क ग्राम-नगरों में इस वर्ष विशेष अधिकारियो की ड्यूटी लगाई जावेगी। सम्पूर्ण जिले में ग्राम अभ्युदय दलों के माध्यम से 100 प्रतिशत दवा सेवन का लक्ष्य रखा गया है। जिसकी सफलता नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, शासकीय सेवकों, स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग पर निर्भर है। प्रदेश में फायलेरिया बीमारी की दृष्टि से जिले का स्थान छतरपुर के पश्चात दूसरे क्रम पर है।

दवा का नहीं कोई भी दुष्प्रभाव

जिला मलेरिया एवं फायलेरिया अधिकारी हरिमोहन रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि फायलेरिया बीमारी गन्दे पानी, नालियों में पनपने वाले संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती हैं। यदि सात से आठ वर्ष तक सभी लोग फाइलेरिया की दवा का वर्ष में एक बार सेवन करें तो फाइलेरिया बीमारी के नये प्रकरणो को प्रकट होने से रोका जा सकता है। यह दवा एक तरह से टीका है जो कि एक वर्ष तक फायलेरिया के कृमि से सुरक्षा देती है। फाइलेरिया की दवा डी.ई.सी. और अल्वेन्डाजोल का उम्र के अनुसार सेवन करने पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होते यह पूर्ण रूप से सुरक्षित दवा है केवल ऐसे लोग जिनके शरीर मे फायलेरिया के कृमि पहले से ही मौजूद होते है उन्हे इस गोली को खाने से हल्का बुखार आ सकता है। जो बिना किसी उपचार के स्वतः ठीक हो जाता है ऐसे लोगों को 12 दिन की दवा देना पड़ती है जिससे फायलेरिया का उपचार हो जाता है।

भोजन के बाद करें दवा का सेवन

सांकेतिक फोटो।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी व जिला मलेरिया एवं फायलेरिया अधिकारी हरिमोहन रावत ने पन्ना जिले के समस्त नागरिकों से अपील की है कि आपके घर में 11 से 13 जनवरी 2020 को स्वास्थ्य कार्यकर्ता पहुुंचेगें। जिनमें आशा, आँगनवाडी कार्यकर्ता और स्वयंसेवी सम्मिलित है। भोजन के पश्चात फायलेरिया रोधी दवा का सेवन इन्ही कार्यकर्ताओं के समक्ष अवश्य करें तथा अपने परिवार के सदस्यों की जानकारी प्रदान करें। जिससे कि पन्ना जिले को फायलेरिया बीमारी से बचाया जा सके।